- अरविन्द मालगुड़ी
जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तो भारतीय खेलों की विरासत संभाल रहे खिलाड़ियों के अलावा एक चेहरे ने सबका ध्यान खींचा
था. जो भारत के सबसे युवा नए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर हैं. ओलंपिक से 16 दिन पहले जब प्रधानमंत्री मोदी ने खेल मंत्रालय को किसी और हाथों में सौंपने का फैसला लिया होगा, तो उनके लिए ये फैसला लेने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई होगी, क्योंकि उनकी टीम में खेल और राजनीती दोनों में खासा अनुभव रखने वाले अनुराग ठाकुर इस ज़िम्मेदारी में फिट बैठने वाले मंत्री के रूप में पहले से मौजूद थे.खेल मंत्रालय
सिर्फ़ युवा मंत्री होना ही अनुराग की ख़ूबी नहीं है, क्यूंकि पिछले मंत्री किरन रीजिजू और पहले के खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर भी युवा ही थे. पर अनुराग ठाकुर के युवा होने के साथ उनका खेल और खेलों की राजनीति दोनों का व्यापक अनुभव है. खेल के प्रति जुनूनी अनुराग के बारे में कहा जाता है कि वो परफ़ॉरमेंसका विशेष ध्यान
रखते हैं. ख़ुद की भी और दूसरों की भी. यही बात आज उन्हें इस मुकाम तक ले आई है. 25 साल की उम्र में अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष से भारतीय जूनियर क्रिकेट टीमों का चयन करने के लिए 26 साल की उम्र में सबसे युवा राष्ट्रीय चयनकर्ता से लेकर बीसीसीआई के संयुक्त सचिव रहे. फिर दूसरे कम उम्र के बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गये. तब से अब तक वे किसी न किसी रूप में खेलों से जुड़े हैं.ठाकुर
मंत्री के रूप में ठाकुर की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक के दौरान ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं के प्रावधान सहित विभिन्न विषयों पर
सकारात्मक चर्चा की गई. उनका खेल के प्रति प्रेम और छोटी-सी उम्र से अब तक लगातार खेलों से उनका जुड़ाव भारतीय खेलों को ज़रूर नए आयाम स्थापित करने में मदद करेगा यही हर भारतीय खेल प्रेमी को उनसे उम्मीद है.
खेल मंत्रालय
इसके अलावा, वे हिमाचल प्रदेश राइफल
एसोसिएशन के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव, हॉकी हिमाचल प्रदेश के महासचिव,भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यकारी सदस्य होने का भी अनुभव रखते हैं. यही व्यापक अनुभव उनको खेल मंत्री के रूप में अलग पायदान पर खड़ा करता है.अनुराग
खेल मंत्री के रूप में अनुराग इसलिए भी फिट बैठते हैं, क्यूंकि सभी स्पोर्ट्स बॉडी में चल रही राजनीति को वो भली भाँति अपने गणतंत्रात्मक राजनीति और खेल की मिश्रित राजनीति के अनुभव से
न कि पूरी तरह काबू में रख पाएंगे, बल्कि उसे सही दिशा भी पाएंगे. जिससे खिलाड़ियों को मदद मिलेगी और वो अपनी परफ़ोरमेंस पर ज़्यादा ध्यान दे पाएंगे.मंत्रालय
मंत्री के रूप में ठाकुर की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक के दौरान ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं के प्रावधान सहित विभिन्न विषयों पर सकारात्मक
चर्चा की गई. उनका खेल के प्रति प्रेम और छोटी-सी उम्र से अब तक लगातार खेलों से उनका जुड़ाव भारतीय खेलों को ज़रूर नए आयाम स्थापित करने में मदद करेगा यही हर भारतीय खेल प्रेमी को उनसे उम्मीद है.(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)