देहरादून: गढ़वाली लिखवार मदन मोहन डुकलाण की कविता संग्रह “तेरी किताब छौं” का विमोचन किया गया। विमोचन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दून विश्व विद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने कहा कि इस तरह की पुस्तकें हमें अपनी लोक भाषा के संरक्षण के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि इस कविता संग्रह में अपने आसपास की चीजों को बहुत ही शानदार ढंग से पेश किया गया है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मदन मोहन डुकलान गढ़वाली कविताओं की विरासत को अच्छे से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेरी किताब छौं कविता संग्रह में मदन मोहन डुकलाण ने उन बातों से कविताओं में ढाला है। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि मदन छोटी-बड़ी बातों को अपनी कविता का हिस्सा बनाते हैं।
विशिष्ट अतिथि समजासेवी कांग्रेस प्रदेश महासचिव कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि अपनी लोकभाषा के संरक्षण और संवर्धन इस तरह के प्रयास अहम और सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के हाथों में जब इत तरह का लोक साहित्य होगा, तो उनको अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस होगा और वो उस ओर लौटने का प्रयास करेगा। कविता संग्रह में मदन मोहन डुकलान ने अपने आसपास के वातावरण और घटनाओं को कविताओं के रूप में बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत किया है।
उन्होंने भू-कानून की मांग को समर्थन देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की तरह ही आज एक और आंदोलन की जरूरत है, जिसकी नीवं नरेंद्र सिंह नेगी के आह्वान ने रख दी हैं। कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि जब हमारे पास हमारी जमीन ही नहीं रहेगी, तो हमारे हकहकूक भी नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह पहाड़ बचाने की लड़ाई है। सभी को इसमें हिस्सेदारी निभानी चाहिए।