पत्रकार-लेखक ललित फुलारा को मीडिया में रचनात्मक भूमिका के लिए मिला ये प्रतिष्ठित पुरस्कार

उत्तराखंड के एक छोटे से गांव पटास से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार ललित फुलारा को पत्रकारिता में उनके योगदान और रचनात्मक भूमिका के लिए 40 अंडर 40 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया. उन्हें यह पुरस्कार समाचार4 मीडिया की तरफ से दिया गया है. इस साल समाचार4 मीडिया ने 17 मीडिया संस्थानों के 40 प्रिंट, डिजिटल और टीवी पत्रकारों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया है. ललित फुलारा इस वक्त ज़ी मीडिया की हिंदी वेबसाइट इंडियाडॉटकॉम में चीफ सब एडिटर के पद पर कार्यरत है. उन्हें क्रिएटिव आइडियाज और ह्यमुन इंटरेस्ट वाली स्टोरीज में माहरत हासिल है.

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में स्नातकोत्तर ललित फुलारा को टीवी, प्रिंट और डिजिटल तीनों माध्यमों का अनुभव है. वह न्यूज़18, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, ज़ी न्यूज और राजस्थान पत्रिका जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं और पिछले दस सालों से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे हैं. साल 2022 में उनका कैंपस आधारित उपन्यास ‘घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी’ खासा चर्चित रहा था. साहित्य आज तक ने युवा उपन्यास श्रेणी में इस उपन्यास को टॉप 10 में शामिल किया था. उनकी लंबी कहानी पहाड़ पर टैंकर प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका परिकथा में छप चुकी है.

ललित फुलारा मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाले हैं और पिछले दस सालों से पत्रकारिता कर रहे हैं. वर्तमान में ज़ी मीडिया की वेबसाइट इंडियाडॉटकॉम में चीफ सब एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. उनकी पहली कहानी ‘पहाड़ पर टैंकर’ साहित्यिक पत्रिका ‘परिकथा’ में प्रकाशित हो चुकी है. साल 2022 में यश प्रकाशन से पहला उपन्यास ‘घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी’ प्रकाशित हुआ जिसे ‘साहित्य आज तक’ ने युवा कलम श्रेणी में साल के टॉप 10 उपन्यासों में शामिल किया. इसके अलावा ई-साहित्यिक पत्रिका ई-कल्पना में उनकी मंडी हाउस का आदमी और घिनौड़ सहित कई कहानियां प्रकाशित हो चुकी है.

ललित फुलारा ने अपने अब तक के पत्रकारिता करियर में विविधता भरा काम किया है. इंडियाडॉटकॉम हिंदी में रूटीन खबरों से अलग ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम शुरू किया जिसमें लेखकों के रचना संसार, उनकी रचना प्रक्रिया के साथ ही जीवन के संघर्षों और उतार-चढ़ाव पर चर्चा की और वीडियो इंटरव्यू के साथ ही लॉन्ग फॉर्मेंट में उसकी कहानियां भी तैयार की. अमर उजाला डिजिटल में रहते उन्होंने साल 2019 का लोकसभा चुनाव कवर किया/ एजुकेशन बीट देखी और ‘मैं और किराये के कमरे’, प्यार में धोखे की कहानियां’ और ‘मां कहती है’ फीचर स्टोरीज में लोगों के अनुभवों को उकेरा. राजस्थान अखबार में फीचर फेज और स्टार्टअप पेज की जिम्मेदारी संभाली. न्यूज 18 में साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया की हलचलों पर भी कलम चलाई.

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