Tag: जागेश्वर

उत्तराखंड : इतनी ऊंचाई पर नजर आया बाघ, वन विभाग भी हैरान

उत्तराखंड : इतनी ऊंचाई पर नजर आया बाघ, वन विभाग भी हैरान

अल्‍मोड़ा
अल्मोड़ा : वन विभाग अब तक जिस बात को नामुमकिन बता रहा था, उस पर अब खुद वन विभाग ने मुहर लगा दी है। अपने तरह के पहली घटना सामने आने के बाद विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। तीन दिन पहले जागेश्वर में 6 हजार फीट की ऊंचाई पर बाघ देखे जाने के बाद वन विभाग के अधिकारी और जानकार हैरान थे। इतने ठंडे इलाके में बाघ के देखे जाने को वन विभाग नामुमकिन बता रहा था। लेकिन, घटना के 3 बाद ही एक बार फिर बाघ नजर आया है। अबकी बार बाघ 7 हजार फीट की ऊंचाई पर नजर आया है। जागेश्वर के शौकियाथल में छह हजार फुट की ऊंचाई पर बाघ नजर आने के ठीक तीन दिन बाद सात हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित अल्मोड़ा जिले के बिनसर में फिर बाघ दिखा है। बिनसर में बाघ की चहलकदमी को डीएफओ ने खुद अपने कैमरे में कैद किया है। जिसके बाद ये साफ हो गया है कि क्षेत्र में बाघ सक्रिय है। पहली बार प्रदेश में बाघ की इतनी ठंड वाले इलाके में सक्रियता से वन वि...
फेसबुक सर्वेक्षण : कुमाऊं में मन्या अवशेष…

फेसबुक सर्वेक्षण : कुमाऊं में मन्या अवशेष…

धर्मस्थल
कुमाऊं में मनिया मंदिर: एक पुनर्विवेचना -3 डॉ. मोहन चंद तिवारी द्वाराहाट के 'मनिया मंदिर समूह' के सन्दर्भ में पिछली दो पोस्टों में विस्तार से चर्चा की गई है.किंतु मन्याओं के बारे में इतिहास और पुरातत्त्व के विद्वानों द्वारा कोई खास जानकारी नहीं दी गई है. because इसी सन्दर्भ में फेसबुक के माध्यम से कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों में 'मन्या' सम्बन्धी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया. चिंता का विषय है कि आज हमारे पास कत्युरी नरेश मानदेव के द्वारा जैन श्रावकों अथवा शिल्पकारों के माध्यम से निर्मित द्वाराहाट के 'मनिया मन्दिर समूह' के अतिरिक्त कोई भी जीवंत साक्ष्य नहीं हैं. अधिकांश मन्याएं नष्ट हो चुकी हैं,उनका कोई नामोनिशान नहीं बचा है. कुछ धार्मिक स्थलों की मन्याओं का पुनर्निर्माण हो चुका है. ज्योतिष 'कुमाऊंनी शब्द सम्पदा', 'कुमाऊंनी' और 'पहाड़ी फ़सक' ग्रुपों से मन्याओं के बारे में विभि...