उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा ‘कुमाउनी बैठकी होली’ का गाजियाबाद में आयोजन
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन, साहिबाबाद क्षेत्र में ‘कुमाउनी बैठकी होली’ का आयोजन हुआ जिसमें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न होली गायक शामिल रहे।
उत्तराखंड की प्रख्यात ‘कुमाउनी बैठकी होली’ के इस आयोजन में हारमोनियम पर संगतकर्ता निधि जोशी (लोधी रोड, दिल्ली), चन्द्र शेखर पाण्डेय (वसुंधरा, गाजियाबाद), चन्द्र शेखर जोशी (स्वरूप पार्क, साहिबाबाद), महेश जोशी (द्वारका, दिल्ली), राकेश जोशी (इन्द्रापूरम, गाजियाबाद) व तबले पर संगतकर्ता जीवन कलखुंड़िया (वैशाली, गाजियाबाद), चन्द्रेश पंत (क्रासिंग रिपब्लिक, गाजियाबाद), गिरिजा शंकर जोशी (सोनीपत, हरियाणा), भानू जोशी (नोएडा, उ.प्र.) युवा प्रतिभा रोहित (वसुंधरा, गाजियाबाद) तथा होली गायन के अन्य संगतकर्ता डी.डी. जोशी (वसुंधरा, गाजियाबाद), एल. आर. पंत (इन्द्रापूरम, गाजियाबाद), दीप पंत (वैशाली, गाजियाबाद), गिरिजा जोशी (शिप्रा रिवैरा, गाजियाबाद) नीरज लोहनी (इन्द्रापूरम, गाजियाबाद) इत्यादि सहित ‘होल्यार गाये धमार समूह’ परिवार के कई सम्मानित कलाकारों ने होली गायन की प्रस्तुतियां दी।
दिल्ली से पधारे सुप्रसिद्ध होली गायक निधि जोशी ने ‘ननद हटी सास बुरी…..’, ‘मृगनयनी को यार नवल रसिया….’, ‘सखि ऐसो चटक रंग डालो’ जैसी होलियां सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया।
वसुंधरा गाजियाबाद से पधारे शेखर पांडे ने ‘मटकी भरी सर से सरकी…’ व महेश जोशी ने ‘देखन दे यह रुप…’ होली अपने सुमधुर अंदाज में प्रस्तुत की।
जीवन चंद्र कलखुड़िया जी ने ‘अपने ही रंग में रंगा दे…’ व चन्द्र शेखर जोशी ‘गाओ सुहागिन होली बरस की…’ गाकर समां बांध दिया।
राकेश जोशी ने ‘उदन करे वो तो काहू की ना माने कान्हा काहु कि न माने…..’, व ‘मुबारक मंजरी फूलों भरी….’ इत्यादि होलिया गाकर देर रात तक दर्शकों की वाह-वाही लूटी।
‘होल्यार गाए धमार समूह’ पिछले कई वर्षों से दिल्ली एनसीआर में बैठकी होली का आयोजन करते आ रहे हैं, जिसमें पुरानी पीढ़ी के सधे हुए गायको के साथ नए युवा पीढ़ी के होली गायक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
देर रात तक चले इस होली गायन के समापन कार्यक्रम में प्रमुख आयोजकों कैलाश पाण्डेय, आनंद श्रीवास्तव, जितेंद्र पाण्डेय, राजवीर सियाग व विजेंद्र इत्यादि ने सभी उपस्थित होली गायकों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया ।