Tag: भारतीय सेना

शीतल ने रचा इतिहास : जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से लेकर पैरालिंपिक में कांस्य पदक तक का सफर

शीतल ने रचा इतिहास : जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से लेकर पैरालिंपिक में कांस्य पदक तक का सफर

देश—विदेश
तीरंदाज शीतल देवी की कामयाबी के पीछे पौड़ी के रहने वाले कर्नल शीशपाल सिंह कैन्तुरा की सोच और मेहनत भी है. कर्नल शीशपाल सिंह कैन्तुरा ने 11 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफ़िसर रहते हुए शीतल को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ के गांव से निकालकर पेरिस ओलंपिक में पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया है. साल 2019 में भारतीय सेना का एक दल जम्मू कश्मीर के सुद्गर किश्तवार जिले के मुराल मैदान क्षेत्र में गश्त लगा रहा था. इस दौरान मुग़ल मैदान के सरकारी विद्यालय में उनकी नज़र शीतल देवी पर गई, वह बिना हाथों के दोनों पैरों से अपना स्कूल वेग खोलती किताब निकालती और पांव की उंगलियों से लिख रही थी. इस दिव्यांग कन्या की इस प्रतिभा को देखकर एक अचम्भा सा हुआ और इसके बाद भण्डारकोट स्थित सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल्स ने शीतल के परिवार से संपर्क किया जो की लोई धार गांव में रहते थे. शीतल का गांव ऊंचाई पर था और नज़दीकी सड़क से एक घंटे ...
दुःखद खबर : देवभूमि का एक और लाल शहीद

दुःखद खबर : देवभूमि का एक और लाल शहीद

उत्तराखंड हलचल
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से पूरे उत्तराखण्ड के लिए दुखद खबर सामने आ रही है।  किरू में तैनात भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान दीपक सिंह सुगड़ा के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट क्षेत्र के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में भी शोक की लहर दौड़ गई है। बताया गया है कि शहीद जवान दो सप्ताह पूर्व ही छुटियां पूरी कर अपनी ड्यूटी पर गए थे। वह 2 बार पैरा स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग ले चुके थे। मिली जानकारी के मुताबिक मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के बेलपट्टी क्षेत्र के सुगड़ी गाँव निवासी दीपक सुगड़ा पुत्र सोहन सिंह भारतीय सेना में कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के किरू में थी, जहां गुरूवार को वे शहीद हो गए। हालांकि अभी ...
वैश्विक तथा आर्थिक दबावो ने तैयार किया ‘अग्निपथ’!

वैश्विक तथा आर्थिक दबावो ने तैयार किया ‘अग्निपथ’!

देश—विदेश
प्रमोद साह यद्यपि विश्व में साम्राज्य के विस्तार का because इतिहास, मजबूत सेनाओं के इतिहास से जुडा़ रहा है. सेनाओं की मजबूती हमेशा उनके आर्थिक तथा सामाजिक हितों की सुरक्षा से ही प्राप्त होती रही हैं. माना जाता है कि अक्कादियन साम्राज्य के संस्थापक  अक्कड़ के सरगोन  ने पहली स्थायी पेशेवर सेना बनाई थी. असीरिया के तिग्लाथ -पिलेसर III (शासनकाल 745-727 ईसा पूर्व) ने पहली असीरिया की स्थायी सेना बनाई. ज्योतिष हालांकि उनके राज्य में भी अस्थाई और ठेके की सेना भी थी, लेकिन आर्थिक सुरक्षा ने स्थाई सेना की क्षमता को परिष्कृत किया. भारत में घननंद ने स्थाई सेना रखने की परंपरा प्रारंभ की उसकी सेना एक लाख से अधिक थी. becauseजब चंद्रगुप्त मौर्य ने साम्राज्य की स्थापना की तो चाणक्य ने सबसे पहले स्थाई और विश्वसनीय सेना पर जोर दिया, तब मौर्य वंश की सेना की संख्या 6लाख से अधिक हो गई थी .जिसने पूरे हिंदुस्ता...
इस दीपावली लें लोकल उत्पादों की खरीदारी का संकल्प :  नरेश बंसल  

इस दीपावली लें लोकल उत्पादों की खरीदारी का संकल्प :  नरेश बंसल  

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि देश में पहली बार नरेन्द्र मोदी सरकार ने आजादी के बाद भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सीधा लाभ आमजन को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस दीपावली पर हम सभी को लोकल फॉर वोकल के मंत्र को संकल्पित करते हुए भारत के 'आत्मनिर्भर भारत because अभियान' को साकार करने का संकल्प लेना चाहिए. दीपोत्सव के इस पर्व पर हम सभी को दीपावली में लोकल उत्पादकों को सशक्त बनाने के लिए लोकल चीजें ही खरीदनी चाहिए, हमारे इस प्रयास से हमारे लोकल चीजों को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादक सशक्त होंगे. ज्योतिष नरेश बंसल ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का निरंतर यह प्रयास है कि अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे. प्रदेश की डबल इंजन की सरकार आज मूलभूत सुविधाओं को because आम नागरिक तक पहुंचाने का काम कर रही है. देश व प्रदेश के संपूर्ण विकास का काम...
समुना-2 पोस्ट के ताजा पास बर्फ के एवलांच से 10 लोगों की मौत एवं 8 लापता, राहत एवं बचाव कार्य जारी

समुना-2 पोस्ट के ताजा पास बर्फ के एवलांच से 10 लोगों की मौत एवं 8 लापता, राहत एवं बचाव कार्य जारी

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खंड से लगभग 70 किलोमीटर आगे मलारी है, मलारी से एक सड़क सुमना की ओर जाती है.  समुना-2 पोस्ट के पास ताजा बर्फ के because एवलांच में बदल जाने से सीमा सड़क संगठन (BRO), आर्मी (Army) तथा आईटीबीपी (ITBP) के कैंप परिक्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. मरने वालों में अधिकर सीमा सड़क संगठन के मजदूर हैं, जो सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे. इस क्षेत्र में बीआरओ को 402 मजदूर because सीमा सड़क के निर्माण में लगे हुए थे. अभी तक 10 लोगों के शव मिल चुके हैं और 8 लोग लापता लोगों की खोजबीन जारी है. भटकोटी सीमा सड़क संगठन के 402 मजदूरों में से 377 मजूदर सुरक्षित बताए जा रहे हैं.  9वीं पर्वतीय ब्रिगेड के बिग्रेडियर कृशाणु शाह ने बताया कि समुना-2 क्षेत्र में शुक्रवार को दोपहर 2 because बजे और शाम के 4 बजे दो एवलांच आने की खबर मिली थी, उसके बाद सेना द्वारा राहत ए...