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एयरफोर्स के तीन विशेष विमान भारी मशीन पहुंच रही सिलक्यारा, नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों से भी ली जा रही मदद

एयरफोर्स के तीन विशेष विमान भारी मशीन पहुंच रही सिलक्यारा, नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों से भी ली जा रही मदद

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चल रहे है रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अब एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं, जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा। अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसी रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है, जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। नॉर्वे की एन जी आई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके। भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं। ...
उत्तरकाशी: ड्रिलिंग मशीन खराब, अब दूसरी पर काम शुरू, क्या अगले 24 घंटे में पूरा हो पाएगा रेस्क्यू अभियान?

उत्तरकाशी: ड्रिलिंग मशीन खराब, अब दूसरी पर काम शुरू, क्या अगले 24 घंटे में पूरा हो पाएगा रेस्क्यू अभियान?

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को तीसरे दिन भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। माना जा रहा है कि इसमें कम से कम एक दिन और लग सकता है। भीतर जो मजदूर फंसे हैं, उनकी स्थिति इस वक्त क्या होगी? उनके हौसले की दाद देनी होगी कि वो विपरीत परिस्थियों में भी खुद को संभाले हुए हैं। गनीमत है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक वो ऐसे ही टनल के भीतर कैद रहे सकते हैं। देश की तमाम एजेसियां के एक्सपर्ट मौके पर हैं। रेस्क्यू के विभिन्न प्लान बनाए गए, लेकिन अब तक कोई प्लान सफल नहीं हो पाया है। टनल के भीतर ह्यूम पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू तो किया गया, लेकिन काम बीच में ही ठप हो गया। ड्रिलिंग मशीन खराब होने से काम को रोकना पड़ा। अब एक और मशीन को फिट करने का काम किया जा रहा है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एस्केप टनल तैयार करने का काम शुरू हुआ। मश...
उत्तरकाशी: टनल में फंसे मजदूर बोले…ऑक्सीजन की कमी मत करना, खाना चाहे कम भेजना

उत्तरकाशी: टनल में फंसे मजदूर बोले…ऑक्सीजन की कमी मत करना, खाना चाहे कम भेजना

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए गलातार रेस्क्यू जारी है। अच्छी बात यह है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उनसे बात भी हो रही है। उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर की है कि उनको खाना भले ही कम मिले, लेकिन ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार संडे के दिन अपनी 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर बाहर निकलने ही वाले थे। तब तक मलबा भी हल्का-हल्का गिरने लगा था। इस दौरान 45 में से 5 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई और बाहर निकल आए। जब तक अन्य कर्मचारी बाहर निकलने, तक तक टनल को बाफी बड़ा हिस्सा गिर चुका था और टपन बंद हो चुकी थी। अंदर फंसे मजदूरों से पहली बार वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क हुआ तो उन्होंने खाना मांगा था। यह इच्छा उन्होंने एक कागज पर लिखकर पाइपलाइन के जरिए भेजी थी। इसके साथ ही मजदूरों ने यह भी कहा था कि खाने की भले कमी हो जाए। लेकिन, ऑक्सीजन की क...
उत्तराखंड : गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब यहां होंगे दर्शन

उत्तराखंड : गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब यहां होंगे दर्शन

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ 11 बजकर 45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ मुखबा के लिए रवाना हुई। डोली बुधवार को मुखबा पहुंचेगी। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक मुखीमठ में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह 8 बजकर 30 पर शुरू हुई। सर्व प्रथम उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां के भोग मूर्ति के दर्शन किए। इसके बाद अमृत बेला स्वाती नक्षत्र प्रीतियोग शुभ लग्न पर ठीक 11.45 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। नव...
उत्तरकाशी टनल हादसा: अब तक बाहर नहीं निकाले जा सके टनल में फंसे मजदूर, MS पाइप डालने का काम शुरू

उत्तरकाशी टनल हादसा: अब तक बाहर नहीं निकाले जा सके टनल में फंसे मजदूर, MS पाइप डालने का काम शुरू

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल में भूस्खलन के कारण ऊपर से 40 मजदूरों को बचाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। टनल के बंद हिस्से को खोलने के लिए पहले मालवा निकाला जा रहा था, लेकिन सफलता मिलने के आसार कम नजर आने के बाद मौके पर रेस्क्यू में जुटे विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों ने दूसरे विकल्प पर काम शुरू कर दिया था। दूसरे विकल्प के अनुसार बंद हिस्से में ह्यूम पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकल जाना है, जिसके लिए काम तेजी से चल रहा है। मौके पर अगर मशीन समेत ह्यूम पाइप भी पहुंच चुके हैं। साथ ही टनल में हुए भू-स्खलन की जांच भी शुरू हो गई है। सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के MS पाइप डालने की तैयारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। उम्मीद है कि आज रात या फिर कल सुबह तक सभी फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। ...
पीएम मोदी ने सीएम धामी से उत्तरकाशी टनल हादसे की स्थिति ली जानकारी, राज्य और केंद्रीय एजेंसियां समन्वय व तत्परता के साथ राहत- बचाव कार्य में जुटी

पीएम मोदी ने सीएम धामी से उत्तरकाशी टनल हादसे की स्थिति ली जानकारी, राज्य और केंद्रीय एजेंसियां समन्वय व तत्परता के साथ राहत- बचाव कार्य में जुटी

उत्तरकाशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन के माध्यम से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फँसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि, विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि, उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है। अब तक प्रधानमंत्री दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और रेल मंत्री भी सीएम धामी से बात कर च...
उत्तरकाशी : टनल से कब सुरक्षित बाहर निकलेंगी 40 जिंदगियां, देहरादून से मंगाए गए ह्यूम पाइप

उत्तरकाशी : टनल से कब सुरक्षित बाहर निकलेंगी 40 जिंदगियां, देहरादून से मंगाए गए ह्यूम पाइप

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी : सिलक्यारा-बड़कोट टनल के भीतर एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे मजदूरों को फिलहाल बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। लेकिन, बार-बार मलवा गिरने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल जो स्थिति है उसके अनुसार यह बताया जा रहा है कि मजदूर भीतर सुरक्षित हैं। लेकिन, अब तक यह साफ नहीं है कि कितने मजदूर सुरक्षित हैं। हालांकि मजदूरों के लिए लगातार खाना भी पहुंचाया जा रहा है। वहीं, अब मजदूरों को बाहर निकलने के दूसरे विकल्प पर भी काम शुरू हो गया है। उसके लिए देहरादून से ह्यूम पाइप मंगवाए गए है। ह्यूम पाइप को भीतर डाला जाएगा और उन्हीं के जरिए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकला जाएगा। जानकारी है कि टनल में बार-बार भूस्खलन हो रहा है। ऐसे में पाइपों के जरिए ही मजदूरों को बाहर निकालने का सुरक्षित विकल्प है। इस बीच सचिव आपदा प्रबंधन डॉक्टर रंजीत सिंन्हा ने सिलक्यारा टन...

सिलक्यारा भू-धसाव घटना पर सीएम धामी ने टनल में जाकर जानी राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति, पीएम मोदी ने भी ली विस्तृत जानकारी

उत्तरकाशी
मुख्यमंत्री ने टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना। सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। बचाव अभियान में जिस तरह की भी सामग्री और विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी उसे सरकार शीघ्र उपलब्ध कराएगी : मुख्यमंत्री धामी। बचाव कार्यों के लिए सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है: मुख्यमंत्री धामी। सिलक्यारा/उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सोमवार को उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास सुरंग में हुए भू धसाव की घटना का स्थलीय निरीक्षण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को राहत एवं बचाव...
उत्तरकाशी : ऐसा गांव, जिसके जातिवाद के आधार पर कर दिए दो टुकड़े, अब होंगे बेनकाब!

उत्तरकाशी : ऐसा गांव, जिसके जातिवाद के आधार पर कर दिए दो टुकड़े, अब होंगे बेनकाब!

उत्तरकाशी
आखिर किसने बोया गांव को बांटने का बीज. मानकों को धत्ता बता कर बना दो ग्रामसभाएं. क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई? बड़कोट: दुनिया आज ग्लोबल गांव बन चुकी है। लेकिन, उत्तराखंड का एक ऐसा गांव भी है, जिसे महज जातियों के आधार पर बांटने का मामला फिर चर्चाओं में है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि शासन में हुई शिकायत में कही गई हैं। मामले की जांच भी इसी आधार पर शुरू कर दी गई है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर गांव को क्यों बांटा गया? किसके कहने पर एक ही गांव को दो सीमाओं में बांट दिया गया? कैसे एक ही गांव में जातिवाद का जहर घोल दिया गया? वो कौन अधिकारी और कौन लोग थे, जिन्होंने मानकों के विपरीत एक गांव के दो दुकड़े कर दिए ? नौगांव विकासखंड के भाटिया गांव को दो ग्राम सभाओं में बांट दिया गया है। यह मामला काफी पुराना है, लेकिन एब फिर चर्चा में है। गांव के जयपाल सिंह रावत ने शासन स...
उत्तरकाशी : सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

उत्तरकाशी : सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

उत्तरकाशी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री धामी कुछ देर पहले घटनास्थल पर पहुंचे। जहां टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान निरीक्षण कार्य की पूरी जानकारी ली और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।