नई दिल्ली में जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने आज भारत के पहले चीफ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जिसमें भारतीय नौसेना के अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार मुख्य अतिथि थे तथा पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल आरकेएस भदौरिया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. इस अवसर पर भारतीय सेना के कई उच्च अधिकारी भी शामिल हुए.
आज ही के दिन 8 दिसम्बर 2021 को जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य वीर ऑफ़िसर और जवानों के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में काल के ग्रास बन गए थे. इन सब लोगों के लिए जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है. कभी न भुलाई जाने वाली उस दुर्घटना में बिग्रेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वाडन लीडर के सिंह, जेडब्लूओ राना प्रताप दास, जेडब्लूओ प्रदीप, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवल सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक वी साई तेजा शहीद हो गये थे.
मुख्य अतिथि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और विशिष्ट अतिथि पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, स्वर्गीय ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर, लेफ़्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह की पत्नी अग्नेस और जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत और मनजीत नेगी ने दीप प्रज्ज्वलित किया तथा सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर वाइस चीफ ऑफ एयर स्टॉफ एयर मार्शल एपी सिंह, डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित, लेफ्टिनेंट जनरल विनोद जी खंडारे, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, एडमिरल एसएन घोररमडे, मेजर जनरल मुकेश अग्रवाल, एयर मार्शल वीपीएस राणा सहित कई अधिकारियों ने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की.
जनरल बिपिन रावत का जन्म पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था. स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत का परिवार पीढ़ियों से सेना के ज़रिए देशसेवा करता रहा है. उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत 1988 में डिप्टी चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ के पद से रिटायर हुए. इस अवसर पर जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि स्वरूप फ़िल्म भी प्रदर्शित की गई. यह फ़िल्म उनके जीवन और उनके मिशन पर रोशनी डालती है.
इस मौके पर जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार का स्वागत किया. पूर्व वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने इस अवसर पर कहा कि जनरल बिपिन रावत का जीवन इतना गहरा और उनका मिशन इतना बड़ा था कि उन पर जितनी भी बात की जाए कम है. भारतीय सेना में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा.
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने अपना पूरा जीवन सेना को समर्पित कर दिया था. उन्होंने कहा कि जनरल रावत रणनीति बनाने में माहिर थे उन्हें उत्तर पूर्व में घुसपैठ रोकने के सैन्य अभियानों का खासा अनुभव था. जनरल रावत ने साफ कर दिया था कि वह जरूरत पड़ने पर देश की सीमाएं लांघकर दुश्मन के इलाके में घुसकर उन्हें बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि नौसेना ने उनके नाम पर दो ट्रॉफ़ी शुरू की हैं.
इस मौके पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार मनजीत नेगी द्वारा लिखित पुस्तक का भी विमोचन किया गया. यह पुस्तक जनरल बिपिन रावत के ऊपर काफी शोध करने के बाद लिखी गई है. इस पुस्तक का नाम जनरल बिपिन रावत ‘द वार्रियर’ है जिसका कि आज विमोचन किया गया. इससे पहले इस पुस्तक के हिन्दी संस्करण पहले ही प्रकाशित हो चुका है. यह पुस्तक प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है. मनजीत नेगी पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं और उन्होंने पत्रकारिता में दो दशक से भी ज़्यादा समय कार्य किया है उनकी डिफ़ेंस मामलों पर गहरी पकड़ है.
इस अवसर पर जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा मुख्य अतिथियों का स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अंत में आजतक के सीनियर एडीटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार मनजीत नेगी द्वारा सभी अतिथियों का यहां आने पर पर धन्यवाद दिया गया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनरल बिपिन रावत के विचारों और कार्यों को आगे ले जाने में सब लोग इकट्ठा होकर काम करेंगे. जनरल बिपिन रावत का जीवन भले ही छोटा रहा लेकिन उनका मिशन इतना बड़ा था कि उन पर जितनी भी बात की जाए कम है. भारतीय सेना में उनके योगदान को हमेशा याद किया जा रहा है और आगे भी याद किया जाता रहेगा.
स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सोच को अक्षुण्ण रखने और आगे ले जाने के उद्देश्य से उनसे जुड़े हम सभी लोगों ने जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का गठन किया है. उनका मानना है कि जनरल बिपिन रावत सिर्फ़ एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि देशसेवा में जुटी एक संस्था और विज़न का नाम है. जनरल बिपिन रावत ने पूरे जीवन देश की सेनाओं और युवाओं को कैसे राष्ट्र निर्माण से जोड़ना है, इस मिशन में योगदान दिया है. यह उन्हीं की सोच का फल है कि आज हमारी तीनों सेनाएं तालमेल के साथ देश की रक्षा में तत्पर हैं.