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कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला-रंगमंच, देहरादून
मनोहर चमोली ‘मनु’ जगमोहन बंगाणी की कूची से बनी पेंटिंग्स भारत से बाहर स्पेन, कोरिया, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे देशों में उपस्थित हैं. कला के पारखी समूची दुनिया में हैं और वे अपने घरों-कार्यालयों में रचनात्मकता को भरपूर स्थान देते हैं. बंगाणी मानते हैं कि कला because आपके अपने अनुभव से आत्म-साक्षात्कार कराती है. वह स्वयं को जानने का एक असरदार साधन होती है. कला मन के भीतर चल रहे विचारों का प्रतिबिंब होती है. आप उसे बिना कहे हजारों शब्द दे सकते हैं. ज्योतिष कला के क्षेत्र में बंगाणी एक ऐसे चित्रकार हैं जो अभिनव प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. लीक से हटकर अलहदा पेंटिग के लिए वह जाने जाते हैं. भारत के उन चुनिंदा चित्रकारों में वह एक हैं जो नए प्रयोग और दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं. बंगाणी अब दिल्ली में रहते हैं. अलबत्ता उनकी जड़ें उत्तराखण्ड के मोण्डा, बंगाण से जुड़ी हुई हैं. हिमाचल because की संस्कृ...