Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
राम और उनका राम राज्य

राम और उनका राम राज्य

लोक पर्व-त्योहार
राम नवमी पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र आज सामाजिक जीवन की बढ़ती जटिलता और चुनौती को देखते हुए श्रीराम बड़े याद आ रहे हैं जो प्रजा वत्सल तो थे ही अपने निष्कपट आचरण द्वारा पग-पग पर नैतिकता के मानदंड स्थापित करते चलते थे और सत्य की स्थापना के लिए बड़ी से बड़ी परीक्षा के लिए तैयार रहते थे. लोक का आराधन तथा because  प्रजा का सुख उनके लिए सर्वोपरि था परन्तु आज राजा और प्रजा दोनों संकट के दौर से गुजर रहे हैं. आज के समाज में रिश्तों में दरार, कर्तव्य से स्खलन, मिथ्यावाद, अन्याय और भेद-भाव के साथ नैतिक मानदंडों से विमुखता के मामले जिस तरह बढ़ रहे हैं वह चिंताजनक स्तर पर पहुँच रहा है. विशेष रूप से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदस्थ और संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों का आचरण जिस तरह संदेह  और  विवाद के घेरे में आ रहा है वह भारतीय समाज के लिए घातक साबित हो रहा है. किताबी तिलिस्म यह स्थिति इस...
कब पूरा होगा रामराज्य का अधूरा सपना?

कब पूरा होगा रामराज्य का अधूरा सपना?

लोक पर्व-त्योहार
राम नवमी पर विशेष डॉ. मोहन चन्द तिवारी रामनवमी का पर्व प्रतिवर्ष भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है. धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था. राम के जन्म से देव, ऋषि, किन्नर, चारण सभी आनंदित हो उठे थे. तब से लेकर हम प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल because नवमी को हर्षोल्लास के साथ श्रीराम जन्मोत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं. रामनवमी के दिन ही संतश्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की भी रचना आरंभ की. आज तो आनन्द भयो राम घर आवना भगवान श्रीराम के जीवन का उद्देश्य अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करना था ताकि आम जनता शांति और निर्भयता के साथ जीवन यापन कर सके, उसके साथ किसी but प्रकार से अन्याय, अत्याचार और भेदभाव न हो. पौराणिक मान्यता के अनुसार राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता ...
पंचायत व्यवस्था में महिलाओं की आत्मनिर्भरता

पंचायत व्यवस्था में महिलाओं की आत्मनिर्भरता

साहित्‍य-संस्कृति
सुनीता भट्ट पैन्यूली पंचायती राज व्यवस्था में  महिलाओं की सहभागिता और उनका प्रतिनिधित्व महिला सशक्तिकरण,स्वायत्ता और स्थानीय स्वशासन की ओर एक ओजस्वी कदम माना गया because अभी हाल ही की यूनिसेफ की एक  रिपोर्ट ने उत्तर-प्रदेश  में पंचायती चुनावों के बीच, पंचायती व्यवस्था में महिलाओं की सहभागिता  और उनके दायित्व निर्वहन की समस्या को उजागर किया है. यह कैसी व्यवस्था और दोगलापन है स्त्री सशक्तीकरण का? जहां  स्त्री केवल महिला ग्राम प्रधान का मुखौटा पहने  हुए है यानी पद का झुनझुना तो पकड़ा दिया जाता है स्त्री को किंतु अधिकार सारे पुरुष के हाथ में  हैं पंचायती चुनाव ग्राम पंचायत में अपने क्षेत्र के प्रतिनिधित्व व स्व विकास हेतु महिलाओं को जो 1/3 अधिकार मिला है उसके तहत महिलाएं पारिवारिक दबदबे, रसुकता या आरक्षण की but वजह से चुन तो ली जाती हैं  किंतु उसके सभी अधिकार व दायित्व पति, पुत्र, ...
अवसाद पैदा करने वाले इस दौर में अपने बच्चों से बात कीजिये

अवसाद पैदा करने वाले इस दौर में अपने बच्चों से बात कीजिये

समसामयिक
कमलेश चंद्र जोशी देश बहुत गंभीर समस्याओं से गुजर रहा है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर क़हर बनकर देश पर टूट पड़ी है जिस वजह से तस्वीर और भयावह होती जा रही है. तमाम दोस्तों से बात करता हूँ तो पता चलता है किसी को नौकरी नहीं मिल रही तो किसी की नौकरी जा चुकी है या फिर सैलरी में कट लग चुका है because और किस दिन नौकरी से निकाल दिये जाएँ इसका भी पता नहीं है. जब वह जमीनी हकीकत बताते हैं तो एक सिहरन सी पैदा होने लगती है. असंगठित क्षेत्र के लघु मध्यम उद्योग व छोटी कंपनियों में से बहुतायत में ताले लग चुके हैं. जमीनी हकीकत अगर सरकारी कागजों में उतर पाती तो समझ आता कि जीडीपी रसातल पर पहुँच चुकी है. रोजगार के जो आंकड़े कागजों पर हैं वो सिर्फ दिखावटी हैं. जीडीपी रसातल बेरोजगारी पिछले 45 वर्षों के उच्चतम शिखर पर है. सर्विस सेक्टर की बात करूँ तो तमाम प्राइवेट कंपनियों ने पिछले साल ही मार्च-अप्रैल माह मे...
साप्ताहिक राशिफल: जानिए कैसा रहेगा आपका यह सप्ताह, 19 से 25 अप्रैल का राशिफल

साप्ताहिक राशिफल: जानिए कैसा रहेगा आपका यह सप्ताह, 19 से 25 अप्रैल का राशिफल

साप्ताहिक राशिफल
आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल मेष : मेष राशि के जातकों को इस सप्ताह अनजान भय सताता रहेगा. इस सप्ताह आय के मुकाबले खर्च की अधिकता बनी रहेगी. कार्यक्षेत्र में भी जिम्मेदारियों का अत्यधिक बोझ रहेगा. अति व्यस्तता के चलते परिवार के लिए भी समय न निकाल पाने के चलते मन में खिन्नता बनी रहेगी. अनावश्यक because यात्रा करने से बचें और खान-पान पर विशेष ध्यान दें, अन्यथा पेट संबंधी दिक्कत हो सकती है. सप्ताह के अंत में कार्यक्षेत्र में अथवा स्वजनों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है. प्रेम संबंध सामान्य बने रहेंगे. कठिन समय में जीवनसाथी का पूरा साथ मिलेगा. परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे छात्रों को सफलता के लिए अत्यधिक श्रम की आवश्यकता रहेगी. कार्यक्षेत्र वृषभ : वृष राशि के जातकों को इस सप्ताह इस बात का पूरा ख्याल रखना होगा कि कहीं हवन करते समय हाथ न जल जाये. दूसरों के मामलों में दख...
चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली
विश्व सांस्कृतिक विरासत दिवस वर्ल्‍ड हैरिटेज डे (18 अप्रैल) पर विशेष आगाज फेडरेशन ने बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को दिया ज्ञापन जे.पी. मैठाणी आज विश्व हैरिटेज दिवस है. इस दिवस को मनाये जाने की पहल 18 अप्रैल 1982 में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद द्वारा ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों के संरक्षण तथा प्रोत्साहन के लिए किया गया था. इस दिवस को दुनिया भर में पुरानी सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर जैसे- स्मारक, भवन, स्थापत्य कला, महत्वपूर्ण मानव निर्मित संरचनाओं के साथ-साथ पुराने पुरातत्विक महत्व के निर्माण कार्यों के लिए मनाया जाता है. विश्व हैरिटेज दिवस आज हम आपको उत्तराखण्ड के सीमांत जनपद चमोली के मुख्य कस्बे चमोली से गोपेश्वर जाते हुए मोटर पुल के दाईं ओर 1911 में अंग्रेजों द्वारा अलकनन्दा नदी (Alakananda River) पर बनाये गये पुराने पैदल पुल के खंडहरों और शानदार कटवा पत...
संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

अभिनव पहल, उत्तरकाशी
शशि मोहन रवांल्‍टा उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का गांव में जन्में जगमोहन बिजल्वाण दिल्ली में एक सफल उद्यमी हैं. अपने उत्साह, संघर्ष और कारोबारी सोच की बदौलत उन्होंने खुद का सफल बिजनेस खड़ा किया. वह कहते हैं कि एक सफल कारोबार के लिए सबसे अहम है- जीवन में जोखिम लेना और बाधाओं से because बिल्कुल भी नहीं घबराना. अक्सर उद्यमी सोच के युवा भी आराम दायक नौकरी और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में अपनी रचनात्मकता और कारोबारी प्रतिभा को मार लेते हैं, जबकि होना इसके उलट चाहिए. युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करना चाहिए, क्योंकि हम जिस वक्त में रह रहे हैं यह उद्यमशीलता का वक्त है. जो युवा जोखिम उठाते हैं, उनको सफलता जरूर मिलती है. स्वरोजगार कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़  खड़ा किया बिजनेस जगमोहन बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी लीग...
लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

पिथौरागढ़
हिमांतर ब्‍यूरो, पिथौरागढ़ बहादुर राम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके भतीजे किशोर ने चाचा को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन चाचा ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. न डीएम काम आया so और न ही सांसद ने फोन उठाया, जिन अधिकारियों ने फोन उठाया बस अपनी लाचारी सुना डाली. ऐसा हाल है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिला अस्पताल का, जहां ब्रेन हेमरे बज मरीज को ले जाने के so लिए सरकारी एंबुलेंस तक नहीं मिली. ऐसे में बहादुर राम तो मर गया, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की इस लाचारी पर कई सवाल खड़े कर गया. जिस जिला अस्पताल में एंबुलेंस न हो, इलाज के लिए डॉक्टर न हो, जिस जिले का जिलाधिकारी मुसीबत के वक्त फोन न उठाये... वह जिला फिर राम भरोसे ही है..सांसद और प्रशासन के नहीं... पिथौरागढ़ बहादुर राम को पिथौरागढ़ से हल्द्वानी ले जाने के लिए एंबुलेंस (Ambulance) नहीं मिली. उनके भतीजे किशोर ...
बामणों के घर में खुखरी थोड़ी होने वाली हुई

बामणों के घर में खुखरी थोड़ी होने वाली हुई

संस्मरण
पहाड़ की शैतानियां-1 ललित फुलारा पहाड़ की स्मृतियों के नाम पर मेरे पास शैतानियों की भरमार है. उट-पटांग किस्से हैं, जिनको स्मरण कर बस हंसी आती है. यकीन नहीं होता, बचपन इतना जिद्दी, उजड्ड, उद्दंड so और असभ्य रहा. जिद्दीपन अब भी है, पर शैतानियां साथ छोड़ गई हैं. उद्दंडता के बाद बचपन में पड़ने वाली ईजा की मार और गालियां अब भी आंचल-सी लिपटी महसूस होती हैं. उंगलियों से ईजा की धोती के पल्लू को लपेटकर सिसकियां भरने so वाले दृश्य जेहन में उभर आते हैं. ईजा जितनी बार गुस्सा होती, सिर फोड़ने और कमर तोड़ने की ही बात करती! पहाड़ की संस्कृति में इन दो गालियों का अपना ही रसास्वादन है. विरला ही होगा जिसकी ईजा ने उस पर इन गालियों का स्नेह न बरसाया हो. कमर कमर के मामले में, मैं सौभाग्यशाली रहा पर सिर बहुत बार फूटा. ऐसा फूटा हुआ है कि अगर कपाल के बाल दान कर दिए जाएं, तो घाव के निशान प्रामाणिकता के...
आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

शिक्षा
हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्‍ली क्या आप जानते हैं कि प्रशिक्षित कुत्ते आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं? यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह खुलासा एक नये शोध में हुआ है. so जिसमें कहा गया है कि प्रशिक्षित कुत्ते 96 फीसदी तक सार्स सीओवी-2 वायरस को पेशाब में सूंघ सकते हैं. दरअसल, कुत्तों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों को विशिष्ट गंध के जरिए सूंघने में सक्षम माना जाता है. शोधों में यह बात सामने Because आई है कि सार्स सीओवी- 2 की गंध काफी मजबूत होती है, जिसका कुत्ते लार और पसीने के नमूनों के जरिए पता लगा सकते हैं. यहां तक की दुबई एयरपोर्ट पर कोविड-19 (COVID -19)  का पता लगाने के लिए कुत्तों को पहले ही तैनात किया जा चुका है. हालांकि, अभी यह पूरी तरह से ज्ञात soनहीं है कि कुत्ते पेशाब के नमूनों के जरिए पूरी तरह से कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं कि नहीं, क्योंकि शोध का कहना है कि पेशाब के...