- हिमांतर ब्यूरो, उत्तरकाशी
सतत पर्यटन विकास (Sustainable Tourism Development), साहसिक और सुरक्षित पर्यटन स्थल कैसा हो, इसको लेकर मोरी में स्थानीय लोगों के द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के स्थायी पर्यटन विकास को लेकर चर्चा की गई. पर्यटन को सुगम
और सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं. बैठक में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि क्षेत्र में पर्यटन के लिए प्राथमिक परिवहन, स्थानीय परिवहन, आवास, मनोरंजन, खान—पान का विशेष ध्यान रखा जाएगा, साथ ही कूड़ा निस्तारण के समुचित प्रबंधन को लेकर भी विचार—विमर्श किया गया. इसके लिए सभी ने एक स्वर में यमुना घाटी में रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया.पर्यटन
क्षेत्र के सभी टूर ऑपरेटर, ट्रैकिंग
एजेंसियों के द्वारा सुव्यवस्थित पर्यटन की कल्पना की गई, जिसमें फॉरेस्ट डिपार्मेंट, राजस्व विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, पर्यटन विभाग एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के सहयोग से ट्रैकिंग क्षेत्र में अनुभव रखने वालों के मार्गदर्शन में कार्य किया जाएगा.पर्यटन
सभी टूर ऑपरेटरों को बताया गया कि पर्यटन और फॉरेस्ट में विभाग में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन होगा, उन्हीं को आने वाले मार्च से पर्यटन और ट्रैकिंग हेतु अनुमति
प्रदान की जाएगी. बाहरी मेहमान कंपनियों को स्थानीय टूर ऑपरेटर, ट्रैकिंग रजिस्ट्रेशन एजेंसी, जिनका रजिस्ट्रेशन पर्यटन और फॉरेस्ट विभाग में होगा, उनके लेटर पैड पर परमिशन दी जाएगी. फॉरेस्ट डिपार्मेंट के माध्यम से मुख्य पर्यटक स्थलों पर साइन बोर्ड और इको फ्रेंडली डस्टबिन भी लगाए जाएंगे. इसके अलावा और रेन सेलटर का भी निर्माण किया जाएगा.पर्यटन
मार्च से पहले एक फेडरेशन का भी गठन किया जाएगा, जिसमें फॉरेस्ट एवं राजस्व विभाग से भी प्रबंध कार्यकारिणी के आजीवन सदस्यों का चयन किया जाएगा. पर्यटन ट्रैकिंग
गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण जल जंगल जमीन स्थानीय संस्कृति रीति-रिवाज, मेले-त्यौहारों का संरक्षण एवं प्रोटेक्शन के साथ-साथ उनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा, साथ ही नये पर्यटक स्थलों की खोज, पर्यटन विभाग के माध्यम से उनका प्रचार प्रसार किया जाएगा. बढ़ते गार्बेज पर भी चिंता जताई गई, उसका सही प्रबंधन किस प्रकार हो उस पर भी बातचीत की गई, उत्तराखंड सरकार के तेरह जिले, तेरह डेस्टिनेशन के तहत उत्तरकाशी जिले से मोरी के हरकीदून, केदारकांठा को भी इसमें शामिल किया गया है, जिसके तहत कई विकास कार्य होने की बात कही गई. मोरी में क्याकिंग प्रशिक्षण और ट्रैक पर पर्यटकों के लिये बैठने के लिए सेटर ओर रास्तों का सौन्दर्यकरण किया जाएगा, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मोरी भ्रमण के दौरान अपने उदबोधन में यह बात कहीं.पर्यटन
क्षेत्र प्रमुख बच्चन सिंह पवार जी
की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गई, जिसमें उपस्थित D.F.O टौंस सुबोध काला, उपनिदेशक गोविंद वन्य जीव बिहार नेशनल पार्क कोमल सिंह, नैटवाड़ पुरोला जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री, उत्तरकाशी खंड विकास अधिकारी डिमरी, नायब तहसीलदार मोरी, जेस्ट प्रमुख प्रदीप पर्वतारोही प्रवीण रांगड, वीरेंद्र नौटियाल, चैन सिंह रावत, आलोक, तीनों रेंज के रेंज अधिकारी ज्वाला प्रसाद, अनिल रावत, रेंजर प्रतिनिधि क्रम दास जी, हरकीदून प्रोटेक्शन एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री भगत सिंह रावत, रामलाल पवार और बलबीर सिंह रावत, रणदेव कुंवर सिंह, ज्ञान सिंह, बर्फी लाल, योगराज रावत, शुभम अग्रवाल, संदीप, भरत रावत और विजय राणा, जयचंद चौहान, जगदीश, अतर सिंह, पवार देवेंद्र सिंह, रावत कुमार जगपालण. इस अवसर पर सभी टूर ऑपरेटर एवं ट्रेकिंग एजेंसियों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे. क्षेत्रीय प्रतिनिधि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य पर्यटन गतिविधियों से संबंधित रहा.