सांस्कृतिक, धार्मिक और पहाड़ी धरोहर की प्रतीक ‘पहाड़ी गागर’
5 ‘ज’ पर निर्भर है पहाड़ी जीवन- शैली
आशिता डोभाल
मानव सभ्यता में जल, जंगल, जमीन, जानवर और जन का महत्वपूर्ण स्थान रहता है यानी कि हमारी जीवन-शैली 5 तरह के ‘ज’ पर निर्भर रहती है और ये सब कहीं न कहीं हमारी आस्था because और धार्मिक आयोजनों के प्रतीक और आकर्षण के केंद्र बिंदु भी होते है और सदियों से ये अपना स्थान यथावत बनाए हुए है।
संस्कृति
आज आपको पहाड़ की एक ऐसी धरोहर की खूबसूरती से रू-ब-रू करवाने की कोशिश करती हूं जो अपने आप में खूबसूरत तो है, हमारी समृद्ध संस्कृति और संपन्न विरासत को भी because अपने में समाए हुए है. ये महज एक बर्तन नहीं बल्कि हमारी धरोहर है, जिसे हमारे बुजुर्गों ने हमे सौंपा है. ये अपने में कहावतों को भी समाए हुए हैं, ऐसी ही एक धरोहर है जिसका पहाड़ की रसोई में महत्वपूर्ण स्थान है उसका नाम है ‘गागर’.
संस्कृति
गागर में सागर जैसी कहावत को सुनने से प्रतीत होता है कि...