Tag: आदि कैलाश

पीएम की ऐतिहासिक धार्मिक यात्राओं में शामिल हुई मानसखंड सर्किट यात्रा, सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी

पीएम की ऐतिहासिक धार्मिक यात्राओं में शामिल हुई मानसखंड सर्किट यात्रा, सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी

देहरादून
पीएम मोदी को मंत्रमुग्ध कर गई आदि कैलाश एवं जागेश्वर धाम यात्रा देहरादून: हाल में ही उत्तराखण्ड के एकदिवसीय कुमांऊ दौरे से लौटे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश एवं जागेश्वर धाम यात्रा उनके जीवन की ऐतिहासिक यात्राओं में शामिल हो गई है। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने आधिकारिक एक्स हेंडल साझा की है। पीएम मोदी ने आदि कैलाश एवं जागेश्वर धाम यात्रा से मंत्रमुग्ध होते हुए लिखा है कि “यदि कोई मुझसे पूछे – यदि आपको उत्तराखण्ड में एक जगह अवश्य देखनी चाहिए तो वह कौन सी जगह होगी, तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर अवश्य देखने चाहिए। प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।” https://twitter.com/narendramodi/status/1713044060448112767?ref_src=twsrc%5Etfw प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरी पोस्ट में लिखते हैं...
PM मोदी ने व्यू प्वाइंट से किए आदि कैलाश के दर्शन, पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना

PM मोदी ने व्यू प्वाइंट से किए आदि कैलाश के दर्शन, पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना

उत्तराखंड हलचल
पिथौरागढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दौरे पर है। PM मोदी अपने दौरे के तहत पिथौरागढ़ पहुंचे। जहां से वो आदि कैलाश व्यू प्वाइंट पहुंचे और आदि कैलाश के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने पार्वती कुंड के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। PM मोदी का यह दौरा उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण है ही। साथ इस दौरे से चीन को सीधा मैसेज भी दिया जा रहा है। जिस तरह से लगातार चीन इस क्षेत्र में घुपैठ के प्रयास करते रहता है। आदि कैलाश को लेकर भी अड़चनें लगाता है। PM मोदी के इस दौरे से चीन को यह संदेश देने का प्रयास है कि आदि कैलाश भारत की सनतान परंपरा का अहम हिस्सा है और भारत उसको लेकर बेहद गंभीर है।   इसके साथ ही PM के दौरे से क्षेत्र का विकास भी होगा, जिसके दोहरे लाभ होंगे। पहला यह है कि सेना को सीमा तक पहुंचने में आसानी रहेगी। दूसरा यह कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कैलाश व्यू प्लाइंट आने वालों की संख्या...
कैलाश पर्वत : अब भारत से भी होंगे दर्शन

कैलाश पर्वत : अब भारत से भी होंगे दर्शन

पिथौरागढ़
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन संभव है. स्थानीय लोगों ने जब चीन सीमा पर बसे ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी से कैलाश पर्वत के दर्शन किये. उसके बाद उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में बताया. जिसके बाद जिला प्रशासन इस इलाके में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं की तलाश में जुट गया है. पिथौरागढ़ राज्य के साथ ही यह पूरे भारत के लिए गौरव की बात है जो भी श्रद्धालु काफी समय से कैलास मानसरोवर यात्रा नहीं होने से मायूस है वे यात्री अब पिथौरागढ़ से ही कैलास दर्शन कर सकते हैं यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इससे हमारा सीमांत क्षेत्र पयर्टन के क्षेत्र में आगे बढेगा और जो कैलास मानसरोवर को लेकर पिथौरागढ़ की जो पहचान थी वह दोबारा उसको मिल सकेगी. सरकार और प्रशासन को इस ओर जल्दी से जल्दी ध्यान देना चाहिए ताकि ऐसा रास्ता निकाला जाये कि पिथौरागढ़ से ही कैलास के दर्शन हो सके. पयर्टन विभाग के ...