हरिद्वार: ठगी के हर दिन मामले सामने आते रहते हैं। इन मामलों में ठगी का तरीका अलग-अलग होता है। कई बार ठगी के लिए लोग ऐसे-ऐसे कारनामों को अंजाम देते हैं, जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार में सामने आया है। यहां लोगों को ठगने वाला ठग खुद फर्जी DM बन गया। वो अपने साथ गाड़ियों को काफिला लेकर चलता था और साथ में गनर भी रखता था। नौकरी के नाम पर 70 लाख की धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी गैंग बनाकर लोगों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देता था और नौकरी के नाम पर मोटी रकम वसूल लेता था। इतना ही नहीं उसने नौकरी दिलाने के नाम पर प्लॉट और कार तक हड़प ली थी। हरिद्वार SSP ने बताया कि 21 सितंबर को ज्वालापुर कोतवाली में चेतना अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ने मुकदमा दर्ज कराया था। निहार कर्णवाल निवासी खन्नानगर ने उसे खुद को DM बताकर PWD में निरीक्षण अधिकारी और फिर SDM के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की थी।
आरोपी ने खुद को ऊधमसिंहनगर का डीएम बताकर SDM के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 70 लाख मांगे थे। उसने अपने साथी मैमकिला व निशांत कुमार गुप्ता के साथ मिलकर चेतना के भाई का मकान 70 लाख में खरीदने के लिए कहा। 30 अगस्त को रजिस्ट्री ऑफिस में लिखा-पढ़ी कर मकान हड़प लिया। करीब 70 लाख की धोखाधड़ी होने पर जब पैसे वापस मांगे तो वो मर्डर करने की धमकी देने लगा।
मामले की जांच के दौरान एक और मामला सामने आया। आरोपी की मंगेतर ने रानीपुर कोतवाली में शादी का झांसा देकर नौकरी लगवाने के नाम पर उसके माता-पिता से प्लॉट और फर्जी दस्तावेज बनाकर कार हड़पने की शिकायत दर्ज कराई। इतना ही नहीं उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने का मुकदमा भी दर्ज कराया है। इससे परेशान होकर आरोपी भागने की फिराक में था। लेकिन, ज्वालापुर CO निहारिका सेमवाल, ज्वालापुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा, रानीपुर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने टीम के साथ आरोपी निहार कर्णवाल को गिरफ्तार कर लिया।
CO निहारिका सेमवाल ने बताया कि आरोपी अपने साथी निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माता मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के तौर पर काम कर रहे थे। बेरोजगार युवक-युवतियों को साजिश के तहत फंसाकर नौकरी का लालच देकर ठगते थे। आरोपी निहार खुद को DM बताता था इसलिए गाड़ियों और गनर का इंतजाम निशांत करता था। जाल में फंसे बेरोजगारों को नौकरी लालच देकर प्रॉपर्टी डीलर निखिल बेनीवाल के माध्यम से उसके परिवार के नाम जमीन को गिफ्ट करवा लेता था। बाद में आगे दूसरी पार्टी को जमीन बेचते थे।