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अर्थ और सौंदर्य से ही स्‍त्री जीवन में आता है नयापन!

अर्थ और सौंदर्य से ही स्‍त्री जीवन में आता है नयापन!

संस्मरण
जवाबदेही की अविस्मरणीय यात्रा भाग-1 सुनीता भट्ट पैन्यूली वर्तमान की मंजूषा में सहेजकर रखी गयी स्मृतियां अगर उघाड़ी जायें तो वे पुनरावृत्ति हैं उन अनुभवों को but तराशने हेतु जो तुर्श भी हो सकती हैं, मीठी भी या फिर दोनों… यक़ीनन कुछ न कुछ because हासिल हो ही जाता है इन स्मृतियों के सफ़र के दौरान कुछ खोने के बावजूद भी, चाहे उस यात्रा का हासिल आत्मविश्वासी बनना हो, निर्भीक हो जाना हो या स्वयं के अस्तित्व को खोजना हो या फिर लौह हो जाना हो वक्त के हथौड़े से चोट खाकर. प्रेम स्त्री जीवन में कुछ अर्थ और सौंदर्य हों so तभी उसके जीवन में एक उत्साह और नयापन बना रहता है. सौंदर्य से अभिप्राय आत्ममुग्धता या भौतिकवादिता नहीं वरन कुछ उसके मन का गुप-चुप कुलांचे मारता रूहानी संगीत है जिसकी धुन व लय पर उसके पैर थिरकें या एक नीला विस्तीर्ण नीरभ्र आकाश जिस पर वह सिर्फ़  अपने अन्वेषण और हुनर की कूं...