तिलाड़ी के शहीदों को याद करने का मतलब
30 मई शहादत दिवस पर विशेष
आज 30 मई है. तिलाड़ी के शहीदों को याद करने का दिन. टिहरी राजशाही के दमनकारी चरित्र के चलते इतिहास के उस काले अध्याय का प्रतिकार करने का दिन. उन सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने हमें अपने हक-हकूकों के लिये लड़ना सिखाया.
चारु तिवारी
अरे ओ जलियां बाग
रियासत टिहरी के अभिमान!
रवांई के सीने के दाग,
तिलाड़ी के खूनी मैदान!
जगाई जब तूने विकराल,
बगावत के गणों की ज्वाल.
उठा तब विप्लव का भूचाल,
झुका आकाश, हिला पाताल.
मचा तब शोर भयानक शोर,
हिला सब ओर, हिले सब छोर.
तिड़ातड़ गोली की आवाज,
वनों में गूंजी भीषण गाज.
रुधिर गंगा में स्नान,
लगे करने भूधर हिमवान.
निशा की ओट हुई जिस ओर,
प्रलय की चोट हुई उस ओर.
निशाचर बढ़ आते जिस ओर,
उधर तम छा जाता घन-घोर.
कहीं से आती थी चीत्कार,
सुकोमल बच्चों की सुकुमार.
विलखती अबलायें भी हाय!
भटकती फिरती थी ...