साहित्यिक-हलचल

रवांल्टी कविता: मैत की दोफारी

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कुलवन्ती रावत, प्रधानाध्यापिका रा०प्रा०वि०धिवरा, पुरोला उत्तरकाशी चैत मगसीर अर माग कु मैनु भी आ ससुरास्या छोरियों मैत की याद बी आ सी होली विचारी भाग्यान ज्युकि मैत की दोफारी आली मैत्या दोफारया मां अरस अर लड्डु ल्याली पैली बिन बैदाउ कोई मैत न सकत नै साय सेरु कु तत्रा ब्याऊ यरंगु रतु भय तदीक जमान बाबा अर भाई जी बैदी ल्यात अर दोफारया क साथ अड़ेती बी आत मैत अब छोरिया कम नौ मैत की दोफारी रुण लगी गांव छोड़ी कीं सबुक मन मां अब बजार की दौड़ जगी अब जु बजार रलू तेई मैत की याद काली आली जब मैत न नली त दोफारी कोखन ल्याली न छोड्याण माते दोफारी न चितायांण प्यारू बजार आखिर मैत त मैत र कणेक करयाण दी विचार  ...
गांधी की राह पर (देहरादून : 1919-1947) पुस्तक का लोकार्पण 

गांधी की राह पर (देहरादून : 1919-1947) पुस्तक का लोकार्पण 

साहित्यिक-हलचल
श्री चंद्रशेखर तिवारी दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा समय साक्ष्य प्रकाशन की ओर से आज दून पुस्तकालय के सभागार में लेखक सुनील भट्ट की देहरादून के इतिहास पर सद्य प्रकाशित कृति गांधी की राह पर देहरादून : 1919-1947 के लोकार्पण व पुस्तक पर चर्चा का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. आयोजन के मुख्य अतिथि  सुरजीत किशोर दास, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड थे. मुख्य वक्ता के रूप में अनिल नौरिया, लेखक और अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली  मौजूद थे. बिजू नेगी, गांधीवादी विचारक और लोकेश ओहरी, समाज विज्ञानी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. इस पुस्तक की समीक्षा संजय कोठियाल, सम्पादक युगवाणी ने की. कार्यक्रम का संचालन इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना ने किया. उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद  दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने दिया. कार्यक्रम में तन्मय ममगाईं,  प्रकाशक प्रवीन भट्ट, रानू बिष्ट,  ...
युवा लेखक ललित फुलारा की कहानी ‘घिनौड़’ और ‘पहाड़ पर टैंकर’ पर एक विमर्श…

युवा लेखक ललित फुलारा की कहानी ‘घिनौड़’ और ‘पहाड़ पर टैंकर’ पर एक विमर्श…

साहित्यिक-हलचल
अरविंद मालगुड़ी पिछले दिनों ललित फुलारा की कहानी 'घिनौड़' और 'पहाड़ पर टैंकर' पढ़ी. इन दोनों ही कहानियों को मैंने छपने से पहले और छपने के बाद एक नहीं, दो-दो बार पढ़ा है. 'घिनौड़' (गौरेया) जहां एक वैज्ञानिक सोच वाली मनोवैज्ञानिक कहानी है, वहीं 'पहाड़ पर टैंकर' जड़ों से कट चुके उत्तराखंड के नौजवानों को जड़ों की तरफ लौटने की प्रेरणा देनी वाली. 'घिनौड़' को लेकर उत्तराखंड के कहानीकार और वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी ने टिप्पणी की 'कहानी लिखी तो अच्छी है, शिल्प एवं भाषा की दृष्टि से. शुरुआत रोचक है लेकिन अधूरी सी लगी. आखिर कथा पहुँची कहाँ?' यह बात सही है कि इस कहानी को पढ़ते हुए पाठकों को लगता है कि पिरदा और उनके बच्चे घनु की कहानी को आगे पहुंचाया जा सकता था. पर हो सकता है कि लेखक ने कहानी को वहीं इसलिए छोड़ा हो कि पाठक खुद ही अंदाजा लगा लें कि पिरदा और घनु की जिंदगी में आगे क्या हुआ होगा? पिरदा ...
अमृतसर में राज्यपाल ने किया एनबीटी के पुस्तक मेले का उद्घाटन

अमृतसर में राज्यपाल ने किया एनबीटी के पुस्तक मेले का उद्घाटन

साहित्यिक-हलचल
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक की उपस्थिति में हुआ मेले का शुभारम्भ, 5 मार्च से 13 मार्च 2022 तक चलेगा मेला हिमांतर वेब डेस्क खालसा कॉलेज, अमृतसर के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट, भारत का अमृतसर पुस्तक मेला 2022 का उद्घाटन 5 मार्च 2022 को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक की उपस्थिति में किया गया. यह मेला 5 मार्च से 13 मार्च 2022 तक चलेगा. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अपने संबोधन में कहा कि देश की आजादी के साथ शुरू हुए विकास के सफर में एनबीटी समाज के हर वर्ग को जागरूक बनाने की दिशा में काम कर रहा है. एनबीटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार हर हाथ एक किताब पहल के तहत देश भर में किताबें भी वितरित की हैं. उन्होंने कहा, पुस्तक मेले न केवल विभिन्न प्रकार के साहित्य को सुलभ बनाते हैं बल्कि संस्क...
युवा साहित्यकार ललित शौर्य को मिला हिंदी सेवा रत्न सम्मान

युवा साहित्यकार ललित शौर्य को मिला हिंदी सेवा रत्न सम्मान

साहित्यिक-हलचल
हिमांतर ब्यूरो, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के युवा साहित्यकार ललित शौर्य को देहरादून में हिंदी सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है. स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित मेले में कार्यक्रम की because मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत, स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संयोजक सुरेंद्र, स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संघर्ष वाहिनी प्रमुख प्रवीण पुरोहित, स्वदेशी जागरण मंच के महानगर प्रचार प्रमुख आधार वर्मा व समाजसेवी रजनीश कौंसवाल ने संयुक्त रूप से शौर्य को यह सम्मान प्रदान किया. ज्योतिष दीप्ति रावत ने कहा कि ललित शौर्य प्रसंशनीय कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कम उम्र में बाल साहित्य को अप्रतिम योगदान प्रदान किया है. उनकी साहित्य साधना प्रभावित करती है. because स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक सुरेंद्र ने कहा कि ललित शौर्य का बाल साहित्य नई पीढ़ी को गढ़ने का कार्य कर रहा है...
भारतीय गौरव अवार्ड—2021 से सम्मानित होंगी उत्तराखंड की बेटी

भारतीय गौरव अवार्ड—2021 से सम्मानित होंगी उत्तराखंड की बेटी

साहित्यिक-हलचल
रामेश्वरी नादान को दिल्ली में उत्कृष्ट लेखन के लिए इस सम्मान से नवाजा जाएगा हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली यूथ वर्ल्ड सोशल मंच और डिकेएसडी लाड़ली नूर कपूर फाउंडेशन दिल्ली द्वारा कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा सहित के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के की 101 प्रतिभाओ को because 'भारतीय गौरव अवार्ड—2021' से सम्मानित करने जा रहा है. समारोह का आयोजन दिल्ली के लाजपत भवन में 27 अक्टूबर, 2021को किया जाएगा. वही यूथ वर्ल्ड सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमे सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. ज्योतिष यूथ वर्ल्ड सोशल मंच के नेशनल एडवाइजर because डॉ. सुरेन्द्र गोयल ने बताया की मंच द्वारा दिल्ली में आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में गाजियाबाद से लेखिका और कवियत्री रामेश्वरी नादान के नाम का चयन भी किया गया है और उन्हें इस आयोजन मे...
डॉक्टर रेखा उप्रेती के यात्रा संस्मरण ‘क्षितिज पर ठिठकी सॉंझ’ का लोकार्पण

डॉक्टर रेखा उप्रेती के यात्रा संस्मरण ‘क्षितिज पर ठिठकी सॉंझ’ का लोकार्पण

साहित्यिक-हलचल
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रेखा उप्रेती के यात्रा संस्मरण 'क्षितिज पर ठिठकी सॉंझ' का रविवार को वसुंधरा में लोकार्पण हुआ. किताब में रेखा उप्रेती ने अपने यूरोप-यात्रा के संस्मरणों को शामिल किया है. 20 दिनों की इस यात्रा के दौरान लेखिका ने जो 15 संस्मरण लिखे थे, because वो किताब में शामिल हैं. यह किताब 120 पन्नों की है, जिसे परिकल्पना प्रकाशन ने छापा है. लोकार्पण और परिचर्चा कार्यक्रम में अभिनेता और रंगकर्मी भूपेश जोशी ने रेखा उप्रेती के संस्मरणों का पाठ किया. साहित्यकार कुसुम जोशी ने किताब में शामिल यात्रा-संस्मरणों के बारे में कहा कि ये संस्मरण इतने रोचक हैं, कि पाठक भी लेखक के साथ यात्रा के पलों को जीने लगता है.  यूरोप में भी लेखिका अपना पहाड़ खोज रही होती हैं. अपने गांव और बचपन को याद कर रही होती हैं. ...
हिमालयी सरोकारों को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका ‘हिमांतर’ का लोकार्पण

हिमालयी सरोकारों को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका ‘हिमांतर’ का लोकार्पण

साहित्यिक-हलचल
सी एम पपनैं, नई दिल्ली उत्तराखंड सदन चाणक्यपुरी में 14 फरवरी को ‘टीम हिमांतर’ द्वारा अनौपचारिक कार्यक्रम के तहत, हिमालयी सरोकारों को समर्पित त्रिमासिक पत्रिका ‘हिमांतर’ का लोकार्पण because एवं परिचर्चा का आयोजन, उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, रमेश चन्द्र घिन्डियाल की अध्यक्षता व उत्तराखंड के प्रबुद्ध पत्रकारों, साहित्यकारों, समाजसेवियों व विभिन्न व्यवसायों से जुड़े  प्रबुद्धजनो के सानिध्य मे सम्पन्न हुआ. उत्तराखंड लोकार्पण कार्यक्रम शुभारंभ से because पूर्व विगत दिनों व महीनों मे उत्तराखंड तपोवन त्रासदी व कोरोना संक्रमण मे जान गवा चुके उत्तराखंड के जनसरोकारों से निरंतर जुडे़ प्रबुद्धजनो को दो मिनट का मौन रख कर, भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उत्तराखंड ‘हिमांतर’ पत्रिका कार्यकारी संपादक because डा. प्रकाश उप्रेती व पत्रिका टीम सदस्य शशि मोहन रवांल्टा द्वारा पत्रिका के प्र...
वरिष्ठ कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल की स्मृति में

वरिष्ठ कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल की स्मृति में

साहित्यिक-हलचल
कमलेश चंद्र जोशी वरिष्ठ कवि व साहित्यकार मंगलेश डबराल भौतिक रूप से अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन अपनी कविताओं, साहित्यिक रचनाओं व गंभीर पत्रकारिता के माध्यम से जिस लालटेन को वह जलता हुआ छोड़ गए हैं उसे जलाए रखने और रोशनी बिखेरने का काम वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों के हाथ में है. मंगलेश जी की स्मृति को अमूमन because सभी पत्रकारों, कवियों व साहित्य प्रेमियों ने सोशल, इलैक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से याद किया. कथाकारों, लेखकों व पत्रकारों द्वारा मंगलेश जी के साथ बिताए समय के बहुत से संस्मरण फेसबुक के माध्यम से पढ़ने को मिले जिससे यह समझ में आया कि वह किस कदर जमीन से जुड़े व्यक्ति थे और हमेशा पहाड़ और उसके रौशन होने के सपने को साथ लिये चलते रहे. पत्रकारिता देवेंद्र मेवाड़ी बताते हैं कि दिल्ली में जनसत्ता में नौकरी करते हुए मंगलेश जी बड़े परेशान रहा करते थे. कहते थे दिल्ली महानगर है...
पुस्तक ‘रवाँई क्षेत्र के देवालय एवं देवगाथाएं’ लोकार्पित

पुस्तक ‘रवाँई क्षेत्र के देवालय एवं देवगाथाएं’ लोकार्पित

साहित्यिक-हलचल
पुस्तक लोकार्पण हिमांतर ब्‍यूरो, उत्तरकाशी सामाजिक एवं पर्यावरणीय कल्याण समिति (सेवा) के तत्वाधान में देवभूमि उत्तराखण्ड के पश्चिमोत्तर रवाँई क्षेत्र में होने वाले प्रमुख लोकोत्सव देवलांग because के अवसर पर ‘देवडोखरी’ (बनाल) में because अवस्थित रा.उ.मा.विद्यालय के सभागार में दिनेश रावत की पुस्तक ‘रवाँई के देवालय एवं देवगाथाएँ’ का  लोकार्पण उत्‍तरकाशी जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी, साहित्यकार महाबीर रवांल्टा, पं. महीशरण सेमवाल, सुखदेव रावत, पं. शांति प्रसाद सेमवाल, पूर्व ब्लाक प्रमुख रचना बहुगुणा, पूर्व जिला पंचायत because सदस्य नानई चंदी पोखरियाल, इ. चन्द्र लाल भारती एवं समिति के शशि मोहन रावत की उपस्थिति में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया. सामाजिक कार्यक्रम के दौरान सुखदेव रावत ने because उपस्थितजनों का स्वागत संबोधन किया तो b...