रैबार—2022: उत्तराखंड का देश की सुरक्षा में अहम योगदान: सीडीएस जनरल अनिल चौहान

  • हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली

तीन बार ‘रैबार’ उत्तराखंड में करने के बाद इस बार ‘रैबार’ का आयोजन दिल्ली एनसीआर में बसे उत्तराखंडियों के बीच किया गया. 17 दिसंबर 2022 को दिल्ली में हो रहे ‘रैबार’ संवाद कार्यक्रम की थीम – विजन ऑफ न्यू उत्तराखंड 2030’ है. इस थीम के साथ हम उत्तराखंड राज्य की भविष्य की योजनाओं और सपनों को सरकार करने लिए प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रों के प्रबुद्ध लोगों के माध्यम से समझेंगे.

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के पहाड़ों से लेकर तराई के मैदानों तक की समझ रखने वाले रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखंड को लेकर विकास की एक नई सोच के प्रतीक राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और चीफ ऑफ डिफेंस जनरल अनिल चौहान, उत्तराखंड सराकर में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डीजी इंडियन स्पेस एसोसिएशन लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट और प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी की गरिमामयी उपस्थिति में इस ’विजन फ़ॉर न्यू उत्तराखंड-2030’ संवाद-मंथन कार्यक्रम का आरंभ हुआ.

किसी भी समाज में वैचारिक मंथन की परंपरा उस समाज के जागरूक लोगों का द्योतक है. इसी जन मंथन को लेकर हिल-मेल उत्तराखंड के प्रवासियों के बीच समय-समय पर विचार गोष्ठियों का आयोजन भी करता रहता है जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से जुडे़ लोग हिस्सा लेते हैं और देवभूमि के उत्थान को लेकर विचार विमर्श करते हैं. यह वैचारिक मंथन “रैबार“ कार्यक्रम के जरिए होता है. इसके माध्यम से हम उत्तराखंड की प्रमुख सख्सियतों को हिल-मेल के मंच पर एकत्रित करते हैं तथा उत्तराखंड राज्य की प्रगति और उन्नति के मुद्दों को लेकर प्रबुद्ध लोगों से संवाद करते हैं.

संवाद की यह यात्रा 2017 से आरम्भ हुई और निरंतर जारी रही. अब 2022 में हम दिल्ली में इस कार्यक्रम को 17 दिसंबर को कर रहे हैं. हिलकृमेल द्वारा 2017 में देहरादून में और 2019 को टिहरी झील में रैबार कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जो मंथन हुआ उससे जो मुद्दे निकलकर आए उनमें से कुछ महत्वपूर्ण एरिया पर सरकार ने काम भी किया. जैसे- देहरादून में ड्रोन एप्लिकेशन एंड रिसर्च सेंटर का निर्माण हुआ. कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर का निर्माण के लिए सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई. उत्तराखंड में फलदार वृक्षों को लगाने का काम जोरकृशोर से किया जा रहा है. इसके अलावा भी कई ऐसे काम हो रहे हैं जो रैबार के मंच से उठे थे और अब उन पर काम हो रहा है.

इस महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के बाद हिलकृमेल ने वर्ष 2021 में ऋषिकेश में ’रैबारः एक नए उत्तराखंड का’ कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए और उन्होंने रैबार कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड को नंबर वन बनाने की यह यात्रा एक करोड़ 25 लाख लोगों की सामूहिक यात्रा है. यह अपने गंतव्य तक तभी पहुंचेगी जब सब लोग मिलकर इसे आगे बढ़ायेंगे. मुख्यमंत्री की इस भावना के साथ हमने भी इस कार्यक्रम को और विस्तार दिया.

कार्यक्रम में नए उत्तराखंड को लेकर अपनी बात रखते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि हम सबको मिलकर नए उत्तराखंड का निर्माण करना है. आज उत्तराखंड की मिट्टी के लाल हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं. अब नए उत्तराखंड के निर्माण में इन सबको मिलकर एक साथ काम करना होगा. आज हिल-मेल के आयोजन में इसकी नींव पड़ गई है.

इसके साथ ही राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि हम सबको अपने गाँव की ओर देखना चाहिए. आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा. हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए हमेशा तत्पर रही है. जल्द ही हमारे उत्तराखंड को वंदेभारत रेल भी मिलने वाली है.

सी. डी. एस. अनिल चौहान ने कहा कि हमें उत्तराखंड के बॉर्डर को ऐसा विकसित करना चाहिए कि वो बॉर्डर टूरिज्म से जुड़ सकें. उत्तराखंड सरकार के मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हमारा उत्तराखंड बदल रहा है. इस बदलते उत्तराखंड की एक झाँकी आप हिल-मेल के इस संवाद मंथन में आए प्रबुद्धजनों के रूप में भी देख सकते हैं. यही लोग नया उत्तराखंड बनाएंगे. साथ ही उन्होंने ने कहा कि अगला रैबार आप मसूरी में कीजिए और हम सब लोग मिलकर नया उत्तराखंड बनाएंगे.

जनरल अनिल भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड की प्रतिभाओं से नया उत्तराखंड बनेगा. साथ ही इस सत्र के अंत में प्रसून जोशी ने कहा कि इस तरह के सम्मलित प्रयास ही नए उत्तराखंड का निर्माण करेंगे. इसके साथ ही हिल-मेल पत्रिका के “शिखर पर उत्तराखंडी“ टॉप-50 अंक का लोकार्पण किया गया और उत्तराखंड के 20 सम्मानित जनों को हिल रत्न सम्मान भी दिया गया.

रैबार के इस एक दिवसीय संवाद मंथन कार्यक्रम में उत्तराखंड जुड़े विभिन्न संस्थाओं व क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विद्वानजनों – जागर गायक प्रीतम भरतवाण, जीबी पंत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन चौहान, पर्यावरण मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी अरविंद नौटियाल, आईटीबीपी के एडीजी पश्चिमि कमान मनोज रावत, सीईओ ब्रह्मोस एयरस्पेस संजीव जोशी और पूर्व एडवोकेट जनरल उत्तराखंड उमाकांत उनियाल ने नए उत्तराखंड के निर्माण संबंधी अपने विचार और योजनाओं को साझा किया.

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