उत्तराखंड में भूस्खलन और बारिश से भारी तबाही!
सुनील नेगी, वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और वायनाड के विभिन्न भागों में हो रही ग्लोबल वार्मिंग और पारिस्थितिकी आपदाओं के कारण सैकड़ों लोगों की जान जाने का खतरा वास्तव में एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न बन गया है, जिसे केंद्र और राज्यों की सरकारों की सक्रिय भागीदारी से शीघ्रता से हल करने की आवश्यकता है, जिसमें बुद्धिजीवियों, पर्यावरणविदों, भूकंप विज्ञानियों, पृथ्वी वैज्ञानिकों, लेखकों, पत्रकारों, विचारकों और सबसे बढ़कर विभिन्न विचारों और विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को शामिल किया जाना चाहिए.
आप इस बात को समझेंगे कि गंगा के बढ़ते प्रदूषण,और ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय की अवनति हम सबकी, पूरे देश और विश्व की है, इसलिए यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि उत्तराखंड के जंगलों में बड़े पैमाने पर लगने वाली आग, जो वहां की वनस्पतियों और ...