…कविताएं नहीं लिखी है बल्कि आत्मा लिख दी!
पुस्तक समीक्षा : आत्मा का अर्धांश
नीलम पांडेय नील, देहरादून, उत्तराखंड
आत्मा का अर्धांश के रचनाकार पेशे से वानिकी वैज्ञानिक because शिशिर सोमवंशी का बचपन का काफी समय उत्तराखंड की पहाड़ियों में बीता है. जिसका प्रभाव उनकी कविताओं में प्रकृति और प्रेम के निश्छल सौंदर्य बोध से प्रतीत होता है.
ज्योतिष
वे मुख्यतः प्रेम, प्रकृति, और मानवीय संबंधों की जटिलता because पर लिखते रहे हैं. जैसे-जैसे मैंने शिशिर जी को पढ़ना शुरू किया तो एक ऐसे व्यक्तिव को समझना शुरू किया जो कविताओं की रहस्यमय दुनिया से इस तरह जुड़े हुए हैं जहां उनको पढ़ते हुए लगता है कि कवि ने कविताएं नहीं लिखी है बल्कि आत्मा लिख दी है और आत्मा का संबंध तो युगों से होता है.
ज्योतिष
नया कुछ नहीं
सभी मर रहे हैं धीरे - धीरे,
किन्तु मैं बहुत तीव्रता से मरने लगा हूं..........
ज्योतिष
शिशिर की कुछ कविताएं गहन विमर्श को प्रोत्साहित...