- हिमांतर ब्यूरो, दिल्ली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नए मीडिया सलाहकार दिनेश मानसेरा को लेकर सोशल मीडिया बहस गर्मा गई है. कई दक्षिणपंथी दिनेश मानसेरा को वामपंथी विचारधारा का
बताकर भाजपा सरकार में उनकी मीडिया सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को लेकर संघ और पार्टी का घेराव कर रहे हैं. ट्विटर पर मानसेरा को निशाने में लेते हुए यूजर्स कह रहे हैं ‘वाह..वाह.. जो बीजेपी को गाली दे. जो मोदी जी को गाली दे, उनको मीडिया सलाहकार बना दो!!!’मूलांक
कई यूजर्स यहां तक पूछ रहे हैं कि इस
नियुक्ति के पीछे आखिर किसका हाथ है, जो सूबे में भारतीय जनता पार्टी की कब्र खोदने में जुटा है.दिनेश मानसेरा के कई ऐसे ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्थानीय भाजपा नेताओं को निशाने पर रखकर चुटकी ले रहे हैं.
यहां तक की उनके बेटे के ट्विट को वायरल करके लोग पूछ रहे हैं- मानसेरा का परिवार आखिर संघी कैसे हो गया? जैसा बाप, वैसा ही बेटा! उनके बेटे का एक ट्वीट वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर को नौटंकी बता रहे हैं. दिनेश मानसेरा ने ‘दाज्यू बोले’ के तहत जितनी भी चुटकियां ली हैं, उनको भाजपा विरोधी बताते हुए यूजर्स उनको वामपंथी घोषित कर रहे हैं.दरअसल, लंबे वक्त तक एनडीटीवी में कार्य करने वाले दिनेश मानसेरा को उनके सोशल मीडिया पोस्ट और व्यंग्य के लिए वामपंथी बताया जा रहा है. उनकी दिल्ली के
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के साथ एक फोटो वायरल की जा रही है. यहां तक कहा जा रहा है कि वह आम आदमी पार्टी की तरफ से उत्तराखंड में बड़ा भविष्य तलाश रहे थे, लेकिन बात नहीं बनी.मूलांक
दिनेश मानसेरा की नियुक्ति के पीछे भाजपा संगठन से जुड़े सुरेश भट्ट का हाथ बताया जा रहा है. उनको भी यूजर्स निशाने पर ले रहे हैं. दिनेश मानसेरा की नियुक्ति पर भाजपा के
एक सांसद का कहना है कि तीरथ जी की किस्मत ही ठीक नहीं है. जिस मामले में हाथ डालते हैं, बवाल हो जाता है. वहीं, जब भाजपा के एक अन्य सांसद से अनौपचारिक बातचीत में पूछा गया, तो उनका कहना है- जो व्यक्ति हमारे प्रधानमंत्री जी के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है, उसकी मीडिया सलाहकार के तौर पर नियुक्ति से पहले गहन छानबीन करनी चाहिए थी. इससे पार्टी और तीरथ जी की छवि को ही नुकसान होगा.तीरथ जी के व्यक्तिगत
तौर पर मानसेरा से घनिष्ठ संबंध होंगे या नहीं, इस पर भी संशय है. इसे संगठन की तरफ से किसी व्यक्ति विशेष द्वारा की गई नियुक्ति बताई गई है. जिसमें सुरेश भट्ट का नाम सामने आ रहा है. वहीं, उत्तराखंड के कुछ पत्रकार दबी जुंबा में मानसेरा को वामपंथी बता रहे हैं, जबकि कुछ उनकी नियुक्ति से खुश हैं.मूलांक
वहीं, एनडीटीवी के एक
वरिष्ठ अधिकारी जो मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं, उनका कहना है कि मानसेरा जी की अब उम्र हो गई है और उनका मीडिया में अब कोई बड़ा करियर बचा नहीं है, ऐसे में मीडिया सलाहकार का ही पद बचता है.वहीं, इस मामले में उत्तराखंड मूल के पत्रकार ललित फुलारा का कहना है कि भले ही दिनेश मानसेरा अच्छे, व्यवहारिक व्यक्ति हो सकते हैं, परंतु जिस तरह उनके वायरल पुराने ट्वीट
और सोशल मीडिया पोस्ट देखने में आ रहे हैं, ये सत्ता पक्ष एवं मुख्यमंत्री के लिए अच्छे संकेत नहीं है. इससे उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता पर प्रश्नचिन्ह जरूर खड़ा होता है. हालांकि, मैं यह भी मानता हूं कि किसी के साथ किसी की फोटो होने, या किसी विशेष संस्थान में कार्य करने…. और कुछ ट्वीट एवं पोस्ट से कोई व्यक्ति दक्षिणपंथी और वामपंथी नहीं हो जाता. वैसे भी सत्ता के करीब आते ही दक्षिणपंथी… वामपंथी..और वामपंथी… दक्षिणपंथी…या यह कह लीजिए सब लोग सत्तापंथी हो जाते हैं.मूलांक
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मालगुड़ी कहते हैं कि पहले ही इतने विवादों में घिरे रहने के बाद मुख्यमंत्री को विवादों से दूर रहना चाहिए. चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में एक-एक छोटा-बड़ा कदम
भाजपा के लिए सूबे में मुसीबत का कारण बन सकता है. मानसेरा दक्षिणपंथी हैं या वामपंथी यह तो उनके चुनाव करने वालों को ही बेहतर पता होगा. आरएसएस इतना बड़ा संगठन हैं उनके लिए किसी का बैकग्राउंड पता लगाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. वैसे भी किसी पत्रकार के मीडिया सलाहकार बनने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है.