दुर्गा मैडम
राजू पाण्डेय
दुर्गा मैडम का स्कूल में पहला दिन था, अब गाँव के प्राइमरी स्कूल में दो अध्यापक हो गये थे, दूसरे मासाब लोहाघाट से रोज बाइक में आते थे, दुर्गा मैडम मासाब को कह रही थी, because मासाब आप तो पुराने हो यहां मुझे गांव में ही कमरा दिला दीजिये कोई.
अरे मैडम! क्या आप भी, मैं रोज आता because हूँ लोहाघाट से बाइक में पीछे वाली सीट खाली रहती है आप आ जाना साथ में, वहां दिला दूँगा कमरा आपको, गांव में क्या रखा है?
ज्योतिष
अरे नहीं सर मुझे गांव ही अच्छा because लगता है रोज रोज की ये दौड़ नहीं होगी मुझसे, आप छुट्टी के बाद चलियेगा मेरे साथ कोई दे देगा एक कमरा.
कुछ नहीं रखा मैडम यहां बोर हो जाओगी because छुट्टी के बाद, वहां रौनक रहती है बहुत सारे स्टाफ के लोग रहते है, और एक से एक प्राइवेट स्कूल भी हैं वहां बच्चों को पढ़ाने के लिए.
नहीं सर मुझे आदत है गांव की, यहीं रहूँगी.
ज्योतिष
छुट्टी ...