- हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली
मनजीत नेगी ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से लेकर गहरे समंदर में पनडुब्बी के अंदर तक और सरहद के हर मोर्चे पर रिपोर्टिंग की है. 2003 में गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हो या 2010 में लेह में आई भीषण बाढ़, मनजीत नेगी को ‘ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करने वाला पत्रकार’ कहा जाता है.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने आजतक के वरिष्ठ रक्षा संपादक मनजीत नेगी को वायुसेना प्रशंसा पत्र और मेडल से सम्मानित किया. मनजीत नेगी पहले पत्रकार हैं जिन्हें वायुसेना प्रशंसा पत्र और मेडल मिला है.
वायुसेना के मुताबिक़ “आजतक में रक्षा संपादक के रूप में आपने सैन्य पत्रकारिता के क्षेत्र में सर्वोच्च समर्पण और अपने उत्कृष्ट कार्यकुशलता का परिचय दिया है. विशेष रूप से भारतीय वायुसेना और सामान्य रूप से सशस्त्र बलों की प्रतिष्ठा को बढ़ाने की दिशा में आपके प्रशंसनीय योगदान पर मुझे अत्यंत गर्व है”.
मनजीत नेगी ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से लेकर गहरे समंदर में पनडुब्बी के अंदर तक और सरहद के हर मोर्चे पर रिपोर्टिंग की है. 2003 में गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हो या 2010 में लेह में आई भीषण बाढ़, मनजीत नेगी को ‘ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करने वाला पत्रकार’ कहा जाता है. 2013 में केदारनाथ में विनाशकारी आपदा के बाद वहां पहुंचने वाले सबसे पहले टी.वी. पत्रकार थे.
मनजीत नेगी ने रक्षा पत्रकारिता के रूप में एक अलग पहचान बनाई है. इसके अलावा उनको लिखने का भी काफी शौक है और वह समय मिलने पर लिखते भी रहते है अभी तक उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी ने अपनी पुस्तक ‘साधु से सेवक’ की पहली प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेंट की थी. यह पुस्तक नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित है. इसमें विशेष रूप से उत्तराखंड में विभिन्न स्थलों में बिताए गए दिनों और घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है. इस पुस्तक की प्रस्तावना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखी है.
मनजीत नेगी केदारनाथ आपदा और उसके बाद केदारधाम के पुनर्निर्माण पर चर्चित पुस्तक ‘केदारनाथ से साक्षात्कार’ लिख चुके हैं. इस पुस्तक की प्रस्तावना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी और विमोचन भी किया. अब इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण ‘फेस टु फेस विद केदारनाथ’ भी आ चुका है.
उनकी तीसरी पुस्तक ‘हिल-वॉरियर्स’ के नाम से प्रकाशित हुई. इस पुस्तक में मनजीत नेगी ने उत्तराखंड के ऐसे 11 सपूतों की जीवनयात्रा का चित्रण किया है, जिन्होंने अपनी मेहनत, ईमानदारी के दम पर शीर्ष मुकाम हासिल किया. मनजीत नेगी एक अच्छे पर्वतारोही भी हैं. मनजीत नेगी पौड़ी ज़िले में अपने पैतृक गांव तल्ला बनास में गौमुख के नाम से एक गौशाला का संचालन भी करते हैं.