हौंसलों की उड़ान
भारतमाता की सेवा में समर्पित यमुना घाटी के कई लाल
ध्यान सिंह रावत ‘ध्यानी’
सीमान्त जनपद उत्तरकाशी का रवांई क्षेत्र जहां अपनी सांस्कृतिक विविधता प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जग जाहिर है वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी इन सुदूरवर्ती गांवों से निकलने वाले नौजवान ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा कर समूचे देश के साथ कंधे से कंधा मिला रहे हैं. इन सुदूर रवांई क्षेत्र की शांत वादियों में बसे गांव के होनहार नौनिहाल जब विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कामयाबी की सूचना देते हैं तो इन पहाड़ों में बसने वाले सीधे-सादे जन मानस का मस्तिष्क भी पहाड़ सा ऊँचा हो जाता है.
अखिल राणा की माँ कहती है कि अखिल अक्सर मुझे कहता था -‘‘माँ एक दिन मैं सेना में ऑफिसर बन के रहूंगा और देश की सेवा करूंगा.’’
राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में जहां उत्तराखण्ड राज्य देश में अपना विशिष्ट स्थान बनाए है वहीं अब उ...