Tag: देवभूमि

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प ह. समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हमारे प्रयास निरन्तर जारी है. अनुकूल औद्योगिक नीति, शांत औद्योगिक वातावरण, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों तथा पूंजी निवेश में वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है. नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी 2023-24 की एसडीजी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों की कसौटी पर खरा उतरते हुए पूरे देश में पहल...
ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों ने किया वृक्षारोपण

ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों ने किया वृक्षारोपण

उत्तराखंड हलचल
सैंता यूं थे इन जन अपणु नौनु-नौनी जाणी औलाद तुम्हारी सेवा बिसरी भी जाली पर छैल दींन नि बिसराली ये डाली सैंता यूं थे इन जन अपणु नौनु-नौनी जाणी बाला जन ही हुंदिन ये डाली जब रखिलया यूं थे पाली तभी चमकली तुम्हारी घौर की हरियाली कुछ इन्ही भावों के साथ ‘ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड’ के स्वयंसेवकों द्वारा अलग—अलग स्थानों पर पौधा रोपण कार्यक्रम किया गया. पौधारोपण कार्यक्रम के पश्चात विद्वान जनों द्वारा सभी को संबोधित करते हुए बताया गया कि पर्यावरण में संरक्षण हेतु पौधा रोपण करना एवं उनके संरक्षण के लिए कार्य करने की अति आवश्यकता है. प्रकृति से जुड़ने के लिए उनके संवर्धन के लिए कार्य किए जाने चाहिए. प्रकृति के अति दोहन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. यह हम सभी का कर्तव्य है कि जिस प्रकृति से हवा पानी ईंधन मिलता है, उसके लिए हमको एक साथ मिलकर कार्य कर उसके संरक्षण के लिए आगे...
उत्तराखंड : पहले पिता फिर बेटी और बेटा भी बना सेना में अफसर, ऐसे ही ‘वीरभूमि’ नहीं कहलाती ‘देवभूमि’

उत्तराखंड : पहले पिता फिर बेटी और बेटा भी बना सेना में अफसर, ऐसे ही ‘वीरभूमि’ नहीं कहलाती ‘देवभूमि’

उत्तराखंड हलचल
देहरादून: उत्तराखंड की समृद्ध सैन्य परंपरा रही है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी सेना में अपने सेवाएं दे रहे हैं। कई परिवार की तो तीन-चार पीढ़ियां तक सेना का हिस्सा रही हैं। उत्तराखंड का शायद ही कोई गांव ऐसा होगा, जहां से कोई सेना के किसी अंग में शामिल ना हो। ऐसा ही एक परिवार देहरादून का भी है। देहरादून निवासी लेफ्टिनेंट ईशान डेविड वाशिंगटन अपने पिता कर्नल संजय वाशिंगटन के ही नक्शे कदम पर चल निकले हैं। वह आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हो गए हैं। ईशान ने बचपन में ही ठान लिया था कि वो भी अपने पिता की तरह ही सेना में अफसर बनेगा और उसे वह मुकाम हासिल कर दिखाया। बड़ी बात यह है कि लेफ्टिनेंट ईशान उसी सिख रेजिमेंट में कमीशन हुए हैं, जिसमें 32 वर्ष पूर्व उनके पिता कमीशन हुए थे। केवल ईशन और उनके पिता ही नहीं। उनकी बहन इशिका डेविड वाशिंगटन भी सेना में अफसर हैं। इशिका 2022 में ओटीए से पासआउट हुई हैं। वह लेफ्टिने...
उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर ‘देवभूमि’ नाटक का सफल मंचन

उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर ‘देवभूमि’ नाटक का सफल मंचन

कला-रंगमंच
हिमांतर ब्यूरो नई दिल्ली। राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर तथा ओलम्पिक थिएटर तक का सफर तय कर चुकी वर्ष 1968 में स्थापित सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली द्वारा 18 मार्च 2024 को मंडी हाउस स्थिति एल टी जी सभागार नई दिल्ली में उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर चंद्र मोहन पपनै द्वारा लिखित हिंदी नाटक 'देवभूमि' का प्रभावशाली मंचन खचाखच भरे सभागार में सुमन वैद्य के कुशल निर्देशन में मंचित किया गया। उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर गीत, संगीत, नृत्य व संवाद आधारित मंचित किए गए 'देवभूमि' नामक हिंदी नाटक का कथासार उत्तराखंड के आध्यात्म, जनजीवन, वीरता की मिशाल, पर्यावरण, महिलाओं के कठिन परिश्रम तथा ग्रामीणों की अंचल की परंपराओं के प्रति निष्ठा व विश्वास, रोजगार व उद्योगों के अभाव, व्याप्त विकृतियों व उनके समाधान से परिपूर्ण था। मंचित नाटक रंगमंच की हर विधा से ओतप्रोत, अति प्रभावशाली व उच्च स्तरीय था। ख...
देवभूमि में बिकेगी नई “मेट्रो शराब”, ऐसे कैसे होगी नशा मुक्त?

देवभूमि में बिकेगी नई “मेट्रो शराब”, ऐसे कैसे होगी नशा मुक्त?

उत्तराखंड हलचल
देहरादून: देवभूमि को अब तक जड़ी-बूटी प्रदेश और आयुष प्रदेश बनाने के दावे किए जाते रहे हैं। देवभूमि को सरकार ने 2025 तक नशा मुक्त और ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन, इससे उलट यह प्रदेश शराब प्रदेश बनाने की ओर जरूर बढ़ रहा है। राज्य में अंग्रेजी और देशी शराब तो बिकती ही है। साथ दूसरे प्रदेशों से भी शराब की तस्करी होती रहती है। इतना ही नहीं कच्छी शराब बनाने का अवैध धंधा भी जारी है। प्रदेश में जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आते रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग तरह के ड्रग्स तस्करी भी किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार को मेट्रो शराब बनाना जरूरी था? क्या ऐसा करके सरकार देवभूमि को नशे के गर्त में धकेलने का काम नहीं कर रही है? प्रदेश में अब नई आबकारी नीति के तहत नई मेट्रो शराब बिकेगी। इस नई शराब को विदेशी मदिरा की दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा। इस शराब को उत...
दुःखद खबर : देवभूमि का एक और लाल शहीद

दुःखद खबर : देवभूमि का एक और लाल शहीद

उत्तराखंड हलचल
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से पूरे उत्तराखण्ड के लिए दुखद खबर सामने आ रही है।  किरू में तैनात भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान दीपक सिंह सुगड़ा के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट क्षेत्र के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में भी शोक की लहर दौड़ गई है। बताया गया है कि शहीद जवान दो सप्ताह पूर्व ही छुटियां पूरी कर अपनी ड्यूटी पर गए थे। वह 2 बार पैरा स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग ले चुके थे। मिली जानकारी के मुताबिक मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के बेलपट्टी क्षेत्र के सुगड़ी गाँव निवासी दीपक सुगड़ा पुत्र सोहन सिंह भारतीय सेना में कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के किरू में थी, जहां गुरूवार को वे शहीद हो गए। हालांकि अभी ...
राजस्थान के रण में अहम भूमिका निभाएगी देवभूमि की बेटी, मिली अहम जिम्मेदारी

राजस्थान के रण में अहम भूमिका निभाएगी देवभूमि की बेटी, मिली अहम जिम्मेदारी

देश—विदेश
राजस्थान: देवभूमि की बेटी भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज को राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने जिम्मेदारी मिलने के साथ ही अपने मिशन भी शुरू कर दिया है। लगातार लोगों को बीच पहुंचकर राजस्थान की गहलोत सरकार को बेनकाब करने का काम कर रही हैं। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री और उदयपुर जिला प्रवासी प्रभारी दीप्ति रावत ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यों, जनहितैषी नीतियों, सुशासन और विकास का रोड मैप लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान महिला अपराध में नंबर वन पर पहुंच गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की पहल कर नारी का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा उदयपुर शहर के नारी शक्ति सम्मेलन में महिलाओं को जी...
न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

साहित्‍य-संस्कृति
डॉ. मोहन चंद तिवारी "नारी! तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पगतल में. पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में..”                       –जयशंकर प्रसाद 8 मार्च का दिन समूचे विश्व में 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के रूप में मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं को स्नेह, सम्मान और उनके सशक्तीकरण का भी दिन है. because हिंदी के जाने माने महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की उपर्युक्त पंक्तियों से भला कौन अपरिचित है जिन्होंने श्रद्धा और विश्वास रूपिणी नारी को अमृतस्रोत के रूप में जीवन के धरातल में उतारा है. प्राचीन काल से ही हमारे समाज में नारी का विशेष आदर और सम्मान होता रहा है. हमारे पौराणिक ग्रंथों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है. हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियां वहीं पर निवास करती हैं जहां पर समस्त so नारी जाति को प्रतिष्ठा व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. कोई भी परिवार,...
पर्यावरण को समर्पित उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला

पर्यावरण को समर्पित उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला

साहित्‍य-संस्कृति
अशोक जोशी देवभूमि, तपोभूमि, हिमवंत, जैसे कई  पौराणिक नामों से विख्यात हमारा उत्तराखंड जहां अपनी खूबसूरती, लोक संस्कृति, लोक परंपराओं धार्मिक तीर्थ स्थलों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है,  तो वहीं यहां के लोक पर्व भी पीछे नहीं, जो इसे ऐतिहासिक दर्जा प्रदान करने में अपनी एक अहम भूमिका रखते हैं. हिमालयी, धार्मिक व सांस्कृतिक राज्य होने के साथ-साथ देवभूमि उत्तराखंड को सर्वाधिक लोकपर्वों वाले राज्य के रूप में भी देखा जाता है. विश्व भर में कोई त्यौहार जहां वर्ष में सिर्फ एक बार आते हैं तो वही हरेला जैसे कुछ लोक पर्व देवभूमि में वर्ष में तीन बार मनाए जाते हैं. हरेला लोक पर्व उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है, जो विशेषकर राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में अधिक प्रचलित है. कुछ लोगों के द्वारा चैत्र मास के प्रथम दिन  इसे बोया जाता है, तथा नवमी के दिन काटा जाता है. तो कुछ जनों के द्वारा साव...