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ऑपरेशन सिलक्यारा : प्लान-दर-प्लान और आदेश-निर्देश, आखिर कब तक?

ऑपरेशन सिलक्यारा : प्लान-दर-प्लान और आदेश-निर्देश, आखिर कब तक?

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी : ऑपरेशन सिलक्यारा को 9 दिन पूरे हो गए हैं। पिछले 9 दिनों से एक के बाद एक रेस्क्यू कार्यों में जुटी एजेंसियां प्लान-दर-प्लान बनाने में जुटी हैं। लेकिन, अब तक कोई भी प्लान सफल नहीं हो पाया है। अधिकारी और मंत्रियों का आने का सिलसिला भी जारी है। इन सब के बीच केवल और केवल आदेश और निर्देश देने का दौर चल रहा है। सवाल है कि आखिर यह सब कब तक यह सब चलता रहेगा? टनल में फंसी 41 जिंदगियों को कब बचाया जाएगा? टनल में कैद मजदूरों के परिजनों का कहना है कि सरकार जल्द कुछ करे, कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए। इस बीच टनल के ऊपर पहाड़ी से बोरिंग करने का जो काम होना था। उसमें भी काम शुरू होने से पहले ही अड़चनें आ गई हैं। मशीनों को पहाड़ी के ऊपर तक पहुंचाने के लिए बनाई जा रही सड़क का काम फिलहाल रोकना पड़ा है। बताया जा रहा है सड़क निर्माण के दौरान टनल के भीतर कुछ कंपन महसूस हुआ, जिसके बाद फिलहाल काम रोकना...
ऑपरेशन सिलक्यारा: टूट रहा सुरंग में कैद 41 मजदूरों का हौसला, बोले..कुछ कर भी रहे हो या…?

ऑपरेशन सिलक्यारा: टूट रहा सुरंग में कैद 41 मजदूरों का हौसला, बोले..कुछ कर भी रहे हो या…?

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शुरू किया गया रेस्क्यू आज आठवें दिन भी जारी है। लेकिन, अब तक किए गए सारे प्रयास नाकाम साबित हुए हैं। सवाल यह है की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकलने में आखिर और कितना वक्त लगेगा? इन सवालों का जवाब ना दो नवयुगा कंपनी के पास है और ना ही रेस्क्यू में जुटी देश की टॉप एजेंसियों के पास। इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा पहुंच गए हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी मार्ग तैयार कर लिया गया है। जिसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची है। सुरंग में काम करने वाले लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर की स्थिति अच्छी नहीं है। बताया कि एक सप्ताह का...
ऑपरेशन सिलक्यारा: सभी तक के प्लान फेल, अब पहाड़ी पर होगी बोरिंग

ऑपरेशन सिलक्यारा: सभी तक के प्लान फेल, अब पहाड़ी पर होगी बोरिंग

उत्तराखंड हलचल
उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल हादसे को 7 दिन पूरे हो चुके हैं। लेकिन, टनल के भीतर कैद 41 जिंदगियों को बाहर निकलने का फिलहाल कोई रास्ता बनता हुआ नजर नहीं आ रहा है। रेस्क्यू में जुटी विभिन्न एजेंसियों के प्लान A, B और C से लेकर अब तक के सभी प्लान पूरी तरह फेल हो चुके हैं। अब रेस्क्यू के लिए लगी एजेंसियों ने नॉर्वे की एजेंसी के साथ चर्चा के बाद एक नया प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इस प्लान के अनुसार अब टनल के ऊपर पहाड़ी पर जाकर बोरिंग की जाएगी। जहां से टनल के भीतर कैद मजदूरों तक पहुंचाने का कोई रास्ता खोजा जाएगा। इस प्लान का एक मकसद मजदूरों तक खाने की सामग्री पहुंचाने के साथ ही नेचुरल हवा को भी पास करने का है। अब देखना होगा की रेस्क्यू में जुटी एजेंसियों का यह प्लान पास होता है या फिर यह भी फेल होता है। टनल के ऊपर मशीनों को पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड बनाई जा रही है। जिसका काफी कम हो चुका...
ऑपरेशन सिलक्यारा : लापरवाही की भी हद होती है, टनल में 40 नहीं फंसे हैं 41 मजदूर, ऐसे हुआ खुलासा

ऑपरेशन सिलक्यारा : लापरवाही की भी हद होती है, टनल में 40 नहीं फंसे हैं 41 मजदूर, ऐसे हुआ खुलासा

उत्तराखंड हलचल
प्रदीप रावत “रवांल्टा” उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल हादसे में पहले दिन से ही कंपनी की लापरवाही सामने आ रही है। अब एक और बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इससे मजदूरों के परिजनों में गुस्सा है। उनका कहना है कि लापरवाही की भी हद होती है। जिला प्रशासन भी इस बात से नाराज है। लापरवाही का अंदाजा इस बात से लागाया जा सकता है कि सुरंग में पिछले सात दिनों से कंपनी की ओर से 40 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी लगातार दी जा रही है। लेकिन, अब कंपनी ने एक सूची जारी की, जिससे खुलासा हुआ है कि टनल के भीतर 40 नहीं, बल्कि 41 जिंदगियां फंसी हुई हैं। 41 वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि जब 41वें श्रमिक का नाम सूची में सामने आया। आप सोचिए कि जिस रेस्क्यू अभियान पर केवल देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की नजर लगी हुई है। उसमें...