क्रूरता की पराकाष्टा, चीन की कूटनीतिक चाल
प्रेम पंचोली
दुनियाभर के अधिकांश देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे है। अपने अपने स्तर से लोग इस महामारी का मुकाबला कर रहे है। हालात ऐसी है कि विश्व पटल पर जनाधारित कार्यों निगरानी रखने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्रवाई भी मौजूदा समय में निष्क्रिय दिखाई दे रही है। ऐसा लोग सोसल मीडिया पर संवाद कायम कर रहे है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया के लोगों की सेवा के लिए एक निगरानी करने वाली विश्वसनीय संस्था है। यदि ऐसी संस्थाएं लोगों का विश्वास खो रही है तो मानवता खतरे में जा रही है। जिस पर आज ही सोचा जाना लाजमी है।
वुहान शहर में आप जैसे प्रवेश करेंगे आपको 200 मी. लम्बी सुरंग से गुजरना पड़ता, ताकि आप पूर्ण रूप से सैनिटाईज होकर जाये। ये ऐसे सवाल हैं, जिन पर भरोसा किया जा सकता है। अर्थात चीन को मालूम था कि वे इस मानवजनित कोरोना वायरस से निपट लेंगे।
सन्देह क्यों है? इसलिए कि वुहान श...