उत्तरकाशी

गांव की सुख-शांति व समृद्धि के लिए की जाती है थात पूजन

गांव की सुख-शांति व समृद्धि के लिए की जाती है थात पूजन

उत्तरकाशी
कमल सिराईं के करड़ा गांव में पाँच दिवसीय थात पूजन सम्पन.  परम्पराओं का अनूठा मेला देखने को मिलता है थात पूजा में. हर पांच वर्षों में गांव की सुख-शांति व समृद्धि के लिए की जाती है थात पूजन नीरज उत्तराखंडी, पुरोला  विकासखंड के कमल सिराईं के करड़ा गांव में चल रहे पांच दिवसीय थात(जाग) माता की विशेष पूजा अर्चना कर समापन किया गया. थात माता की यह विशेष पूजा अर्चना हर because पांच वर्षों में गांव की सुख-शांति व समृद्धि के लिए 5 से 9 दिनों तक की जाती है.  थात पूजन के इस विशेष पूजन में जहां संस्कृति की अनुपम झलक देखने को मिलती है वही आदिकाल से चलती आ रही परम्पराओं का नजारा देखने को मिलता है. भटकोटी हिमाचल के मनेवटी गांव सेbecause पांडुलिपि के विद्वान पण्डित पांडेय जाति के ब्राह्मण इस अनूठी पूजा को कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं. हस्त लिखित पांडुलिपि के ग्रंथों से ही पण्डित जिन्हें पण्डवा...
संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

अभिनव पहल, उत्तरकाशी
शशि मोहन रवांल्‍टा उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का गांव में जन्में जगमोहन बिजल्वाण दिल्ली में एक सफल उद्यमी हैं. अपने उत्साह, संघर्ष और कारोबारी सोच की बदौलत उन्होंने खुद का सफल बिजनेस खड़ा किया. वह कहते हैं कि एक सफल कारोबार के लिए सबसे अहम है- जीवन में जोखिम लेना और बाधाओं से because बिल्कुल भी नहीं घबराना. अक्सर उद्यमी सोच के युवा भी आराम दायक नौकरी और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में अपनी रचनात्मकता और कारोबारी प्रतिभा को मार लेते हैं, जबकि होना इसके उलट चाहिए. युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करना चाहिए, क्योंकि हम जिस वक्त में रह रहे हैं यह उद्यमशीलता का वक्त है. जो युवा जोखिम उठाते हैं, उनको सफलता जरूर मिलती है. स्वरोजगार कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़  खड़ा किया बिजनेस जगमोहन बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी लीग...
उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

इतिहास, उत्तरकाशी
प्रदीप रावत (रवांल्टा)  इतिहास को समझना और जानना बहुत कठिन है. परत दर परत, जितनी भी नई परतों को कुरेदते जाएंगे, हर परत के पीछे एक नई परत निकल आती है. इतिहास का प्रयोग विशेष रूप से दो अर्थों में किया जाता है. एक है प्राचीन या विगत काल की घटनाएं और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा. इतिहास शब्द का because तात्पर्य है कि "यह निश्चय था". ग्रीस के लोग इतिहास के लिए हिस्तरी शब्द का प्रयोग करते थे. हिस्तरी का शाब्दिक अर्थ बुनना होता है. ऐतिहासिक धरोहर इतिहास की कुछ ऐसी ही बुनावट उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले की यमुना घाटी (Yamuna Valley) में बिखरी पड़ी है. इस बनुवाट के बिखराव पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. पुरातात्विक महत्व की इस ऐतिहासिक धरोहर को आज तक संजोन का प्रयास भी नहीं किया गया. पहली बार इतिहासकार डॉ. विजय बहुगुणा because ने यमुना घाटी के देवल गांव में बिखरी इतिहास की कुछ ऐ...
साहित्यकार एवं रंगकर्मी महावीर रवांल्टा सम्मानित

साहित्यकार एवं रंगकर्मी महावीर रवांल्टा सम्मानित

उत्तरकाशी
हिमांतर ब्यूरो, पुरोला श्री कमलेश्वर महादेव जीप,सुमो ड्राईवर एवं आनर्स समिति द्वारा सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं रंगकर्मी महावीर रवांल्टा को सम्मानित किया गया. समिति के पुरोला स्थित because कार्यालय में बेहद सादे आयोजन में समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रजवार, सचिव यशवीर पंवार, उपाध्यक्ष अरविन्द चौहान, संगठन मंत्री दिनेश मेहर, प्रचार मंत्री उमापति भट्ट, कोषाध्यक्ष सुरेश जोशी,संरक्षक दिलीप राणा, स्टेशन प्रभारी मनमोहन नौडियाल so व मनमोहन राणा, मालचंद, त्रिलोक राणा, गुरुदेव रावत सहित अनेक लोगों की उपस्थिति में उन्हें स्मृति चिन्ह व शाल भेंटकर सम्मानित किया गया. उत्तराखंड साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखनी चलाने वाले महावीर रवांल्टा की अब तक तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. देशभर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं के प्रकाशन के because साथ ही आकाशवाणी व दूरदर्शन से उनकी रचनाओं क...
अस्तित्व ने छूआ आसमान

अस्तित्व ने छूआ आसमान

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, पुरोला उत्‍तरकाशी   प्रतिभा उम्र की मौहताज नहीं होती, छोटी अवधि में बड़ी उपलब्धि. but जी हां ऐसा ही कर दिखाया रवांई की माटी के बाल लाल 13 वर्षीय अस्तित्व डोभाल ने. "उत्तराखंड के किस बालक ने soथाईलैंड रूरल टूर्नामेंट स्केटिंग प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते हैं?" पीसीएस पीसीएस की मैन परीक्षा में जब उक्त प्रश्न से because आप का सामना हो या प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में आप से यह प्रश्न पूछा जाय और आप चक्कर में पड़ जाय तो घबराइए नहीं, इस प्रश्न का सही उत्तर दे कर यदि आप को परीक्षा में अपने लक्ष्य का अस्तित्व बचाना है, तो जिस बालक का नाम आप को अपनी उत्तर पुस्तिक पर लिखना है, because उससे सुनकर आप का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. यह बालक कोई और नहीं देव भूमि उत्तराखंड की रवांई घाटी बड़कोट निवासी चक्रगांव के बाल लाल अस्तित्व डोभाल है. परीक्षा जनपद उत्तरक...