आगाज संस्था द्वारा दशोली ब्लाक के किरूली गाँव में हरेला के सुअवसर 2000 कचनार – क्विराल के पौधों के रोपण का कार्य प्रारंभ किया गया. इस कार्य में किरुली गाँव के 20 रिंगाल हश्त शिल्पी परिवारों जिनके पास निजी जमीन है, या जो भी परिवार इच्छुक है उनको शामिल किया गया है. साथ ही इन सभी किसानों का जड़ी बूटी शोध संस्थान के साथ पंजीकरण भी किया जाएगा. आगाज के अध्यक्ष जे पी मैठाणी ने बताया की, तीन वर्ष तक चलने वाली इस परियोजना अभी तक अकेले जनपद चमोली और देहरादून के 783 किसान जुड़े हुए हैं.
हिमालय की महत्वपूर्ण जड़ी बूटी जैसे – सुगंधबाला, तगर, टिमरू, लोध, रागा ( ब्लू पाइन ), कचनार के अलावा मैदानी जिले देहरादून में वरुणा और कुटज का रोपण किया जा रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि किसानों को यह पौधे नि:शुल्क दीए जा रहे हैं. इस परियोजना के लिए जीवन्ति वेलफेयर एंड चेरिटेबल ट्रस्ट / डाबर इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है. इस परियोजना का उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण और आयुर्वेद के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना है. इस कार्य में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्राफ्ट एंड डिजाईन जयपुर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, काशीपुर के अलावा टेरी यूनिवर्सिटी नयी दिल्ली के विद्यार्थी भी प्रतिभाग कर रहे हैं.