Tag: कुमाऊँ रेजिमेंट

नायक गोपाल सिंह धामी   

नायक गोपाल सिंह धामी   

स्मृति-शेष
प्रकाश चन्द्र पुनेठा, सिलपाटा, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ में हमारे देश के दो पड़ोसी देशों की सीमाए मिलती हैं, उत्तर में तिब्बत के साथ और पूर्व में नेपाल के साथ। एक प्रकार से जिला पिथौरागढ़ अति संवेदनशील क्षेत्रों के अन्तर्गत आता है। हमारे देश भारत और पड़ौसी मित्र देश नेपाल के मध्य समाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टी से हम समान रुप से हैं, दोनों देशों की जनता के मध्य चाहे नेपाल से भारत या भारत से नेपाल आवागमन के लिए वीजा की आवश्यक नही है। नेपाल के साथ हमारे देश का मित्रवत व्यवहार है। सीमांत जिला पिथौरागढ़ और नेपाल के महाकाली अंचल के मध्य पूर्व से ही अति घनिष्ठ संबंध रहे है। मध्य में काली नदी दोनों देशों की सीमा रेखा है। काली नदी का उद्दगम स्थल जिला पिथोरागढ़ की धारचूला तहसील के कालापानी क्षेत्र में है। काली नदी दो देशों भारत और नेपाल की अन्तर्राट्रीय सीमा रेखा है। काली नदी अन्तार्राट्रीय सी...
कैप्टन गुमान सिंह चिराल : प्रशिक्षण के समय बहाया पसीना युद्ध में खून को बचाता है!

कैप्टन गुमान सिंह चिराल : प्रशिक्षण के समय बहाया पसीना युद्ध में खून को बचाता है!

पिथौरागढ़
प्रकाश चन्द्र पुनेठा, सिलपाटा, पिथौरागढ़ उत्तराखंड का सीमांत जिला पिथौरागढ़ के अन्तर्गत मुनस्यारी एक अति सुन्दर, रमणीय व प्राकृतिक सौन्दर्य युक्त विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, और तिब्बत की सीमा से लगा हुआ है. इसके अतिरिक्त मुनस्यारी परिश्रमी, बहादुर, शौर्यशाली, व साहसी लोगों की धरती है. मुनस्यारी के निकट, गोरी नदी के किनारे, मदकोट नामक सुन्दर कस्बा है. पिथौरागढ़ से मदकोट की दूरी लगभग 123 किलोमीटर है. मदकोट के दूर-दराज गांवों के नवयुवक भारतीय सेना का अभिन्न अंग बनने के अधिक लालायित रहते हैं. इस क्षेत्र के अधिकतर नवयुवक सत्रह वर्ष की आयु पूरी होते ही सेना में भर्ती होने को प्राथमिकता देते हैं. इसलिए कह सकते है कि मदकोट एक सैनिक बहुल क्षेत्र है. मदकोट से लगभग 8 किलोमीटर दूर चैना गांव के कैप्टन गुमान सिंह चिराल का सैनिक जीवन वृतांत भी संघर्षमय रहा है. गुमान सिंह जब मात्र दो माह की शिशु अवस्था म...
हैदराबाद निजाम की सेना से कुमाऊँ रेजिमेंट तक, कुमाउँनियों की सैनिक जीवन यात्रा

हैदराबाद निजाम की सेना से कुमाऊँ रेजिमेंट तक, कुमाउँनियों की सैनिक जीवन यात्रा

साहित्‍य-संस्कृति
प्रकाश चन्द्र पुनेठा, सिलपाटा, पिथौरागढ़ विश्व के इतिहास का अध्यन करने से ज्ञात होता है कि इतिहास में उस जाति का नाम विशेषतया स्वर्ण अक्षरों से उल्लेखित किया गया है, जिस जाति ने वीरता पूर्ण कार्य किए हैं. विश्व के इतिहास में अनेक प्रकार की युद्ध की घटनाओं का विस्तृत वर्णन मिलता हैं. इन युद्ध की घटनाओं में वीरतापूर्ण संधर्ष करने वाले वीर व्यक्तियों की गाथा का वर्णन अधिक किया गया है. शक्तिशाली, साहसी तथा वीर व्यक्तियों ने अपने स्वयं के जीवन का बलिदान देकर अपने कुल, परिवार व जाति का नाम वीर जाति में सम्मिलित किया गया हैं. हमारे देश में भी अनेक वीर जातियों का नाम उनके वीरतापूर्ण कार्यो से, व आत्मबलिदान से, हमारे देश के इतिहास में दर्ज हैं. इन बहादुर जातियों ने रणक्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र दोनो जगह अपनी श्रेष्ठता का झंडा बुलंद किया हैं. किसी शक्तिशाली राष्ट्र की शक्ति का आभास उस राष्ट्र की...
हैदराबाद निजाम की सेना से कुमाऊँ रेजिमेंट तक, कुमाउँनियों की सैनिक जीवन यात्रा

हैदराबाद निजाम की सेना से कुमाऊँ रेजिमेंट तक, कुमाउँनियों की सैनिक जीवन यात्रा

इतिहास
प्रकाश चन्द्र पुनेठा विश्व के इतिहास का अध्यन करने से ज्ञात होता है कि इतिहास में उस जाति का नाम विशेषतया स्वर्ण अक्षरों से उल्लेखित किया गया है, जिस जाति ने वीरतापूर्ण कार्य किए हैं. विश्व के but इतिहास में अनेक प्रकार की युद्ध की घटनाओं का विस्तृत वर्णन मिलता हैं. इन युद्ध की घटनाओं में वीरतापूर्ण संधर्ष करने वाले वीर व्यक्तियों की गाथा का वर्णन अधिक किया गया है. शक्तिशाली, साहसी तथा वीर व्यक्तियों ने अपने स्वयं के जीवन का बलिदान देकर अपने कुल, परिवार व जाति का नाम वीर जाति में सम्मिलित किया गया हैं. हमारे देश में भी अनेक वीर जातियों का नाम उनके वीरतापूर्ण कार्यो से, व आत्मबलिदान से हमारे देश के इतिहास में दर्ज हैं. इन बहादुर जातियों ने रणक्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र दोनो जगह अपनी श्रेष्ठता का झंडा बुलंद किया हैं. नेपाल किसी शक्तिशाली राष्ट्र की शक्ति का आभास उस राष्ट्र की सेना के अ...