Tag: दून पुस्तकालय

वयस्कता की दहलीज पर आ पहुंचा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र

वयस्कता की दहलीज पर आ पहुंचा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र

देहरादून
चन्द्रशेखर तिवारी दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र (Doon Library And Research Centre) ने 17 वर्ष की उम्र पार कर आज वयस्कता की दहलीज पर पदार्पण किया है. यह हम सबके लिए वाकई गौरव का पल है. 8 दिसम्बर 2006 को देहरादून में एक स्वायत्तशासी संस्था के रुप में इस संस्था ने कार्य करना प्रारंभ किया था. माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा परेड ग्राउंड स्थित परिसर में उपलब्ध कराये गये कुछ कक्षों से करीब 16 साल संचालित होने के बाद अब यह संस्थान अब लैंसडाउन चैक पर अपने नये भवन में स्थापित हो चुका है. इस बात पर कोई अतिशयोक्ति न होगी कि इस अवधि में ही दून पुस्तकालय एवम् शोध केन्द्र ने न केवल देहरादून अपितु देश-प्रदेश में भी अपनी एक विशेष कायम कर ली है. आम पाठकों,बुद्धिजावियों, लेखक,साहित्यकारों तथा सामाजिक विज्ञान के अध्येताओं के हित में स्थापित इस आदर्श ज्ञान संसाधन केन्द्र की परिकल्पना के मूल में म...
भारती आनन्द ‘अनन्ता’ के पहला काव्य संकलन का लोकार्पण

भारती आनन्द ‘अनन्ता’ के पहला काव्य संकलन का लोकार्पण

देहरादून
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी और प्रसिद्ध साहित्यकार महाबीर रवांल्टा ने दून पुस्तकालय के सभागार में संयुक्त रूप से किया लेखिका एवं उद्घोषिका भारती आनन्द अनन्ता के पहला काव्य संकलन का लोकार्पण पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी और प्रसिद्ध साहित्यकार महाबीर रवांल्टा ने दून पुस्तकालय के सभागार में संयुक्त रूप से किया है. इस दौरान पद्मश्री जगूड़ी ने कहा कि यह इक्कसवीं सदी की कवियत्री का पहला काविता संकलन है जिसमें आज की महिलाओं की स्वच्छन्दता का वर्णन किया है. कविताओं में पुरानी तुकबन्दी की को नये रूप में प्रस्तुत किया गया है. कविता की हर एक पंक्ति कुछ कहती है. उन्होंने कहा कि महिला की स्वतन्त्रता पर और कई कविताएं पाठको के बीच में है मगर भारती आनन्द अनन्ता ने स्वतन्त्रता की परिभाषा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया है. लोकार्पण समारोह में मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार महाबीर रवांल्टा ने कहा कि भारती की कविता ज...