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पाञ्चजन्य एवं Organiser के आर्ट डायरेक्टर शशि मोहन रवांल्टा ‘हिलरत्न सम्मान’ से सम्मानित

पाञ्चजन्य एवं Organiser के आर्ट डायरेक्टर शशि मोहन रवांल्टा ‘हिलरत्न सम्मान’ से सम्मानित

दिल्ली-एनसीआर
हिलमेल के रैबार कार्यक्रम में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के हाथों मिला सम्मान प्रदीप रावत 'रवांल्टा' पाञ्चजन्य एवं Organiser के आर्ट डायरेक्टर शशि मोहन रवांल्टा को हिल-मेल की ओर से 'हिलरत्न सम्मान' से सम्मानित किया गया है. शशि को यह सम्मान दिल्ली में आयोजित हिलमेल के रैबार कार्यक्रम में दिया गया. इससे पहले भी शशि मोहन रवांल्टा को कई अन्य सम्मान भी मिल चुके हैं. शशि मोहन रवांल्टा दिल्ली में रहते हैं, लेकिन दिल हमेशा अपने उत्तराखंड और अपनी थाती-माटी के लिए धड़कता है. उन्होंने रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल पेश की. अपनी संस्कृति के प्रति उनका लगाव किसी से छुपा नहीं है. उनको हमेशा ही अपने लोक की चिंता रहती है. केवल चिंता ही नहीं, बल्कि उन्होंने धरातल पर भी काम करके दिखाया. शशि ने नौगांव में रवांई लोक महोत्सव की शुरुआत की. यह महोत्सव रवांई में एक नई सोच ...
आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण

देहरादून
देहरादून : देहरादून के एक होटल में लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त उत्तरकाशी जिले के गैर बनाल निवासी आगम दत्त नौटियाल की पुस्तक ‘मैं और मेरे संस्मरण’ का लोकार्पण कायक्रम सम्पन्न हुआ। लोकार्पण समारोह में ललित मोहन अमोली, विजेंद्र रावत, दिनेश रावत व शशि मोहन रवांल्टा अतिथियों के रूप में आमंत्रित थे। मुख्य वक्ता के रूप में पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकार दिनेश रावत ने कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चाय यह समय और श्रम का सार्थक उपयोग है। लेखक द्वारा जीवन की तमाम खट्टी-मिट्ठी बातों और यादों को सरल शब्दों में जिस ईमानदारी के साथ अभिव्यक्त किया गया, वह प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। पुस्तक में प्रकाशित संस्मरण संघर्ष से उत्कर्ष की कहानी ही बयां नहीं करते हैं, बल्कि उस समय की स्थिति व परिस्थिति से भी परिचित करवाते हैं। पुस्तक में प्रकाशित कई अंश प्रेरणा के नये पथ प्रशस्त करते हैं। इस दौरान वरिष्...
बेटियों की सुरक्षा के लिए माता-पिता का उनसे संवाद जरूरी : श्री कृपाशंकर

बेटियों की सुरक्षा के लिए माता-पिता का उनसे संवाद जरूरी : श्री कृपाशंकर

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हिमांतर ब्यूरो,  नोएडा इस देश के अंदर आज भी सब लोग कानूनों के विषय में नहीं जानते,सिस्टम ऐसा बना है कि एक गरीब व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट तक नहीं जा पाता. हमारे यहाँ सनातन काल से नारी शक्ति स्वरूपा रही है,अबला नहीं शक्तिशाली रही है ,बेशक कुरीतियों के चलते महिलाओं के लिए कुछ सुरक्षा मानक बनाए गए थे. आज भी हमारी बेटियाँ एसपी बनकर असम के जंगलों में आतंकियों का खात्मा करने का साहस दिखा रही हैं,डॉक्टर,वकील,वैज्ञानिक और आदर्श शिक्षक की भूमिका निभा रही हैं,लेकिन आज बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि माता-पिता एकांगी न बनकर घर की बेटी के साथ बैठकर संवाद करें . ये विचार पर्वतीय लोकविकास समिति द्वारा अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के अवसर नोएडा के प्रेरणा भवन में आयोजित शक्तिपर्व संकल्प विचार गोष्ठी एवं हिमालयी मातृशक्ति सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रम...
देवलांग से रू-ब-रू करवाता दिनेश रावत द्वारा लिखित एक तथ्यात्मक गीत

देवलांग से रू-ब-रू करवाता दिनेश रावत द्वारा लिखित एक तथ्यात्मक गीत

साहित्‍य-संस्कृति, सोशल-मीडिया
पूर्णता एवं तथ्यात्मकता के साथ देवलांग की विशेषताओं से परिचय करवाता दिनेश रावत का यह गीत शशि मोहन रवांल्टा सीमांत जनपद उपर साहित्यकार दिनेश रावत द्वारा लिखित गीत अब तक का सबसे पूर्णता एवं तथ्यात्मकता गीत है. रवांई घाटी के सुप्रसिद्ध देवलांग उत्सव की विशेषताओं को दर्शाता यह गीत रामनवमी के अवसर पर लॉन्च किया गया. because गीत साहित्यकार दिनेश रावत ने लिखा, जिसे रवांई घाटी सुप्रसिद्ध गायिका रेश्मा शाह ने आवाज दी और राजीव नेगी ने संगीतबद्ध किया है. गाने को इस तरह से पिरोया गया है कि उसमें देवलांग के आयोजन को आसानी से समझा जा सकता है. देवलांग पर लिखे गए इस गीत को हारूल शैली में गाया व संगीतबद्ध किया गया है. हरताली गीत में देवलांग की तैयारियों से लेकर देवलांग के खड़े होने और वहां से आखिर ओल्ला को मड़केश्वर महादेव तक ले जाने की पूरी जानकारी दी गई है. देवलांग के आयोजन में एक—एक गाँव की हिस्से...