एनडीआरआई के सहयोग से बनी गोमुख डेयरी का लोकार्पण एवं लौह सिद्ध हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
- हिमांतर ब्यूरो, पौड़ी
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास के गढ़खाल में लौह सिद्ध बनवासी हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और गोमुख डेयरी का लोकार्पण किया गया. इस डेयरी को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) करनाल के सहयोग से तैयार किया गया है. इसके साथ ही गड़खाल में 21 से 23 अक्टूबर के बीच किसान
मेले का आयोजन किया गया. उत्तराखंड के औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी, हिंदू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार, आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत, बजाज समूह के सलाहकार टीसी उप्रेती, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट, समाज सेवी दर्शन भारती की मौजूदगी में 23 अक्टूबर को वनवासी हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और गोमुख डेयरी का लोकार्पण संपन्न हुआ.ज्योतिष
3 दिन तक किसानों को
सिखाए गए आधुनिक खेती, पशुपालन के गुर, किसानों को बीज और बकरियों भी दी गईं. उत्तराखंड के औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी बोले, एनडीआरआई की तकनीक के इस्तेमाल से उत्तराखंड के किसान छू सकते हैं नए आयाम.
ज्योतिष
एनडीआरआई के सहयोग से चलाए जा रहे किसान मेले का उद्घाटन 21 अक्टूबर को उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध सिंह उनियाल ने किया था. इस किसान मेले में किसानों को खेती-बाड़ी के
आधुनिक तरीके, पशुधन से संबंधित उन्नत जानकारी और दूध से तैयार होने वाले उत्पादों की जानकारी दी गई. इस दौरान यमकेश्वर की कई ग्रामसभा के किसानों को बीज और बकरियां दी गईं. इसके अलावा कृषि के लिए उपयोगी सामग्री वितरित की गई.ज्योतिष
औद्योगिक मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पहाड़ में इस तरह की आधुनिक गौशाला का निर्माण क्षेत्र के किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि एनडीआरआई जिस
तकनीक का इस्तेमाल आधुनिक खेती के लिए कर रही है, उस तकनीक को अगर देवभूमि के किसान प्रयोग में लाएंगे तो हम कृषि क्षेत्र में नए आयाम छुएंगे. उन्होंने गोमुख गौशाला को लेकर कहा कि जिस घर में गाय होती है वहां समृद्धि आती है. हमारे यहां कोई भी काम गाय के बिना संभव नहीं है, इसलिए घर में गाय का होना अति आवश्यक है.ज्योतिष
स्वामी परमात्मानंद सरस्वती ने कहा कि गाय में सभी देवताओं का वास होता है. गाय की सेवा करने से हर तरह की समृद्धि आती है. इसलिए गौसेवा करते रहें. उन्होंने देशी नस्ल
की गायों को पालने और खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए बल चाहिए और यह बल हमें हनुमान जी से मिलता है. हमारा धर्म और संस्कृति भारत का प्राण है.ज्योतिष
एनडीआरआई के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चैहान ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरुक किया जाए. इसी कड़ी में तल्ला बनास में बनाई गई गोमुख डेयरी के साथ एनडीआईआर जुड़ा और यहां आधुनिक तकनीकों का प्रयोग गायों के दूध,
उनकी देखरेख और दूध से बनने वाले उत्पादों के लिए किया जा रहा है. संस्थान के वैज्ञानिक नियमित रूप से यहां आ रहे हैं. आने वाले दिनों में एनडीआरआई कई तरह गतिविधियां कराएगा.ज्योतिष
गोमुख डेयरी वेलफेयर सोसायटी की स्थापना हिल-मेल फाउंडेशन द्वारा की गई है. फाउंडेशन की डायरेक्टर चेतना नेगी ने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को पारंपरिक एवं
आधुनिक खेती और पशुपालन के लिए प्रेरित करना है. गोमुख डेयरी की परिकल्पना इस क्षेत्र में किसानों को पशुधन से संबंधित सभी तरह का आधुनिक प्रशिक्षण देने वाले एक बड़े केंद्र के रूप में की गई है. इस आयोजन में आज तक के एडीटर नेशनल सिक्योरिटी मनजीत नेगी का विशेष योगदान रहा. इस अवसर पर बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग मौजूद रहे.