Tag: देहरादून

गांधी की राह पर (देहरादून : 1919-1947) पुस्तक का लोकार्पण 

गांधी की राह पर (देहरादून : 1919-1947) पुस्तक का लोकार्पण 

साहित्यिक-हलचल
श्री चंद्रशेखर तिवारी दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा समय साक्ष्य प्रकाशन की ओर से आज दून पुस्तकालय के सभागार में लेखक सुनील भट्ट की देहरादून के इतिहास पर सद्य प्रकाशित कृति गांधी की राह पर देहरादून : 1919-1947 के लोकार्पण व पुस्तक पर चर्चा का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. आयोजन के मुख्य अतिथि  सुरजीत किशोर दास, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड थे. मुख्य वक्ता के रूप में अनिल नौरिया, लेखक और अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली  मौजूद थे. बिजू नेगी, गांधीवादी विचारक और लोकेश ओहरी, समाज विज्ञानी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. इस पुस्तक की समीक्षा संजय कोठियाल, सम्पादक युगवाणी ने की. कार्यक्रम का संचालन इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना ने किया. उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद  दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने दिया. कार्यक्रम में तन्मय ममगाईं,  प्रकाशक प्रवीन भट्ट, रानू बिष्ट,  ...
भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

देहरादून
प्रकाश उप्रेती पर्वतीय राज्य का सपना देखने वाले लोग भी किस मिट्टी के बने होंगे न! इस राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों का सपना क्या होगा, कैसी दृढ़ता उनके विचारों में होगी? क्या ये प्रश्न आपके दिमाग में नहीं आते because हैं. तब भी नहीं आते जबकि यह राज्य संसाधनों की लूट से लेकर सपनों की लूट में गर्दन तक डूब चुका है. आपको नहीं लगता है कि इस राज्य के लिए शहीद हुए लोगों के सपनों को हमने 22 वर्षों में ही मिट्टी में मिला दिया है. ऐसा राज्य देखने के लिए  हमारे लोगों ने गोली खाई होगी ? इसके लिए लड़े होंगे! कल 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड और आज 2 सितंबर को मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए लोगों को हम याद कर रहे हैं. परन्तु आज हम अपने शहीदों की शहादत को भूलते जा रहे हैं. उस सपने को हम भूल रहे हैं जो उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए देखा था. ज्योतिष राज्य का दुर्भाग्य यह है कि यहाँ bec...
सवाल गर्व का नहीं शर्म का है…

सवाल गर्व का नहीं शर्म का है…

देश—विदेश
प्रकाश उप्रेती (पहाड़ ने दौड़ाया, पहाड़ दौड़ा, पहाड़ ने देखा और पहाड़ ने गर्व किया) पिछले दो दिनों से पहाड़ ट्विटर से लेकर because फेसबुक और खबरों में छाया हुआ है। पहाड़ का एक लड़का नोएडा की सड़कों पर दौड़ रहा है और हमारा समाज गर्व कर रहा है. कितने गर्व की बात है न कि पहाड़ ने दौड़ाया, पहाड़  दौड़ा, पहाड़ ने देखा और पहाड़ ने गर्व किया। दो दिनों से हमारा समाज उस लड़के की लगन, परिश्रम, ज़ज्बे, साहस, पर बिना आईना देखे गर्व से भर गया है. ज्योतिष बड़े-बड़े संस्थानों में बैठे मठाधीशो, because नेताओं के साथ गलबहियां करने वाले पहाड़ के गर्बिले लोगो, अगर तुम्हारे काँच के मकानों में कहीं आईना हो तो because उसके सामने खड़े होकर अपना चेहरा देखते हुए सोचना कि अल्मोड़ा का वह लड़का सेना में भर्ती होने के लिए सुबह 8 बजे से रात के 11 बजे तक यानी 15 घण्टे मैक्डोनाल्ड में काम करने के बाद 10 किलोमीटर नोएडा की कोल्तार की सड़कों...
उत्तराखंड जलमग्न 50 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लोग रास्तों में फंसे

उत्तराखंड जलमग्न 50 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लोग रास्तों में फंसे

देहरादून, नैनीताल
हिमांतर ब्यूरो, नैनीताल/देहरादून पहाड़, मानवजनित आपदा because से जूझ रहा है. पूरे उत्तराखंड में 4 दिनों की लगातार मूसलाधार बारिश ने काफी नुकसान किया है. इस त्रासदी में  50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. पहाड़ों की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद हैं. 5 बड़े पुल because और सैकड़ों जगह से सड़क टूट चुकी है. 'ऑल वेदर रोड' की हालत सबसे खराब है. यह किसी भी 'वेदर' में सीधे 'गाड़-गध्यर' में जा रही है जबकि इसको बनाते हुए 'अनंत काल' तक टीके रहने की घोषणा हुई थी. ज्योतिष इस समय पहाड़ के सभी जिले जलमग्न हैं. हर वर्ष इस मौसम में पहाड़ों में बारिश होती है लेकिन ऐसी बारिश आज से पहले नहीं हुई. पहाड़ की सारी नदियाँ- गाड़-गधेरे उफान पर हैं. because खासकर कुमाऊँ के नैनीताल, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले इस आपदा से ज्यादा प्रभावित हैं. पिछले दो दिनों में इन इलाकों में हुई बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. नैनीताल...
इतिहास के पन्नों से : दिल्ली, दून और नहर की लड़ाई

इतिहास के पन्नों से : दिल्ली, दून और नहर की लड़ाई

इतिहास
स्वीटी टिंड्डे  वर्ष था 1841, देहरादून का वो हिस्सा जो यमुना और सीतला नदी के बीच का था वो बंजर था, न खेती और न ही जंगल. कृषि विकास में अंग्रेजों का जमींदारों पर because से विश्वास ख़त्म हो चुका था और सरकार धड़ल्ले से नहर की खुदाई करवा रही थी. देहरादून में ही एक नहर (बीजापुर) बन चुका था दूसरा (राजपुर) बन रहा था और तीसरे पर विचार हो रहा था. ये तीसरा था, कुत्था पुत्थौरbecause नहर जिससे 17000 एकड़ जमीन की सिंचाई होने वाली थी. भू-राजस्व विभाग ने अप्रैल में योजना बनाई, जुलाई में दिल्ली-करनाल क्षेत्र के राजस्व विभाग ने आपत्ति जाहिर की, अक्टूबर में मेरठ के कमिश्नर ने स्वीकृति दी, अगले साल अप्रैल तक राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी. बीजापुर 90307 रुपए का खर्च बताया, सरकार ने एक लाख स्वीकृत कर दी. पाँच आने प्रति बीघा की दर से सिंचाई कर लगती जिससे सरकार को 7000 रुपए वार्षिक की आमदनी because होनी...
कर्फ्यू नियमों का पालन ना करने वालों के विरुद्ध पंजीकृत किए जाएगा मुकदमा

कर्फ्यू नियमों का पालन ना करने वालों के विरुद्ध पंजीकृत किए जाएगा मुकदमा

देहरादून
कोरोना कर्फ्यू को लागू करने के लिए दून पुलिस ने कसी कमर, कर्फ्यू नियमो का पालन न करने वालो के विरुद्ध पंजीकृत किये जायेगे मुकदमे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तैयार किया खाका, सभी क्षेत्राधिकारीयो, थाना प्रभारीयों को जारी किये दिशा-निर्देश. हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून वर्तमान में कोविड -19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण में हो रही निरंतर वृद्धि के दृष्टिगत जनहित में जिला मजिस्ट्रेट देहरादून द्वारा जनपद देहरादून के नगर निगम क्षेत्र देहरादून, ऋषिकेश तथा छावनी परिसर गढ़ी कैन्ट व क्लेमनटाउन क्षेत्रो में दिनांक 26 अप्रैल की सांय 7 बजे से दिनांक 3 मई की प्रातः5 बजे because तक पूर्ण कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है.उक्त कर्फ्यू के दौरान नियमो का कड़ाई का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा इस दौरान आमजन मानस को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी से बचाने के दृष्टिगत आज दिनांक 26 को वरिष्ठ प...
उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

इतिहास, उत्तरकाशी
प्रदीप रावत (रवांल्टा)  इतिहास को समझना और जानना बहुत कठिन है. परत दर परत, जितनी भी नई परतों को कुरेदते जाएंगे, हर परत के पीछे एक नई परत निकल आती है. इतिहास का प्रयोग विशेष रूप से दो अर्थों में किया जाता है. एक है प्राचीन या विगत काल की घटनाएं और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा. इतिहास शब्द का because तात्पर्य है कि "यह निश्चय था". ग्रीस के लोग इतिहास के लिए हिस्तरी शब्द का प्रयोग करते थे. हिस्तरी का शाब्दिक अर्थ बुनना होता है. ऐतिहासिक धरोहर इतिहास की कुछ ऐसी ही बुनावट उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले की यमुना घाटी (Yamuna Valley) में बिखरी पड़ी है. इस बनुवाट के बिखराव पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. पुरातात्विक महत्व की इस ऐतिहासिक धरोहर को आज तक संजोन का प्रयास भी नहीं किया गया. पहली बार इतिहासकार डॉ. विजय बहुगुणा because ने यमुना घाटी के देवल गांव में बिखरी इतिहास की कुछ ऐ...
देहरादून में नाइट कर्फ्यू, 30 अप्रैल तक सभी स्कूल रहेंगे बंद

देहरादून में नाइट कर्फ्यू, 30 अप्रैल तक सभी स्कूल रहेंगे बंद

देहरादून
पिछले कुछ दिनों से देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. राज्य में सबसे अधिक कोरोना के मामले देहरादून में ही हैं. इसके अलावा हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. हिमांतर ब्‍यूरो, देहादून उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए तीरथ सिंह रावत कैबिनेट ने राजधानी देहरादून में रात का कर्फ्यू (Night curfew) लगाने का फैसला किया है. कैबिनेट ने चकराता, कालसी क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण देहरादून जिले, हरिद्वार जिले, नैनीताल नगर पालिका एवं हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में कक्षा एक से 11वीं तक के सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रखने पर मुहर लगाई है. इन जगहों पर 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं की आफलाइन पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने पिछली त्रिवेंद्र सरकार के गैरसैंण को कमिश्नरी बना...
गढ़वाल की प्रमुख बोलियाँ एवं उपबोलियाँ

गढ़वाल की प्रमुख बोलियाँ एवं उपबोलियाँ

साहित्‍य-संस्कृति
संकलनकर्ता : नवीन नौटियाल उत्तराखंड तैं मुख्य रूप सै गढ़वाळ और कुमौ द्वी मंडलूं मा बंट्यु च, जौनसार क्षेत्र गढ़वाळ का अधीन होणा बावजूद अपणी अलग पैचाण बणाण मा सफल रै। इले ही यु अबि बि विवादौकु बिसै च कि जौनसारी एक स्वतंत्र भाषा च कि गढ़वळी की एक उपबोली च। [उत्तराखंड को मुख्य रूप से गढ़वाल और कुमाऊँ दो मंडलों में विभाजित किया गया है, जौनसार क्षेत्र गढ़वाल के अधीन होने के बावज़ूद अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने में सफल हुआ है। इसीलिए यह अभी भी विवाद का विषय है कि जौनसारी एक स्वतंत्र भाषा है या गढ़वाली की ही एक उपबोली है।] गढ़वळी का अंतर्गत आंण वळी मुख्य बोली और उपबोली ई छन – [गढ़वाली के अंतर्गत आने वाली प्रमुख बोलियाँ और उपबोलियाँ इस प्रकार हैं –] #जौनसारी - गढ़वाल मंडल के देहरादून जिले के पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र जौनसार-बावर में #जौनपुरी - टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र में #रवाँल्टी - उत्तरकाशी ज...
मन में अजीब से ख़्याल उपज रहे थे…

मन में अजीब से ख़्याल उपज रहे थे…

संस्मरण
जवाबदेही की अविस्मरणीय यात्रा भाग-2 सुनीता भट्ट पैन्यूली हमारा रिक्शा छन-छन घुंघरुओं की सी आवाज़ निकालते हुए हवा से बातें करते हुए कॉलेज की ओर जा रहा था, रिक्शा एक पतली तंग भीड़-भाड़ वाली गली में घुसा, ऐसा महसूस हो because रहा था मानो दुनिया भर के सारे मेहनत करने वाले हाथ अपनी-अपनी रोटी जुटाने के लिए उमड़े हों, यहां इस गली में सड़क पर कोई उबले अंडे, कोई शकरकंदी, कोई मुंगफली के साथ ठेली में अम्रक बेच रहा था, तो कोई भूने हुए पापड़. कोई गज्जक बेच रहा था, कोई काला चश्मा पहनकर वैल्डिंग से लोहे की सरियाओं को खिड़कियों और दरवाज़े का आकार दे रहा था. इस मेहनत वाली गली में दांयी तरफ एक छोटी-सी मस्ज़िद से होकर भी गुजरना हुआ, मुझे मालूम नहीं था कि अनजाने में ही सही पर दोबारा एक साल तक कॉलेज आने-जाने के लिए मैंने पहचान स्वरुप इस छोटी-सी मस्जिद की पक्की तस्वीर अपने ज़ेहन में बैठा ली थी. खोलकर...