Tag: तुंगनाथ मंदिर

चंद्रशिला: राम, रावण और चंद्रमा ने जहां तपस्या कर शिव को किया प्रसन्न!

चंद्रशिला: राम, रावण और चंद्रमा ने जहां तपस्या कर शिव को किया प्रसन्न!

ट्रैवलॉग
यात्रा वृत्तांत  जे पी मैठाणी/फोटो– पूनम पल्लवी पहाड़ अडिग हैं – तुंग यानी पर्वत या चोटी के शीर्ष के साथ. यात्रा आगे जारी है – चन्द्रशिला की ओर , जो 2 किलोमीटर ऊपर है – तुंगनाथ मंदिर से . पिछले लेख में मैंने – आप सभी को श्री तुंगनाथ शिव मंदिर के बारे में बताया था - अभी हमने श्री तुंगनाथ के दर्शन किये – पाँव बुरी तरह से ठन्डे हो गए हैं, जूते बदलने वाले स्थान पर बहुत भीड़ है मंदिर के दाहिने ओर छोटे – छोटी कटुवा पत्थर के  पांडवों के मंदिर भी है. तुंगनाथ मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने जो नंदी विराजमान है लगता है बेहद शांत हैं , उनके सारे शरीर पर चन्दन, लाल पिठाई (रौली)  चांवल पोत दिए गए हैं, भक्त नंदी के कान में मंत्र या अपने अपने मनोकामना की प्रार्थना कर रहे हैं  ऐसा ही ठीक मैंने भी किया  जीवन में पहली बार पर माँगा कुछ नहीं. इस सारे परिदृश्य  और शिव के जयकारों के बीच हमने मंदिर प्र...
एक ऐसी चोटी जहां भगवान शिव ने धारण किया था महेश रूप!

एक ऐसी चोटी जहां भगवान शिव ने धारण किया था महेश रूप!

धर्मस्थल
तुंगनाथ यात्रा, पहले पड़ाव की यात्रा कथा जे. पी. मैठाणी/ फोटो : पूनम पल्लवी ये हल्की – हल्की ठण्ड भरी 17 अक्टूबर की सुबह थी , हालांकि इस यात्रा के लिए – हरी , नरेन्द्र और पूनम के साथ दो महीने से तैय्यारी चल्र रही थी लेकिन बाद में सिर्फ फाइनली पूनम ही इस यात्रा के लिए पीपलकोटी आयी , और इसके साथ मैंने भी बहुत दिनों से जो सोचा था कि, तीन बार पहले भी चंद्रशिला जाने के मौके मिले थे लेकिन जा नहीं पाया. इस बार यह संभव हो पाया. पहले 2018 में पंचकेदार – मैराथन ट्रेक के दौरान भी मुझे चंद्रशिला से थोड़े से ही नीचे रुकना पड़ा था – और ऐसे ही हुआ था पिछले दो मौकों पर ( 1993 और 1997 ( ज्यादा उंचाई होने और ऑक्सीजन की कमी से एक ट्रेकर के नाक से खून निकलने लगा था ) जब बिलकुल चंद्रशिला के निकट था लेकिन पास से ही वापस आना पड़ा. लेकिन इस बार आखिरकार ऐसा समय आया जब पंचकेदार के एक शानदार- केदार बेहद आध्यात्...