प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य का आनन्द ले रहे पर्यटक
- नीरज उत्तराखंडी, पुरोला
बर्फ की सफेद चादर ओढ़े मखमली बुग्याल पहाड़ से झरते मनमोहक दुधिया झरने घने जंगल में झांकती सूर्य की रोशनी, मृग की चहलकदमी और पक्षियों का कर्ण प्रिय कलरव सूर्य के निकले और डूबने का मनोरम दृश्य दृग को सकून दे जाते है जहां प्रकृति ने अपनी छटा मुक्त हस्त से बिखेरी हैं. ऐसा पर्यटक स्थल है केदार कांठा.
समुद्रतल से लगभग 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केरकांठा जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 220 किलोमीटर दूर है. यह स्थल शीतकालीन पर्यटन के लिए खास प्रसिद्ध है. केदारकांठा पहुंचने के लिए सांकरी से 11 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी होती है.
इस बार क्रिसमस से लेकर नए वर्ष तक 8,000 से अधिक पर्यटक केदार कांडा पहुंच चुके हैं.जो स्नो ट्रेकिंग के साथ केदारकांठा समिट से रोमांचित हो कर लौटे.
हिमालय की गोद में बसा केदार कांठा ट्रेक 12,500 फीट की ऊंचाई में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. अपनी खूबसूरत बर्फीली चोटियों, घने देवदार के जंगलों, और शांत पहाड़ी गांवों के लिए मशहूर है. सर्दियों में, यह पूरी तरह से बर्फ की चादर से ढक जाता है, जिससे इसे “विंटर ट्रेकिंग” का स्वर्ग कहा जाता है.
यहां से स्वर्गरोहिणी, बंदरपूंछ और काला नाग जैसी चोटियों के मनमोहक दृश्य के दीदार हो जाते हैं. यह ट्रेक 4-6 दिन का होता है और शुरुआती ट्रेकर्स के लिए भी उपयुक्त है., प्राकृतिक सुंदरता, और रोमांचकारी अनुभव से भरी यह अद्भुत यात्रा है.
प्रकृति का कंठ है केदारकांठा : विधायक दुर्गेश्वर लाल
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने केदारकांठा की बर्फीली चोटियों की खूसूरती को देखते हुए इसे प्रकृति का कंठ की संज्ञा दी है. उन्होंने इस ट्रेक को स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण ट्रेक बताया. उन्होंने कहा कि केदारकांठा ट्रेक सिर्फ एक साहसिक यात्रा नहीं, बल्कि प्रकृति को करीब से महसूस करने का एक अनूठा अनुभव है. यह ट्रेक न केवल हिमालय की अद्भुत सुंदरता दिखाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है.