Tag: रुद्रप्रयाग

पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी और कल्याण सिंह रावत ने इको-ड्राइव यात्रा को दिखाई हरी झंडी, भूवैज्ञानिक देंगे पर्यावरण की जानकारी

पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी और कल्याण सिंह रावत ने इको-ड्राइव यात्रा को दिखाई हरी झंडी, भूवैज्ञानिक देंगे पर्यावरण की जानकारी

देहरादून, पर्यावरण, हिमालयी राज्य
देहरादून के ओएनजीसी जियो पिक कॉक्पलेक्स में एपीजी इंडिया द्वारा इको-ड्राइव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ओएनजीसी की डारेक्टर एक्सप्लोरेशन सुषमा रावत ने भी हिस्सा लिया। यह यात्रा देहरादून-जोशीमठ-माणा-देहरादून सड़क मार्ग से की जायेगी और इसमें लगभग 30 प्रतिभागी शामिल हुए। विख्यात पर्यावरणविद और हेस्को के संस्थापक पदम् भूषण अनिल प्रकाश जोशी और पर्यावरणविद पदम्श्री कल्याण सिंह रावत ‘मैती’ ने ओएनजीसी की डारेक्टर एक्सप्लोरेशन सुषमा रावत की मौजूदगी में इको-ड्राइव रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन लोगों की टीम में कई भूवैज्ञानिक शामिल है और वह वहां जाकर यहां के लोगों के बातचीत करेंगे और यहां के प्राकृतिक में हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी इकट्ठा करेंगे। इको-ड्राइव का उद्देश्य स्वच्छ, हरित और टिकाऊ पर्यावरण को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रसिद्...
मलबे की चपेट में आया  मैक्स वाहन, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में फटे बादल

मलबे की चपेट में आया  मैक्स वाहन, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में फटे बादल

रुद्रप्रयाग
हिमांतर ब्यूरो, रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. रुद्रप्रया के नरकोटा और सम्राट होटल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से अत्यधिक because मलबा आने की खबर है. बताया जा रहा है कि इस मलबे की चपेट में एक मैक्स वाहन UK07R7318 आ गया था, जिसमें कि वाहन चालक सहित कुल 4 लोग सवार थे, जिनको कि स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया तथा वाहन मलबे के साथ बहकर नदी किनारे चला गया है. स्वरोजगार मौके पर पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी, because उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग, कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, डीडीआरएफ की टीमें मौजूद हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने और यातायात सुचारू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जेसीबी कार्य कर रही है. स्वरोजगार आज शाम राष्ट्र...
बादल फटने की त्रासदी से कब तक संत्रस्त रहेगा उत्तराखंड?

बादल फटने की त्रासदी से कब तक संत्रस्त रहेगा उत्तराखंड?

उत्तराखंड हलचल
डॉ. मोहन चन्द तिवारी उत्तराखंड इन दिनों पिछले सालों की तरह लगातार बादल फटने और भारी बारिश की वजह से मुसीबत के दौर से गुजर रहा है.हाल ही में 20 जुलाई को पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी सब डिवीजन में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हो गई, कई घर जमींदोज हो गए और मलबे की चपेट में आने की वजह से 11 लोगों के बह जाने की खबर है.नदियां उफान पर हैं.इससे पहले 18 जुलाई को भी पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने की दर्दनाक घटना हुई है.पहाड़ से अचानक आए जल सैलाब से कई घर दब गए,पांच घर बह गए और तीस घर खतरे की स्थिति में हैं.गोरी नदी में जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान मुनस्यारी में हुआ.वहां एक पुल पानी में समा गया. आखिर ये बादल कैसे फटते हैं? ये उत्तराखंड के इलाकों में ही क्यों फटते हैं? बादल फटने का मौसम वैज्ञानिक मतलब क्या है? इन तमाम सवालों पर मैं आगे विस्तार से चर्चा करुंगा. लेकिन पहले यह बताना चाहुंगा कि उत्तर...