कार्बेट पार्क मामले में CBI की जांच शुरू, हरक को पड़ने वला है फर्क!

नैनीताल : जिम कार्बेट नेशनल पार्क मामले में CBI का एक्शन शुरू हो गया है। जिम कार्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हुए अवैध निर्माण और छह हजार पेड़ काटने किया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने देहरादून के अनु पन्त की याचिका और स्वत: संज्ञान के बाद सुनवाई की थी। सुनवाई बाद कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए थे, जिस पर अब CBI की जांच शुरू हो गयी है। कार्बेट मामले से संबंधित सभी दस्तावेज विजिलेंस ने  CBI को सौंप दिए हैं।

नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर CBI कार्बेट पार्क मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में सबसे पहले पाखरो सफारी मामले से जुड़े तीन सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) और एक मौजूदा PCCF समेत रेंज में काम करने वाले करीब एक दर्जन वन अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकेदारों से CBI पूछताछ करेगी।

CBI की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत होंगे। विजिलेंस और अन्य जांचों से पता चला है कि हरक सिंह के दबाव में कार्बेट टाइगर सफारी में वित्तीय और अन्य स्वीकृतियां लिए बिना ही काम शुरू कर दिया गया था।

हाई कोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में अवैध निर्माण तथा छह हजार पेड़ काटने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने सरकार की जांच पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि इस मामले की CBI जांच क्यों नहीं कराई गई? इसके साथ ही पूछा कि सरकार ने इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत पर क्या कार्रवाई की?

माना जा रहा है कि इस मामले में तत्कालीन BJP सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जिस वक्त यह सुबकुछ हुआ, तब हरक सिंह रावत वन मंत्री थे। केंद्र सरकार की जांच में हरक सिंह रावत और कुछ अधिकारियों के नाम सामने आए थे। राज्य विजिलेंस की रिपोर्ट भी कुछ इसी ओर इशारा कर रही है। अब देखना होगा कि CBI की जांच किसी रफ्तार और एंगल के साथ आगे बढ़ती है। क्या हरक सिंह रावत को फर्क पड़ेगा या हर बार की तरह इस बार भी हरक सिंह रावत बच निकलेंगे!

Share this:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *