देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार द्वारा बच्चों पर आक्रमण करने की घटनाओं और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे गुलदार के हमले की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख सचिव वन आर. के सुधांशु को निर्देश दिए हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करें।
सीएम धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और रात में भी गश्त की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही है उन क्षेत्रों में वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवारजनों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि को चार लाख रूपए से बढ़ाकर छह लाख रूपए करने का प्रस्ताव जल्द लाया जाए। उन्होंने कहा कि नए वाइल्ड लाईफ रेस्क्यू सेंटर भी बनाए जाएं। वाइल्ड लाइफ में धारण क्षमता से अधिक जानवर होने की स्थिति में अगर अन्य राज्यों से जानवरों की डिमांड आ रही है तो इसकी भी डिटेल रिपोर्ट बनाई जाए।
राजधानी दून में शाम छह बजे निखिल थापा (12) पुत्र शेरबहादुर निवासी कैनाल रोड स्थित सुंधोवाली अपने दोस्तों के साथ रिस्पना नदी किनारे से वॉलीबाल खेल कर लौट रहा था। इस दौरान गुलदार ने निखिल पर जानलेवा हमला कर दिया। गनीमत रही कि दोस्तों के साथ होने से उसकी जान बच गई। इस से पहले भी गुलदार राजपुर रोड में एक बच्चे को अपना शिकार बना चुका है।
वहीं रविवार को ही उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता में गुलदार ने एक चार साल के मासूम को उसकी मां के सामने ही शिकार बना लिया। बता दें कि चारा काट रही मां के सामने ही तेंदुए ने चार साल के मासूम पर हमला कर दिया था। मां और साथी महिलाओं के शोर मचाने पर तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग गया। लेकिन मासूम के गले में दांत लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।