Tag: केदारनाथ

 ‘जीवन जिससे पूर्ण सार्थक हो, वो मंजिल अभी दूर है’

 ‘जीवन जिससे पूर्ण सार्थक हो, वो मंजिल अभी दूर है’

पौड़ी गढ़वाल
प्रेरक व्यक्तित्व – डॉ. चरणसिंह 'केदारखंडी' डॉ. अरुण कुकसाल मैं अचकचा गया हूं कि कहां पर बैठूं? कमरे के चारों ओर तो एक दिव्य और भव्य स्वरूप पहले ही से विराजमान है. मुझे सुखद आश्चर्य हुआ कि कमरे में करीने से because रखी पुस्तकें मेरे स्वागत में एक साथ मुस्करा दी हैं. मेरे हाथ श्रीअरविंद और श्रीमां के चित्रों की ओर स्वतः ही अभिवादन के लिए जुड़ गये हैं. मैं तुरंत सामने की किताब को सहला कर अपने को सहज करता हूं. हिन्दी, उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी की डिक्शनरियों की एक लम्बी कतार सामने के रैक पर सजी हैं. कमरे में दिख रही सभी किताबें धर्म के दायरे से बाहर निकलकर आध्यात्म का आवरण लिए हुये हैं. ज्योतिष पल भर पहले मैं असमजस में रहा कि पहले किताबों से बातें करूं या केदारखंडी जी से. पर पल में ही संशय मिटा कि इन किताबों का अंश केदारखण्डी जी में किसी न किसी रूप में है, तो फिर उन्हीं से बातें प...
सोनप्रयाग का ‘पहाड़ी किचन’ यानी आर्गेनिक उत्पादों से बने खाने का जायका

सोनप्रयाग का ‘पहाड़ी किचन’ यानी आर्गेनिक उत्पादों से बने खाने का जायका

रुद्रप्रयाग
अर्जुन सिंह रावत भारत के लोग घूमने और एक से दूसरे राज्य के खाने का जायका लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. चारधाम का अहम पड़ाव होने के कारण केदारनाथ हमेशा से ही because श्रद्धालुओं के ट्रैवल मैप में रहता है. पिछले कुछ वर्षों में केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को पहाड़ों के आथेंटिक जायके से रूबरू कराने और उन्हें सफर की 'जायकेदार' यादों देने के लिए केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में पहाड़ी किचन की शुरुआत हुई है. उत्तराखंड केदारनाथ यात्रा में आने वाले कई लोग पहाड़ी खाने का स्वाद लेने की इच्छा रखते हैं. सोनप्रयाग में लोगों को आर्गेनिक पहाड़ी उत्पादों से तैयार खाने का विकल्प देने के लिए because ‘पहाड़ी किचन’ की शुरुआत की गई. 24 मई, 2019 को ‘पहाड़ी किचन’ एक प्रयोग के तौर पर शुरु हुआ, लेकिन अपने खास तरह के स्वाद के...