15 सितंबर को होगा ‘सूचना एवं संप्रेषण तकनीक (ICT) आधारित ई-शिक्षण और ई-अधिगम का नव परिप्रेक्ष्य: डिजिटल शिक्षाशास्त्र’ का आयोजन
- हिमांतर ब्यूरो
माता सुंदरी कॉलेज और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पंडित मदनमोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन, शिक्षक अध्ययन केंद्र, रामानुज कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान
में आगामी 15 सितंबर से ‘सूचना एवं संप्रेषण तकनीक (ICT) आधारित ई-शिक्षण और ई-अधिगम का नव परिप्रेक्ष्य: डिजिटल शिक्षाशास्त्र’ विषय पर द्विसाप्ताहिक संकाय संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.डिजिटल
दरअसल कोविड-19 वैश्विक महामारी ने पारंपरिक भारतीय शिक्षा-व्यवस्था को काफी प्रभावित किया है. महामारी के चलते शिक्षण-व्यवस्था में काफी बदलाव हुए हैं और शिक्षा व्यवस्था ने डिजिटल शिक्षण पद्धति को अपनाया है. डिजिटल शिक्षण पद्धति का उपयोग इलेक्ट्रोनिक प्रौद्योगिकी शिक्षण और शिक्षण कौशल को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
इसलिए महामारी के इस दौर में ई-शिक्षण और ई-लर्निंग के तरीकों को बहुत महत्व दिया जा रहा है.शिक्षण
डिजिटल शिक्षण पद्धति के अंतर्गत आई.सी.टी. प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपलब्ध जानकारी को सही समय पर, सही रूप में, सही स्थान पर उसके सही उपयोगकर्ता तक पहुँचाया जा सकता है. आई.सी.टी. प्रौद्योगिकी की मदद से शिक्षा को न केवल प्रभावी बनाया जा सकता है बल्कि पारंपरिक कक्षा के वातावरण का निर्माण भी किया जा सकता है.
इसी वजह से ई-शिक्षण और ई-लर्निंग पर आई.सी.टी. प्रौद्योगिकी का बहुत गहरा प्रभाव है. आई.सी.टी. प्रौद्योगिकी के द्वारा बड़ी आसानी से जानकारी को संग्रहीत, साझा, प्रेषित व उसका आदान-प्रदान किया जा सकता है.पद्धति
वास्तव में आई.सी.टी. प्रौद्योगिकी का ज्ञान शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा आयोजित करने, मीटिंग करने, सक्रिय संवाद, दृश्य-श्रव्य व्याख्यान, अध्ययन सामग्री विकसित करने एवं उनके मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करता है. इसी उद्देश्य से माता सुंदरी कॉलेज का कंप्यूटर साइंस विभाग, प्राचार्या (प्रो.) डॉ. हरप्रीत कौर के संरक्षण में द्विसाप्ताहिक संकाय संवर्धन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, https://mscw.ac.in/ से प्राप्त की जा सकती है.
जिसमें भारत के किसी भी विश्वविद्यालय के शिक्षक और पीएच-डी के शोधार्थी सहभागिता कर सकते हैं. इससे संबंधित अधिक जानकारी कॉलेज की वेबसाइट