Tag: दीपावली

न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

साहित्‍य-संस्कृति
डॉ. मोहन चंद तिवारी "नारी! तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पगतल में. पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में..”                       –जयशंकर प्रसाद 8 मार्च का दिन समूचे विश्व में 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के रूप में मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं को स्नेह, सम्मान और उनके सशक्तीकरण का भी दिन है. because हिंदी के जाने माने महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की उपर्युक्त पंक्तियों से भला कौन अपरिचित है जिन्होंने श्रद्धा और विश्वास रूपिणी नारी को अमृतस्रोत के रूप में जीवन के धरातल में उतारा है. प्राचीन काल से ही हमारे समाज में नारी का विशेष आदर और सम्मान होता रहा है. हमारे पौराणिक ग्रंथों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है. हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियां वहीं पर निवास करती हैं जहां पर समस्त so नारी जाति को प्रतिष्ठा व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. कोई भी परि...
दीपावली सामाजिक समरसता व राष्ट्र की खुशहाली का पर्व

दीपावली सामाजिक समरसता व राष्ट्र की खुशहाली का पर्व

लोक पर्व-त्योहार
डॉ.  मोहन चंद तिवारी दीपावली का because पर्व पूरे देश में लगातार पांच दिनों तक हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला राष्ट्रीय लोकपर्व है.शारदीय नवरात्र में प्रकृति देवी के नौ रूपों से शक्ति और ऊर्जा ग्रहण करने के बाद भारत का कृषक समाज धन और धान्य की देवी लक्ष्मी के भव्य स्वागत में जुट जाता है. घर‚ खेत‚ खलिहान के चारों ओर सफाई का अभियान चलाया जाता है तथा नई फसल से बनवाए गए पकवानों से धान्य-लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. दीपावली दीपावली का पर्व धनतेरस because से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है.लेकिन दीपावली की तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है. लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई करते हैं. दीपावली से पहले घर, मोहल्ले, बाजार आदि सब साफ सुथरे और सजे हुए दिखाई देते हैं. दीपावली कृष्णपक्ष अन्धकार का प्रतीक है because और शुक्लपक्ष प्रकाश का. इन दो पक्षों की संक्रान्तियों में गत...