रचना दिवस महोत्सव: त्रिभुवन गिरी व दीप पाण्डेय सहित 6 कलाकार हुए सम्मानित

मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति के तत्वावधान में चल रहे “रचना दिवस महोत्सव” के पाँचवे दिन के कार्यक्रम लोक गायक मोहन उप्रेती जी की स्मृति में आयोजित किए गए. कार्यक्रम लोक संगीत की स्वर लहरियों से सरोबार रहा.

कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि एडवोकेट शेखर लकचौरा, प्रधानाचार्य शारदा पब्लिक स्कूल विनिता लकचौरा और जाने माने लोक गायक दिवान कनवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. किरन पंत ने वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की, उसमें उपरांत छोलिया कलाकारों ने सुन्दर प्रस्तुति दी.

शेखर लकचौरा ने बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हमारा युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं. विशिष्ट अतिथि दिवान कनवाल ने मोहन उप्रेती के साथ के संस्मरण सुनाते हुए संस्था के द्वारा पिछले 22 वर्षों से चल रहे “रचना दिवस महोत्सव” की सराहना की.

इस वर्ष के सम्मान समारोह में “समिति सम्मान” से कुमाउनी और हिन्दी में साहित्य सृजन करने वाले रचनाकार त्रिभुवन गिरी महाराज को और वरिष्ठ रंगकर्मी दीप पाण्डेय को समिति सम्मान से सम्मानित किया गया, मुख्य अतिथी शेखर लकचौरा ने फूलमाला, शाल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र और संस्था के द्वारा प्रकाशित पुस्तिका प्रदान कर सम्मानित किया.

इस वर्ष का “युवा प्रतिभा सम्मान” से लोक गायिका आशा नेगी व चित्रकार कुसुम पाण्डेय को प्रदान किया गया. आशा नेगी को इससे पूर्व भारत सरकार के बिस्मिल्ला खाँ अवार्ड प्राप्त हो चुका है वहीं कुसुम पाण्डेय इससे पूर्व केन्द्रीय ललित कला अकादेमी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. आशा नेगी को यह सम्मान कुमाउ की प्रसिद्ध लोक विधा न्योली गायिकी के लिए प्रदान किया गया. आशा नेगी ने कहा कि यह सम्मान उन्हें आगे सार्थक कार्य करने के लिए प्रेरणा देगा.

इस वर्ष का “कला साधक सम्मान” प्रसिद्ध लोक गायिका लता पाण्डेय, मोहन सिंह रीठागढी के पुत्र गिरीश रिठागढी को प्रदान किया गया, वहीं “कला संरक्षण सम्मान” दिल्ली से पधारे खीम सिंह रावत ‘उत्तरैणी वाले’ को प्रवासियों में कुमाउ की लोक संस्कृति के के प्रचार-प्रसार में योगदान के लिए प्रदान किया गया.

कल्याण मनकोटी को युवाओं के शैक्षणिक व रचनात्मक विकास में किए गए योगदान के लिए “युवा चेतना सम्मान” से सम्मानित किया गया. सभी सम्मानित व्यक्तित्वों को शाल, पुष्पगुच्छ, स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र व संस्था के द्वारा प्रकाशित कृति प्रदान की गई.

लोक गायक दिवान ने अपनी सुमधुर आवाज में त्रिभुवन गिरी द्वारा रचित काव्य ‘क्या पहचान पिया की होगी’ को गाकर सुनाया, आशा नेगी ने न्यौली और लोकप्रिय गायिका लता पाण्डेय लोकगीतों की सुन्दर प्रस्तुति दी. युवा कलाकार भाष्कर लोकवाद्य बिणई का वादन कर सभी का मन मोह लिया.

कार्यक्रम में अतिथी प्रसिद्ध दिनेश पाण्डेय, मेम्बर नगर पालिका राजेन्द्र तिवारी, हल्द्वानी से पधारे युवा संगीतकार मनोज पाण्डेय, धारचुला से पधारे कलाप्रेमी व अभियंता महेंद्र मूस्यूनी, भाष्कर भौरियाल को शाल, स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन उत्तराखंड जनसरोकारों के मुद्दों को अपनी रचनाओं के माध्यम से उठाने वाली सुप्रसिद्ध लेखिका मीना पाण्डेय ने किया.

कार्यक्रम में रंगकर्मी मनमोहन चौधरी, उत्तराखंड बिजनेस स्टाटअप विजेता कमल कमल पाण्डेय, गाजियाबाद से जनसरोकारों उत्तराखंड की संस्कृति के समर्पित समाजसेवी कैलाश पाण्डेय, युवा कवियित्री किरन पंत ‘वर्तिका’ , लोक हस्तशिल्प ऐपण कलाकारा मीरा जोशी, लेखक परवेश जोशी, ममता कोहली, श्वेता सिंह, नमिता टम्टा, एडवोकेट भावना जोशी आदि गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे.

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