Author: Dinesh Rawat

Assistant teacher at Deptt of Education
गांधी, सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं

गांधी, सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं

इतिहास, पर्यावरण
प्रकाश चंद्र गांधी अभ्यास, गतिशीलता, संयम और जिद का नाम है। गांधी एक दिन की मूर्तिपूजा और पुष्पांजलि के विषय नहीं है बल्कि हर दिन के अभ्यास का विषय हैं। गांधी सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं। इसलिए भारत को अपनी समस्याओं से पार पाने और उनके उत्तर तलाशने के लिए बार-बार गांधी की तरफ लौटना ही होगा। आने वाले कई वर्षों तक गांधी न तो राजनीति में अप्रासंगिक हो सकते हैं न ही समाजविज्ञान में। आगत समय के संकटों को लेकर उनकी चिंता और चिंतन किसी कुशल समाजशास्त्रीय से भी महत्वपूर्ण नज़र आते हैं। ‘पर्यावरण’ शब्द का प्रयोग भले ही गांधी के चिंतन में न हो लेकिन उन्होंने इन सब समस्याओं पर चिंता और चिंतन किया है जिन्हें आज पर्यावरण के तहत देखा जाता है। गांधी की दृष्टि एकदम साफ थी वह पर्यावरण दोहन के खिलाफ थे। साथ ही उनका विरोध आधुनिक ‘गमला संस्कृति’ से भी था। गांधी के लिए ‘पर्यावरण’ जीवन से अलग नही...
वन संपदा को बचाने के लिए नया फार्मुला

वन संपदा को बचाने के लिए नया फार्मुला

पर्यावरण
- प्रेम पंचोली उतराखंड हिमालय राज्य के लोग पूर्व से ही वनों को बचाने के लिए संवेदनशील रहे हैं. लोग प्राकृतिक संसाधनो को बचाने के तौर-तरीके अपने अनुसार अख्तियार करते हैं. जिसका कोई प्रचार-प्रसार नहीं होता, मगर असर दूर तक होता है. यहां हम सरकारी स्तर पर हो रहे वन बचाने के प्रयासो का जिक्र करने जा रहे हैं. मौजूदा समय में राज्य सरकार अहतियात के तौर पर वन संरक्षण के आधुनिक संयत्रो का उपयोग करना चाहती है, जिसके लिए सरकार ने विधिवत कार्ययोजना बना डाली. ड्रोन कैमरे वन संरक्षण के लिए मुस्तैद रहेंगे तो वहीं राज्य में 11 नए फायर स्टेशन बनाने की कवायद सरकार ने पूरी कर दी है. ज्ञात हो कि उतराखंड में हर वर्ष आग के कारण हजारों हेक्टेयर जंगल राख हो जाते है. इस वर्ष गर्मीयों में वनों को आग से नुकसान ना हो, इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ रिमोंट सेंसिंग ने वन विभाग के लिए एक मोबाईल एप ‘फायर एप’ नाम से तैय...