- प्रियंका, शोधार्थी
अभिषेक सिंह पेशे से इंजीनियर है. पौड़ी-देहरादून रूट पर होमस्टे चलाते हैं. उनका कहना है कि मेरा उद्देश्य एग्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देना है. जिसके जरिए मैं आस-पास के ग्रामीणों के लिए भी रोजगार सृजन कर सकूं. अभी मेरे पास चार स्थाई कर्मचारी हैं. गर्मियों के सीजन में जैसे ही होमस्टे का कारोबार बढ़ता है, मैं आस-पास के गांवों के लोगों को भी इससे जोड़ लेता हूं, ताकि उनकी भी कमाई हो सकें. होमस्टे में आने वाले ज्यादातर टूरिस्ट कैंपिंग का मजा लेना चाहते हैं. उनके लिए पहाड़ पर बना होमस्टे किसी आश्चर्य से कम नहीं होता है.
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मैं 2016 से ही स्वरोजगार कर रहा हूं. सबसे पहले डेयरी खोली. लेकिन लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला, क्योंकि पैकेट बंद दूध खरीदने की आदत के चलते लोग इसे गोशाला कहते थे.
धीरे-धीरे मैंने इसका विस्तार करके इसे होमस्टे में तब्दील कर दिया. अब तमाम राज्यों से लोग हमारे होमस्टे आते हैं और अपना फीडबैक साझा करते हैं. हमारे होमस्टे को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और सोशल मीडिया के जरिए भी लोग हमसे जुड़ रहे हैं. होमस्टे के साथ ही आजीविका के लिए मुगीर्पालन और मछलीपालन का काम भी करता हूं. जिसकी स्थानीय बाजार में अच्छी-खासी मांग है.होमस्टे में लोग डेस्टिनेशन वेडिंग, बर्थडे सेलिब्रेशन और फेयरवेल पार्टी के साथ ही हवन के लिए भी आने लगे हैं. कई जोड़े डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए शांत, खूबसूरत वादियों से घिरा
और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होमस्टे खोजते हैं. ऐसे में यंगस्टर्स के बीच डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए होमस्टे जाना नया चलन बन रहा है. लोग पार्टी और पारिवारिक समारोह के लिए भी होमस्टे आते हैं.
सोशल मीडिया को बनाया प्रचार का जरिया
अभिषेक कहते हैं कि उन्होंने होमस्टे की पब्लिसिटी के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. सोशल मीडिया के जरिए होमस्टे के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताया
और लोग उनसे कनेक्ट भी हुए. इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज के जरिए कई लोग हमसे जुड़े. होमस्टे में आने वाले टूरिस्ट प्रकृति का आनंद लेने के साथ ही शौक से फोटोग्राफी भी करते हैं और हमारे पेज को टैग करते हुए अपने-अपने सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं. इससे अन्य लोगों को भी हमारे होमस्टे के बारे में जानकारी मिलती है.वह कहते हैं, सोशल मीडिया के दौर में सबसे आसान यही है कि एक फोटो आपके लिए कई ग्राहक ला सकती है. अभिषेक कहते हैं कि आप ग्राहकों को जितनी अच्छी सुविधा
और आराम देंगे, वह उतना ही आपकी पब्लिसिटी करेंगे. आपके बारे में सोशल मीडिया पर लिखेंगे जिससे न सिर्फ आपकी विश्वसनियता बढ़ेगी बल्कि कई अन्य लोग भी आपके होमस्टे आना चाहेंगे. होमस्टे का यही नियम है- सुंदर बनाइये, फोटो खींचने दीजिए और लोगों को आरामदायक सुविधा दीजिए.पढ़ें— संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा
डेस्टिनेशन वेडिंग और बर्थडे सेलिब्रेशन के लिए भी आते हैं लोग
अभिषेक बताते हैं कि होमस्टे में लोग डेस्टिनेशन वेडिंग, बर्थडे सेलिब्रेशन और फेयरवेल पार्टी के साथ ही हवन के लिए भी आने लगे हैं. कई जोड़े डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए शांत, खूबसूरत वादियों से घिरा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होमस्टे खोजते हैं. ऐसे में यंगस्टर्स के बीच डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए होमस्टे जाना नया
चलन बन रहा है. लोग पार्टी और पारिवारिक समारोह के लिए भी होमस्टे आते हैं. उन्होंने कहा कि बांस के हट्स पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत बनवाए हैं. उन्होंने यह कोशिश की है कि उनका होमस्टे टेंट जैसा फील दें, क्योंकि अधिकतर लोग होमस्टे में कैंपिंग का मजा लेना चाहते हैं. उनकी प्राथमिकता ऐसी जगह होती है, जहां हट्स व टेंट्स हों.पढ़ें— स्वयं सहायता समूह के जरिए पूर्ण हुआ स्वरोगार का स्वप्न
होमस्टे का मतलब ही यह है कि आप घर से कहीं दूर हों मगर घर जैसा महसूस करें. प्रकृति के बीच बना हमारा होमस्टे लोगों को घर जैसा फील देता है
और मेजबानी भी अच्छे से होती है. हम साफ-सुथरा पौष्टिक ऑर्गेनिक भोजन देते हैं और कमरे साफ, बिस्तर मुलायम और ग्राहकों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखते हैं.