Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
पैठणी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है औरंगाबाद का पैठण

पैठणी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है औरंगाबाद का पैठण

ट्रैवलॉग
पोथी सागणें… मंजू दिल से… भाग-14 मंजू काला मनुष्य से आज के सुसंस्कृत मनुष्य तक की यात्रा के साथ चित्र परंपराओं की एक यात्रा समानांतर रूप से चलती है. इस समानांतर यात्रा में मानव विकास के विविध सोपानों को पढ़ा जा सकता है. because इसमें मानव मन की क्रमिक गूँज-अनुगूँज को भी सुना जा सकता है क्योंकि चित्रों में मनुष्य की तीन मूल इच्छाएँ-  सिसृक्षा, रिरंसा एवं युयुत्सा भी परिलक्षित होती हैं. मनुष्य लिखित भाषा जब अस्तित्व में नहीं आई थी, मनुष्य ने चित्रों के माध्यम से मनोभावों को अभिव्यक्त किया. भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक अनेक चित्रशैलियों के because प्रमाण मिलते हैं. कुछ शैलियों ने जनजातीय-अंचलों में अपने मूल रूप को काफी हद तक अछूता रखा है, जैसे, गुजरात के राठवाओं में “पिथोरो”, उड़ीसा की साओरा जनजाति में “इटेलान” लोककला. मनुष्य ठाणे (महाराष्ट्र) (Thane...
स्याल्दे बिखौती मेला : उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक धरोहर

स्याल्दे बिखौती मेला : उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक धरोहर

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चन्द तिवारी द्वाराहाट की परंपरागत लोक संस्कृति से जुड़ा उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध स्याल्दे बिखौती का मेला पाली पछाऊँ क्षेत्र का सर्वाधिक लोकप्रिय रंग रंगीला  त्योहार है. चैत्र मास की अन्तिम रात्रि ‘विषुवत्’ संक्रान्ति 13 या 14 अप्रैल को प्रतिवर्ष द्वाराहाट से 8 कि.मी.की दूरी पर स्थित विमांडेश्वर महादेव में बिखौती का मेला लगता है. बिखौती की because रात के अगले दिन वैशाख मास की पहली और दूसरी तिथि को द्वाराहाट बाजार में स्याल्दे बिखौती का मेला लगता है. मेले की तैयारियां आसपास के गांवों में एक महीने पहले से ही शुरु हो जाती हैं. मेले मगर इस साल  यह स्याल्दे बिखौती का  मेला 13 अप्रैल से 15 अप्रैल, तक रश्म अदायगी के तौर पर ही मनाया जाएगा. समाचार सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि नगर प्रशासन because और मेला समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण 13 अप्रैल को विभां...
कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

अध्यात्म
राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय so और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी. चैत शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) त्यौहार तथा चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) एवं हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) संवत-2078 का शुभारम्भ 13 अप्रैल 2021 से 'राक्षस' सम्वत्सर प्रारंभ हो रहा है. राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति because राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी. इस बार नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 से शुरू हो रही हैं, आज के दिन ही नववर्ष भी मनाया जाता है. ऐतिहासिक धरोहर यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार 13 अप्रैल को ही बैसाखी का पर्व भी है. इसके साथ ही 13 अप्रैल से शुरू ...
दूसरे शाही स्नान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने सभी का आभार जताया

दूसरे शाही स्नान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने सभी का आभार जताया

हरिद्वार
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दूसरे शाही स्नान का आयोजन भी कोविड 19 की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दिव्यता व भव्यता के साथ संपंन हो गया। सुरक्षित और सफल आयोजन में सहयोग के लिए उन्होंने सभी सहयोगियों का आभार जताया।   सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हुए शाही स्नान में अखाड़ों के संत समाज से लेकर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुंभ 2021 में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। उन्होंने प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बताया सोमवती अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्थान को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह रहा। दूसरे शाही स्नान में 35 लाख संत व श्रद्धालुओं का स्नान का अनुमान आज सुबह आठ बजे तक ही 15 लाख श्रद्धालू स्नान कर चुके थे। वहीं सायं 6 बजे जो आंकड़ा आया है उसमें स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा ...
उत्तराखंड में बेकाबू होता कोरोना: 1333 नए केस और 8 मौतें…वैक्सीन की कमी अलग 

उत्तराखंड में बेकाबू होता कोरोना: 1333 नए केस और 8 मौतें…वैक्सीन की कमी अलग 

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रविवार को 1333 नए मरीज मिले हैं और 8 लोगों की वायरस से मौत हुई है। ऊपर से सूबा वैक्सीन की कमी से अलग से जूझ रहा है। जिसे लेकर कांग्रेस ने दून अस्पताल की ओपीडी के बाहर प्रदर्शन किया और कहा कि जब सूबे में कोरोना वैक्सीन है ही नहीं, तो फिर उत्सव कैसे मनाएं। देहरादून में रविवार को सबसे ज्यादा 582 नए मरीज मिले हैं। जबकि हरिद्वार में 386, नैनीताल में 122, उधम सिंह नगर में 104, पौड़ी में 49, अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 8, चमोली में 9, चम्पावत में 7, पिथौरागढ़ में 2, रुद्रप्रयाग में 5, टिहरी में 44 और उत्तकाशी जिले में 4 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। सूबे में  1 लाख पार कर गई कोरोना मरीजों की संख्या सूबे में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 108812 हो गई है। 97 हजार मरीज ठीक हुए हैं। 7323 मरीज अस्पतालों व होम आ...
अखबारों में उत्तराखंड: शाही स्नान से पहले कई साधु पॉजिटिव, दर्द से तड़पती महिला का रास्ते में प्रसव

अखबारों में उत्तराखंड: शाही स्नान से पहले कई साधु पॉजिटिव, दर्द से तड़पती महिला का रास्ते में प्रसव

हरिद्वार
हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून शाही स्नान से पहले साधु पॉजिटिव: हरिद्वार (Haridwar Kumbh 2021) में शाही स्नान से पहले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. वह निरंजनी अखाड़े में आईसोलेट हैं. रविवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनसे मुलाकात की थी. निरंजनी और जूना अखाड़े के छह  संत कोरोना पॉजिटिव हैं. उत्तराखंड में कोरोना के 1333 नए मरीज मिले: सूबे में रविवार को एक दिन में ही कोरोना के 1333 नए मरीज मिले हैं. देहरादून- 582 हरिद्वार- 386 नैनीताल- 122 उधम सिंह नगर- 104 पौड़ी- 49 अल्मोड़ा- 11 बागेश्वर- 8 चमोली-9 कोरोना से रविवार को हुई मौतें- 8 महिला का रास्ते में प्रसव: गोपेश्वर स्थित भानाली गांव में महिला को अस्पताल ले जाने से पहले ही प्रसव कराना पड़ा. 24 साल की मीना देवी को पालकी में बैठाकर जिला अस्पताल ले...
उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

इतिहास, उत्तरकाशी
प्रदीप रावत (रवांल्टा)  इतिहास को समझना और जानना बहुत कठिन है. परत दर परत, जितनी भी नई परतों को कुरेदते जाएंगे, हर परत के पीछे एक नई परत निकल आती है. इतिहास का प्रयोग विशेष रूप से दो अर्थों में किया जाता है. एक है प्राचीन या विगत काल की घटनाएं और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा. इतिहास शब्द का because तात्पर्य है कि "यह निश्चय था". ग्रीस के लोग इतिहास के लिए हिस्तरी शब्द का प्रयोग करते थे. हिस्तरी का शाब्दिक अर्थ बुनना होता है. ऐतिहासिक धरोहर इतिहास की कुछ ऐसी ही बुनावट उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले की यमुना घाटी (Yamuna Valley) में बिखरी पड़ी है. इस बनुवाट के बिखराव पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. पुरातात्विक महत्व की इस ऐतिहासिक धरोहर को आज तक संजोन का प्रयास भी नहीं किया गया. पहली बार इतिहासकार डॉ. विजय बहुगुणा because ने यमुना घाटी के देवल गांव में बिखरी इतिहास की कुछ ऐ...
उत्तराखंड: आखिर कौन जिम्मेदार है इस आग के लिए…

उत्तराखंड: आखिर कौन जिम्मेदार है इस आग के लिए…

देहरादून
जंगल में उपजी आग अधिकांशतः मानवजनित होती है! सुनीता भट्ट पैन्यूली क्या पहाड़ों पर कभी अब न पकेगा काफल चिड़िया नहीं चखेंगी हिस्सर भूखी रह जायेगी क्या कोयलिया. जंगल जब सुलग रहे हों आओ हम सब जल बन जायें. सड़क जो गांव से शहर को चली आओ उसी सड़क पर चल वापस लौट आयें अपने घर. प्रकृति से हम मांगते हैं हरियाली जल, हवा  हमने स्वयं क्या प्रयास किया सोचिये सोचिये. भारत में वनों के सांस्कृतिक व धार्मिक महत्त्व का आंकलन इसी आधार पर किया जा सकता है कि पेड़ हमारी सभ्यताओं से लेकर आज तक हमारे संस्कारों में पूजे जाते हैं इन्हीं जंगलों के आश्रय स्थल में हमारी सभ्यताओं ने सामाजिक उन्नयन की ओर कूच किया.अथार्त वनों के सानिध्य और मार्गदर्शन में भारतीय सभ्यता और संस्कृति का उद्भव और विकास हुआ है. कहना ग़लत न होगा कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जंगलों का विस्तार और उपस्थिति अपरिहार्य है ताकि हमें स्व...
जानिए कौन हैं कर्नल अजय कोठियाल जो ‘आप’ में हो रहे शामिल, हजारों युवाओं को सेना के लिए करते हैं तैयार

जानिए कौन हैं कर्नल अजय कोठियाल जो ‘आप’ में हो रहे शामिल, हजारों युवाओं को सेना के लिए करते हैं तैयार

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून कर्नल अजय कोठियाल ( Colonel Ajay Kothiyal) आज किसी भी वक्त आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. यूथ फाउंडेशन और केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य के जरिए पहचान बनाने वाले रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल ( Colonel Ajay Kothiyal) पहले ही सियासी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक वह आम आदमी पार्टी की तरफ से उत्तराखंड में सीएम का चेहरा हो सकते हैं. वह म्यांमार में अपने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा कर हाल ही में लौटे हैं. वह किसी भी वक्त आप में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं. उनका आप में शामिल होना उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है. सेना की पृष्ठभूमि से आने की वहज से उनकी छवि भी साफ हैं। सूत्रों के मुताबिक 21 अप्रैल राम नवमी के दिन देहरादून में होने वाले कार्यक्रम में उनको...
सेना का जवान, अब संभालेगा उत्तराखंड की कमान!

सेना का जवान, अब संभालेगा उत्तराखंड की कमान!

देहरादून
आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं कर्नल अजय कोठियाल! हिमांतर ब्यूरो, उत्तराखंड बीस साल के उत्तराखंड ने अब तक हमको कई मुख्यमंत्री दिए हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां शामिल हैं. उत्तराखंड की गलियों में यह चर्चा गरम है कि कर्नल because अजय कोठियाल (रिटा.) अब 'आम' होने जा रहे हैं. जानकारों सूत्रों के अनुसार कर्नल अजय कोठियाल 11 अप्रैल को खास से 'आम' हो जाएंगे. यानी की वह किसी भी समय आम आदमी पार्टी की दामन थाम सकते हैं. सूत्रों की माने तो because आम आदमी पार्टी उनको उत्तराखंड में बतौर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रमोट कर सकती है. लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन कर्नल कोठियाल का जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ. 7 दिसंबर 1992 को सेना में गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन की शुरूआत की. because ‘ऑपरेशन कोंगवतन’ के दौरान सात आतंकियों के ...