गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार देहरादून में आकर्षण का केन्द्र सूचना विभाग की झांकी रही। सूचना विभाग ने उत्तराखंड में हो रहे विकास कार्यों पर आधारित ‘‘विकसित उत्तराखण्ड‘‘ पर झांकी बनाई। सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सूचना विभाग द्वारा ‘‘विकसित उत्तराखण्ड‘‘ की झांकी का निर्माण किया गया।
PM मोदी ने कहा है कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का है। देवभूमि उत्तराखण्ड में विकसित भारत के अन्तर्गत कई लाख करोड़ की विकास परियोजनाओं के कार्य जैसे ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, होम स्टे, रोप-वे आदि पर तेजी से कार्य किया जा रहा है तथा पारम्परिक अनाजों का भी पर्याप्त मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है।
सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया की झांकी के जरिए हमने दिखाने की कोशिश की है की विकास के साथ-साथ विरासत को कैसे संभाले और उत्तराखंड की जो सांस्कृतिक विविधता है उसे कैसे संजोए। उन्होंने कहा की ऑल वेदर रोड से लेकर स्थानीय वनस्पतियों तक इस झांकी में दिखाया गया है और पूरे उत्तराखंड को समेटने का प्रयास किया गया है।
झांकी के अग्र भाग में उत्तराखण्डी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है। पारम्परिक अनाज मंडूवा, झंगोरा, रामदाना तथा कौंणी की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को दिखाया गया है। झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है। पहाड़ों में होमस्टे योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में उत्तराखण्ड के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया गया है। साथ ही लखपति दीदी योजना से उत्तराखण्ड में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। स्वयं सहायता समूह में कार्य करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाडों में सौर ऊर्जा तथा मोबाईल टावर को दिखाया गया है।
जबकि झांकी के आखरी भाग में ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोप-वे तथा भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड़ कनेक्टिवी को दर्शाया गया है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड में यात्रियों के लिए आवागमन की सुविधा में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।