जौनसारी फिल्म “मैरै गांव की बाट” ने रचा इतिहास
नीरज उत्तराखंडी
"मैरै गांव की बाट को जैसे ही देहरादून के सेंट्रियो मॉल में प्रारम्भ हुई, वैसे ही उत्तराखंड के जौनसार बावर की जौनसारी भाषा विश्व सिनेमा के रिकॉर्ड में भी हमेशा के लिए दर्ज हो गई. उल्लेखनीय है कि इससे पहले उत्तराखंड में गढ़वाली व कुमाउनी भाषा की काफी फिल्में बन चुकी हैं, पर जौनसार बावर की लोकभाषा में फ़िल्म कभी बन नहीं पाई, सीडी स्तर की एक दो छोटी फिल्मों के प्रयोग जरूर हुए पर सिनेमाहॉल के रुपहले पर्दे पर अपनी भाषा संस्कृति को देखने का अनुभव ही अलग होता है. और जौनसार बावर 5 दिसम्बर को इसी अनुभव से रूबरू होकर इतिहास रचने जा रहा है.
क्षेत्र में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
पहली जौनसारी फ़िल्म "मैरै गांव की बाट" भले ही जौनसार बावर की संस्कृति को प्रचारित करने वाली है, बल्कि साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार व कारोबार की दिशा में भी सकारात्मक बदलाव लाने वाली है. कई क्षेत्रों के पिछले अन...