उमेश डोभाल स्मृति सम्मान-2024 से सम्मानित हुए महावीर रवांल्टा

Umesh Dobhal Samman

सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को लोकभाषा रवांल्टी एवं हिन्दी साहित्य में उनकी साहित्यधर्मिता के लिए उनके समर्पण, प्रेरणादायक और अनुकरणीय  कार्य के लिए 32 वें उमेश डोभाल स्मृति सम्मान-2024 से सम्मानित किया गया. उमेश डोभाल स्मृति आयोजन समिति सिरोली एवं उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट पौड़ी गढ़वाल द्वारा उमेश डोभाल के पैतृक गांव सिरोली में अवस्थित राजकीय इंटर कालेज क्यार्क में आयोजित द्विदिवसीय समारोह में उन्हें मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी ने ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविन्द पंत ‘राजू’, नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन साह,प्रशांत नेगी, डॉ योगेश धस्माना की उपस्थिति में स्मृति चिन्ह,शाल, प्रशस्ति पत्र व सम्मान राशि भेंटकर सम्मानित किया.

सम्मान समारोह सत्र का संचालन ‘धाद’ के‌ संपादक गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया. इस अवसर पर लोक संरक्षण के लिए राजेन्द्र रावत ‘राजू’ स्मृति जन सरोकार सम्मान मसूरी के समीर शुक्ला, गिरीश तिवाड़ी ‘गिर्दा’ स्मृति जन कवि सम्मान अल्मोड़ा के हर्ष काफर को दिया गया जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पुरस्कार किशन जोशी और इंटरनेट मीडिया पुरस्कार प्रेम पंचोली को दिया गया. चामी टीन एजर्स क्लब को भुवनेश्वरी जोशी प्रतिभा पुरस्कार,दगड्या ग्रुप को अनिरुद्ध जोशी प्रतिभा पुरस्कार दिया गया. समारोह में महिला मंगल दल सिरोली,दगड्या ग्रुप द्वारा लोक नृत्य व नवांकुर नाट्य संस्था पौड़ी द्वारा ‘औरत’ नाटक का मंचन किया गया.

Umesh Dobhal Samman

इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी योगेश पोखरियाल,अमिता डोभाल, दिनेश डोभाल, डॉ अरुण कुकशाल,नरेश नौडियाल,कपाल रावत,मनोहर चमोली ‘मनु’,विनय शाह, आशीष नेगी,पी सी तिवारी,रवि रावत, सुरेन्द्र सिंह रावत,अनुसूया प्रसाद ‘घायल’, एस एन रतूड़ी,हिमांशु जोशी,यश डोभाल, धीरेन्द्र चौहान, डॉ कमलेश कुमार मिश्रा,लुशुन टोडरिया,कविलास नेगी, केसर सिंह असवाल, नमन चंदोला सहित सिरोली व आसपास की मातृशक्ति व ग्रामीण उपस्थित रहे. सुप्रसिद्ध चित्रकार स्व भी मोहन नेगी के सुपुत्र आशीष मोहन नेगी द्वारा उनके व अपने बनाए कविता पोस्टर की प्रदर्शनी व समय साक्ष्य का पुस्तकों का स्टाल भी समारोह के आकर्षण रहे.

साहित्य की विभिन्न विधाओं में अनवरत सृजन करते हुए महावीर रवांल्टा अब तक 43 पुस्तकों के सृजन के साथ ही देशभर की पत्र-पत्रिकाओं के लिए अनवरत लिख रहे हैं. आपके साहित्य पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध एवं लघु शोध प्रस्तुत हो चुके हैं और कुछ चल रहे हैं. रंग लेखन एवं लोक साहित्य में गहरी रुचि होने के साथ आप अनेक नाटकों के लेखन के साथ ही अभिनय और निर्देशन से भी जुड़े रहे हैं. आपकी कहानियों पर आधारित नाटकों का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की संस्कार रंग टोली,कला दर्पण, मांडी विद्या निकेतन, विशेष बाल श्रमिक विद्यालय द्वारा नाट्य मंचन किया जा चुका है.

रवांई क्षेत्र की लोककथा और लोकगाथा पर आप ‘सफेद घोड़े का सवार’ व ‘एक प्रेमकथा का अंत’ जैसे नाटक रच चुके हैं. भाषा -शोध एवं प्रकाशन केन्द्र वडोदरा ( गुजरात) के भारतीय भाषा लोक सर्वेक्षण, उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के भाषा सर्वेक्षण और ‘पहाड़’ बहुभाषी शब्दकोश पर रवांल्टी पर काम करने के साथ ही रवांल्टी में लेखन की शुरुआत का श्रेय भी आपको ही जाता है. साहित्य में आपकी सक्रियता के लिए आप अनेक सम्मान व पुरस्कार पा चुके हैं जिनमें उत्तराखण्ड भाषा संस्थान का उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान-गोविन्द चातक पुरस्कार-2022 भी शामिल है.आपकी रवांल्टी रचनाओं का कुमाउंनी, गढ़वाली व बांग्ला में अनुवाद और लघुकथा ‘तिररस्कार’ पर लघु फिल्म का निर्माण हो चुका है.

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