- नीरज उत्तराखंडी
27 नवंबर, जौनसार बावर के रीति रिवाज एवं लोक सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित पहली जौनसारी फीचर फिल्म ‘मैरे गांव की बाट’ आगामी 5 दिसंबर को देहरादून और 6 दिसंबर से विकासनगर के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है.
फिल्म के प्रस्तुतकर्ता के. एस. चौहान ने कहा कि विकासनगर में यह फ़िल्म न्यू उपासना थिएटर सिनेमा रोड में प्रदर्शित होगी, जबकि 5 दिसंबर को देहरादून के सेंट्रियो मॉल में प्रदर्शित की जाएगी.
चौहान ने कहा कि विगत एक वर्ष से फ़िल्म पर जोर शोर से कार्य चल रहा था. अप्रैल, मई, जून और जुलाई में चार चरणों में फिल्म की शूटिंग जौनसार बावर के विभिन्न स्थानों में पूरी हुई. इस फिल्म की खास बात यह है कि फिल्म में काम करने वाले सभी कलाकार जौनसार बावर क्षेत्र के है और अधिकांश कलाकार नए हैं जिन्होंने पहली बार बड़े कैमरे को पेश किया है.
‘मैरे गांव की बाट’ फिल्म के लेखक व निर्देशक अनुज जोशी ने कहा कि सेंसर स्क्रीनिंग दिल्ली में संपन्न हो चुकी है सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है. लोक परंपराओं पर बनने वाली इस फिल्म की सेंसर बोर्ड ने भी प्रशंसा की है.
जोशी ने कहा कि फ़िल्म का पहला टीजर रिलीज हो चुका है. जौनसार-बावर जौनपुर-रवांई व हिमाचल क्षेत्र के लाखों दशक टीजर को देखकर फ़िल्म के प्रति उत्साहित है. फ़िल्म में जौनसार बावर की संयुक्त परिवार की अवधारणा, नारी सम्मान परंपराओं के मार्मिक दृश्य देखकर दर्शक भाव विभोर हो जाएंगे.
जौनसार बावर की इस ऐतिहासिक फ़िल्म के प्रस्तुतकर्ता फटेऊ गांव निवासी के.एस चौहान हैं, जबकि निर्माता आयुष गोयल और अभिनव चौहान हैं. फ़िल्म का निर्देशन सुप्रसिद्ध निर्देशक अनुज जोशी ने किया है. गीत श्याम सिंह चौहान के हैं, जबक धुन सीताराम चौहान, अतर शाह, अज्जू तोमर, मीना राणा, परीमा राणा, सितारा व अभिनव चौहान की है. संगीत वी कपूर का है. जबकि डीओपी हरीश नेगी और सहायक निदेशक दीपक रावत है.
फ़िल्म में मुख्य भूमिका मे अभिनव चौहान, प्रियंका, अमित चौहान, आकृति जोशी, बालम, विक्रम, जीत सिंह, मधुबाला पवांर, श्रीचंद शर्मा, गुड्डी चौहान, नारायण चौहान, प्रीतम तोमर, पंडित श्रीचंद जोशी, भगत सिंह, लता राय, रीना चौहान, काजल शाह, किरन डीमरी, मठोरु दास, आदि सहित बाल कलाकार के रूप में तनिष्क व आरुषि की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. फ़िल्म का प्रदर्शन विकासनगर, देहरादून, दिल्ली, शिमला, पांवटा साहिब व हरिद्वार में भी किया जाएगा.
जौनसार बावर के लिए ऐतिहासिक क्षण : पदमश्री प्रेमचंद शर्मा
जौनसार बावर के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है जब जौनसार बावर की पहली फ़िल्म ” मैरै गांव की बाट” बनकर तैयार है. यदि हम फिल्म के इतिहास पर प्रकाश डाले तो 1931 में पहली हिंदी फिल्म आलमआरा रिलीज हुई.1983 में पहली गढवाली फ़िल्म जग्वाल रिलीज हुई, जबकि 1987 में पहली कुमाउनी फ़िल्म मेघा आ रिलीज हुई.
2024 में पहली जौनसारी फ़िल्म, “मैरै गांव की बाट” बनकर तैयार है, इस ऐतिहासिक क्षणों के हम लोगों को साक्षी बनने का शुभ अवसर प्राप्त हो रहा है. अधिक से अधिक लोगों ने इस जौनसारी फिल्म को देखकर अपने लोक संस्कृति को बढ़ावा देना है.